चौथी बार मसूद अजहर की ढाल बना चीन, वैश्विक आतंकी मानने के प्रस्ताव पर किया वीटो
चीन ने एक बार फिर मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की प्रक्रिया में रोड़ा अटका दिया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने केे लिए लाए गए प्रस्ताव पर चीन ने वीटो कर दिया। यह चौथी बार है जब चीन ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर वीटो किया है। बता दें, जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 40 जवान शहीद हुए थे।
चीन ने लगाई 'तकनीकी रोक'
अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की '1267 अल कायदा सैंक्शन्स कमेटी' के तहत फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने प्रस्ताव पेश किया था। इस पर विचार करने के लिए 10 कार्य दिवस का समय दिया गया था। यह अवधि 13 मार्च को रात 12:30 बजे खत्म होनी थी। इससे पहले चीन ने इस पर 'तकनीकी रोक' लगा दी। चीन ने कहा है कि उसे प्रस्ताव पर विचार करने के लिए और वक्त चाहिए।
छह महीने जारी रहेगी रोक
चीन द्वारा लगाई गई रोक छह महीने तक जारी रहेगी। उसके बाद इस रोक को तीन महीने आगे बढ़ाया जा सकता है। चीन के इस कदम को भारत की आतंक के खिलाफ लड़ाई के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
भारत ने जताई निराशा
भारत ने चीन द्वारा इस प्रस्ताव पर वीटो करने के फैसले पर निराशा जताई है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि UNSC अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने वाले प्रस्ताव पर निर्णय नहीं ले पाई क्योंकि एक सदस्य देश ने प्रस्ताव रोक दिया। मंत्रालय ने आगे कहा कि भारत सभी उपलब्ध विकल्पों पर काम करता रहेगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारतीय नागरिकों पर हुए हमलों में शामिल आतंकियों को न्याय के कठघरे में खड़ा किया जा सके।
अमेरिका ने चीन को चेताया
अमेरिका ने चीन द्वारा वीटो का इस्तेमाल किए जाने पर उसे सख्त लहजे में चेतावनी दी है। अमेरिका ने कहा कि चीन की मदद से पाकिस्तान अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित होने से बचाता रहा है। यह चौथी बार है जब चीन ने ऐसा किया है। अमेरिका ने कहा कि चीन अगर इसी तरह अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित होने से बचाता रहा तो UNSC के अन्य सदस्यों को सख्त रुख अपनाना पड़ेगा, लेकिन बात यहां तक नहीं पहुंचनी चाहिए।
अमेरिका की प्रतिक्रिया
पहले कब-कब चीन ने अड़ाया रोड़ा
मसूद अजहर के खिलाफ कार्रवाई का चीन हमेशा से विरोध करता आया है। भारत सबसे पहले 2009 में संयुक्त राष्ट्र में अजहर के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रस्ताव लेकर आया था। इसके बाद साल 2016 और 2017 में भारत ने अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव दिया। हर बार चीन ने इन प्रस्तावों पर वीटो का इस्तेमाल कर गिरा दिया था। अब एक बार फिर चीन ने अपनी पुरानी चाल चलकर मसूद अजहर को बचा लिया है।
पाकिस्तान की मदद क्यों कर रहा है चीन?
चीन पाकिस्तान में भारी आर्थिक निवेश कर रहा है और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) उसके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि वह हर बार पाकिस्तान के साथ खड़ा होता है और उसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर समर्थन प्रदान करता है। इसके अलावा चीन, भारत और अमेरिका की दोस्ती को अपने लिए खतरे के तौर पर देखता है। इसलिए वह चाहता है कि भारत आतंक के मसले से जूझता रहे।
मसूद अजहर ने कराए हैं भारत पर कई बड़े आतंकी हमले
पुलवामा में CRPF काफिले पर हमला जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ने ही किया था। इस हमले में 40 जवान शहीद हुए थे। जैश इसके अलावा भी भारत में कई बड़े आतंकी हमले करवा चुका है। दिंसबर 2001 में संसद पर हुआ हमला जैश ने ही किया था। उसने जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर भी फिदायीन हमला कराया था। इसके अलावा उरी और पठानकोट में सेना के कैंप पर हुए हमलों में भी जैश का हाथ था।
पाकिस्तान में है मसूद अजहर
संसद भवन हमला और पुलवामा हमले का मुख्य आरोपी अजहर पाकिस्तान में है। खुद पाकिस्तान सरकार ने यह स्वीकार किया था कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सरगना उसके देश में है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने CNN को दिए इंटरव्यू में कहा कि मसूद पाकिस्तान में है और बेहद बीमार है। उन्होंने कहा कि वह इतना बीमार है कि घर से नहीं निकल सकता। उन्होंने कहा कि भारत को उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए सबूत देने होंगे।