नर्सिंग पाठ्यक्रम की किताब में बताए दहेज के फायदे, लिखा- बदसूरत लड़कियों की शादी में मददगार
क्या है खबर?
नर्सिंग पाठ्यक्रम में शामिल समाजशास्त्र की किताब का एक पेज इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
'दहेज के गुण' (Merits of Dowry) उपशीर्षक वाले इस पेज में दहेज प्रथा के गुणों और लाभों के बारे में बताया गया है।
इस पेज के वायरल होने के बाद एक नए विवाद ने जन्म ले लिया है कि जिस देश में दहेज प्रथा को गैरकानूनी करार दिया गया है, वहां इसके फायदे बताकर इसे जायज कैसे ठहराया जा सकता है।
प्रकरण
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, भारतीय नर्सिंग परिषद के पाठ्यक्रम में शामिल समाजशास्त्र की एक किताब में 'दहेज के गुण' शीर्षक से एक पाठ को शामिल किया गया है।
इस किताब के कवर पर भारतीय नर्सिंग परिषद पाठ्यक्रम भी लिखा है। यह किताब Bsc नर्सिंग के द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम का हिस्सा है। इस किताब को टीके इंद्राणी द्वारा लिखा गया है।
इस किताब के कवर और उसकी जानकारी के बारे में जानकर लोग काफी हैरान हैं।
फायदे
किताब में क्या बताए गए हैं दहेज के फायदे?
इस किताब में दहेज के फायदे बताते हुए लिखा गया है, 'फर्नीचर, रेफ्रिजरेटर, वाहनों जैसे उपकरण के साथ दहेज नया घर स्थापित करने में काफी सहायक है। इसी तरह दहेज प्रथा का एक अप्रत्यक्ष लाभ यह भी हुआ है कि माता-पिता ने शादियों में कम दहेज देने के लिए अपनी लड़कियों को शिक्षित करना शुरू कर दिया है।'
पाठ के अंत में लिखा है, 'आकर्षक दहेज के जरिए बदसूरत दिखने वाली लड़कियों की भी शादी की जा सकती है।'
विरोध
राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने की पाठ को हटाने की मांग
इस पाठ का विरोध करते हुए शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट किया, 'मैं शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से ऐसी पुस्तकों को प्रचलन से हटाने का अनुरोध करती हूं। दहेज के फायदों को विस्तार से बताने वाली पाठ्यपुस्तक वास्तव में हमारे पाठ्यक्रम में मौजूद हो सकती है, यह देश और उसके संविधान के लिए शर्म की बात है।'
उन्होंने लिखा, 'यह और भी चिंताजनक है कि इस तरह की जानकारी देने वालों पर कार्रवाई नहीं की गई।'
बयान
कई अन्य लोगों ने भी जताया है विरोध
प्रियंका के ट्वीट के बाद एक अन्य यूजर ने लिखा, 'यह एक कॉलेज की पाठ्यपुस्तक से है। वास्तव में चौंकाने वाला है।' दूसरे यूजर ने लिखा, 'यह अपमानजनक है। दहेज के फायदों का प्रचार करने वाली पाठ्यपुस्तक को हटाने की जरूरत है।'
निंदा
भारतीय नर्सिंग परिषद ने भी की है घटना की निंदा
इस मामले के तूल पकड़ने के बाद भारतीय नर्सिंग परिषद (INC) ने भी इसकी निंदा की है।
INC ने लिखा, 'कुछ लेखक नर्सों के लिए समाजशास्त्र की किताब में घटिया सामग्री प्रकाशित करने के लिए INC पाठ्यक्रम का हवाला दे रहे हैं। INC देश के मौजूदा कानून के खिलाफ किसी भी सामग्री की कड़ी निंदा करती है। स्पष्ट है कि INC केवल अपनी वेबसाइट पर रखे गए विभिन्न नर्सिंग कार्यक्रमों के लिए पाठ्यक्रम निर्धारित करता है।'
बयान
किसी भी लेखक या प्रकाशक का समर्थन नहीं करती INC
INC ने एक अन्य ट्वीट के जरिए लिखा, 'INC एक नीति के रूप में किसी भी लेखक या प्रकाशन का समर्थन नहीं करती है और न ही किसी लेखक को अपने प्रकाशनों के लिए INC के नाम का उपयोग करने की अनुमति देती है।
अपराध
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
बता दें कि दहेज लेना या देना देश के कानून में गैरकानूनी है। दहेज प्रथा के कारण रोजाना महिलाओं को मानसिक, शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है। कई मामलों में महिलाओं की हत्या तक कर दी जाती है।
यही कारण है कि सरकार ने दहेज में दहेज प्रथा को लेकर दहेज निषेध अधिनियम 1961 और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 304B और 498A के तहत गैरकानूनी बताया है। यह गंभीर अपराधों की श्रेणी में आता है।