प्रशांत किशोर ने खुद की राजनीतिक पार्टी 'जन सुराज' लॉन्च की, मनोज भारती बने अध्यक्ष
क्या है खबर?
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी 'जन सुराज' लॉन्च कर दी है। पटना में वेटनरी कालेज के मैदान में उन्होंने अपनी पार्टी की शुरुआत की है।
मनोज भारती को पार्टी का पहला कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया है। वे अगले साल मार्च तक पार्टी के अध्यक्ष रहेंगे।
इस दौरान प्रशांत ने कहा कि 2 अक्टूबर का दिन बिहार की राजनीति के इतिहास का बहुत बड़ा दिन होगा।
बयान
प्रशांत ने दिया 'जय बिहार' का नारा
मंच पर पहुंचने ही प्रशांत ने 'जय बिहार' का नारा लगवाया।
इसके बाद कहा, "आप सभी को 'जय बिहार' इतनी जोर से बोलना है कि कोई आपको और आपके बच्चों को बिहारी न कहे और यह एक गाली जैसा लगे। आपकी आवाज दिल्ली और बंगाल तक पहुंचनी चाहिए, जहां बिहार के छात्र हैं। इसे तमिलनाडु और बंबई तक पहुंचना चाहिए, जहां भी बिहारी बच्चों के साथ दुर्व्यवहार किया गया और उन्हें पीटा गया।"
शराबबंदी
सरकार बनी तो एक घंटे में शराबबंदी हटाएंगे- प्रशांत
प्रशांत ने कहा, "हमारी सरकार बनेगी तो एक घंटे के अंदर शराबबंदी को उठाकर फेंक देंगे। शराबबंदी और पढ़ाई का लेना-देना है। अगर बिहार में विश्वस्तरीय शिक्षा व्यवस्था बनानी है तो 5 लाख करोड़ रुपये चाहिए। शराबबंदी हटाएंगे और उससे आने वाले टैक्स का पैसा बजट में नहीं जाएगा। हर साल 20 हजार करोड़ रुपये का शराबबंदी से नुकसान हो रहा है। अगर 20 साल तक इस पैसे को खर्च करें तो बिहार की शिक्षा व्यवस्था बदल जाएगी।"
बिहार
प्रशांत बोले- पढ़ाई-रोजगार के लिए वोट देना होगा
प्रशांत ने कहा, "आपने अनाज के लिए वोट दिया तो अनाज मिल रहा, बिजली के लिए वोट दिया तो बिजली भी मिल रही है, आवाज के लिए वोट दिया तो पिछड़ों को आवाज भी मिली है। मगर किसी ने अपने बच्चों की पढ़ाई और रोजगार के लिए वोट नहीं दिया। इसलिए बिहार के बच्चे अनपढ़ और मजदूर रह गए। एक बार पढ़ाई और रोजगार के लिए वोट देना होगा, बच्चों के विकास के लिए वोट देना होगा।"
मनोज भारती
कौन हैं जन सुराज के पहले अध्यक्ष मनोज भारती?
मनोज मधुबनी के रहने वाले हैं और दलित समुदाय से आते हैं। उन्होंने IIT दिल्ली और IIT कानपुर से पढ़ाई की है।
इसके बाद वे भारतीय विदेश सेवा (IFS) में भी रहे हैं। इस दौरान उन्होंने यूक्रेन और बेलारूस समेत 4 देशों में भारत के राजदूत के तौर पर सेवाएं दी हैं।
प्रशांत ने कहा कि हमने किसी दलित समाज के व्यक्ति को ही अध्यक्ष बनाने की बात कही थी, क्योंकि जिसकी जितनी संख्या है, उसको उतनी भागीदारी दी जाएगी।
शुरुआत
कब हुई थी जन सुराज की शुरुआत?
प्रशांत ने 2 मई, 2022 को जन सुराज की शुरूआत की थी। तब प्रशांत ने कहा था कि उनका पहला काम बिहार की मिट्टी और यहां के मुद्दों को समझने वालों को एक मंच पर लाकर खड़ा करना होगा।
इसके बाद उन्होंने पदयात्रा शुरू की थी, जो अब तक बिहार के 17 जिलों से गुजरी है। उनके संगठन ने बताया कि अभी तक प्रशांत लगभग 5,000 किलोमीटर की पदयात्रा में 5,500 से अधिक गांवों में जा चुके हैं।