स्मृति ईरानी के डिग्री विवाद को लेकर चुनाव आयोग पहुंची कांग्रेस, कार्रवाई की मांग
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक बार फिर अपनी डिग्री को लेकर चर्चा में हैं। अमेठी से भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने नामांकन के समय दिए गए हलफनामे में खुद को 12वीं पास बताया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने तीन साल का ग्रेजुएशन डिग्री कोर्स पूरा नहीं किया है। इससे पहले 2004 में उन्होंने हलफनामा देकर खुद को ग्रेजुएट बताया था। उनके इन विरोधाभासी दावों को लेकर कांग्रेस ने स्मृति ईरानी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
स्मृति ईरानी ने किया पलटवार
कांग्रेस ने चुनाव आयोग को मेमोरंडम भेजकर स्मृति ईरानी के झूठे दावों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग की। कांग्रेस ने कहा कि स्मृति के सारे हलफनामे अलग-अलग जानकारी देते हैं। इसके जवाब में स्मृति ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि महिला होने के नाते ऐसी कोई प्रताड़ना नहीं है जो कांग्रेस नेताओं ने उनके साथ नहीं की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस उन्हें जितना अपमानित करेंगी, वे उतनी ही जमकर अमेठी में कांग्रेस के खिलाफ काम करेंगी।
स्मृति ने खुद को बताया 12वीं पास
2019 लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन करते समय स्मृति ने खुद को 12वीं पास बताया है। इसमें उन्होंने कहा है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्राचार के जरिए उन्होंने बीकॉम में दाखिला लिया था, लेकिन यह डिग्री पूरी नहीं की।
कांग्रेस ने कहा- हलफनामों में विरोधाभास
कांग्रेस ने कहा कि स्मृति का यह हलफनामा उनके 2004, 2011, 2014 और 2017 में दिए गई हलफनामों से अलग है। कांग्रेस ने कहा कि स्मृति ने 2004 में खुद को ग्रेजुएट बताया था। उन्होंने जानकारी दी थी कि उन्होंने 1996 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्राचार के माध्यम से बीए किया है। इसके बाद 2011 में उन्होंने राज्यसभा नामांकन के समय खुद को दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्राचार के माध्यम से बीकॉम फर्स्ट ईयर में नामांकित बताया था।
कार्रवाई की मांग
इसके बाद 2014 में स्मृति ईरानी की क्वालिफिकेशन फिर बदल गई। कांग्रेस ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनावों में फिर वह बीए पास कर लेती हैं। अब फिर से वह बीकॉम फर्स्ट ईयर की डिग्री हो गई हैं। पार्टी ने कहा कि स्मृति ईरानी के खिलाफ जनप्रतिनिधि कानून, 1950 और दूसरे कानूनों के तहत कार्रवाई की जाए। जानकारी के लिए बता दें कि स्मृति ईरानी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं।