उत्तर प्रदेश: जबरन धर्म परिवर्तन के आरोप में धरे गए दो लोग, ATS ने की गिरफ्तारी
उत्तर प्रदेश पुलिस की एंटी-टेररिज्म स्क्वॉड (ATS) को जबरन धर्म परिवर्तन मामले में बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। ATS ने कथित तौर पर मूकबधिर, महिलाओं और बच्चों को निशाना बनाकर धर्म परिवर्तन करवाने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी और मोहम्मद उमर गौतम के रूप में हुई है और ये दोनों लखनऊ स्थित एक इस्लामिक सेंटर से जुड़े हैं। उत्तर प्रदेश के ADG (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने यह जानकारी दी है।
दिल्ली के रहने वाले हैं दोनों आरोपी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों आरोपी दिल्ली के बाटला हाउस इलाके के रहने वाले हैं। इन पर अब तक 1,000 लोगों का धर्म परिवर्तन कराने का आरोप है। पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपियों ने नोएडा के एक स्कूल में पढ़ने वाले लगभग एक दर्जन बच्चों का धर्म परिवर्तन कराया है। इस मामले में लखनऊ के गोमती नगर पुलिस थाने में राज्य के नए धर्म-परिवर्तन रोधी कानून के तहत FIR दर्ज की गई है।
आरोपियों को विदेशों से मिल रही थी मदद- पुलिस
प्रेस कॉन्फ्रेंस में ADG कुमार ने बताया कि दोनों आरोपियों को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया है और पुलिस के पास इस बात के सबूत हैं कि इन्हें विदेशों से मदद मिल रही थी। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि वो हर साल 250-300 लोगों का धर्म परिवर्तन करते थे। उन्होंने कहा कि इस मामले में पहले गिरफ्तार हुए दो आरोपियों से जानकारी मिली थी कि एक बड़ा गैंग लालच देकर लोगों का धर्म परिवर्तन करवा रहा है।
धर्म परिवर्तन के लिए दी जाती थी बड़ी रकम- पुलिस
NBT के अनुसार, कुमार ने बताया कि उमर गौतम हिंदू धर्म छोड़कर मुसलमान बने हैं और उन्होंने उत्तर प्रदेश के कई जिलों से गैर मुस्लिम मूकबधिर, महिलाओं और बच्चों का धर्म परिवर्तन किया है। उन्होंने मीडिया को बताया कि गौतम अपने साथियों के साथ मिलकर दिल्ली के जामिया नगर में एक संस्था चलाते हैं, जिसका मुख्य काम गैर-मुस्लिम लोगों का धर्म परिवर्तन कराना है। इस काम के लिए बड़ी रकम दी जाती है।
"बच्चों को दिया जाता था शादी और नौकरी का लालच"
कुमार ने कहा कि नोएडा में मूकबधिरों के एक रेजिडेंशियल स्कूल में छात्रों को नौकरी और शादी का प्रलोभन देकर उनका धर्म परिवर्तन कराया जाता है और उनके परिजनों को इसकी जानकारी नहीं होती। उन्होंने बताया कि एक बच्चे के परिजनों ने बताया कि उनके बेटे का धर्म परिवर्तन दक्षिण के किसी राज्य में ले जाया गया। एक वीडियो कॉल के जरिये उनके बच्चे ने उन्हें इसकी जानकारी दी। ऐसा ही एक मामला गुरूग्राम में सामने आया था।