बदलापुर मामला: पुलिस की जवाबी गोलीबारी में नाबालिगों से यौन उत्पीड़न के आरोपी की मौत
महाराष्ट्र के ठाणे के बदलापुर में एक स्कूल में 2 बच्चियों का यौन उत्पीड़न करने के आरोपी अक्षय शिंदे की सोमवार को पुलिस की जवाबी गोलीबारी में मौत हो गई। दरअसल, आरोपी को पुलिस जेल से अपने साथ ले जा रही थी। उसी दौरान आरोपी ने पुलिस वाहन में एक पुलिसकर्मी की बंदूक छीनकर पुलिसकर्मियों पर फायरिंग कर दी। इसमें दो पुलिस अधिकारी घायल हो गए। जवाबी कार्रवाई में आरोपी की गोली लगने से मौत हो गई।
ऐसे घटी पूरी वारदात
ठाणे अपराध शाखा के अनुसार, पुलिस टीम शाम साढ़े 5 बजे आरोपी को तलोजा जेल से बदलापुर ले जा रही थी। उस दौरान आरोपी ने मुंब्रा बाईपास के पास पुलिस वाहन में एक पुलिसकर्मी की रिवॉल्वर छीनकर पुलिस टीम पर गोलीबारी कर दी। इसमें 2 पुलिस अधिकारी घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि जवाबी कार्रवाई में आरोपी अक्षय को गोली लग गई। उसे कलवा अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां शाम को उसने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।
आरोपी की गोलीबारी में घायल हुए ये पुलिसकर्मी
पुलिस ने बताया कि इस घटना में घायल हुए पुलिस अधिकारियों में सहायक पुलिस निरीक्षक (ASI) नीलेश मोरे और पुलिस निरीक्षक (CI) संजय शिंदे शामिल हैं, जिन्होंने आरोपी को गोली मारी थी। संजय शिंदे दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर की गिरफ्तारी में शामिल थे, जब वे एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा के अधीन ठाणे क्राइम ब्रांच के एंटी-एक्सटॉर्शन सेल से जुड़े थे। वह बदलापुर मामले की जांच के लिए राज्य द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) के सदस्य हैं।
पुलिस ने आत्मरक्षा में चलाई गोली- मुख्यमंत्री
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी इस मामले में बयान जारी किया है। उन्होंने कहा, "पुलिस अक्षय शिंदे को जांच के सिलसिले में जेल से ला रही थी। उसके खिलाफ उसकी पहली पत्नी ने यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया था। इस दौरान आरोपी ने एक पुलिसकर्मी नीलेश मोरे की रिवॉल्वर छीनकर गोली चला दी, जिसमें वह घायल हो गए। इसके बाद पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलाई। जांच के बाद मामले की अधिक जानकारी सामने आएगी।"
यहां देखें मुख्यमंत्री का पूरा बयान
विपक्ष ने कसा सरकार पर तंज
शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने एक्स पर लिखा, 'आरोपी की मौत हो चुकी है और POCSO के तहत अन्य सह-आरोपी, जो स्कूल बोर्ड के सदस्य और भाजपा के पदाधिकारी थे, फरार हैं। एक अक्षम सरकार द्वारा अपनाई गई 'गोली चलाओ और भाग जाओ' की रणनीति का एक पाठ्यपुस्तक मामला।' उन्होंने आगे लिखा, 'जल्द ही खबर आएगी कि 6 साल की उन बच्चियों का किसी ने भी यौन शोषण नहीं किया। यह कहानी राज्य सरकार द्वारा लिखी गई है।'
स्कूल चेयरमैन और सचिव अग्रिम जमानत के लिए हाई कोर्ट पहुंचे
इस मामले में बदलापुर स्कूल के अध्यक्ष और सचिव ने अग्रिम जमानत के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। घटना की सूचना तुरंत पुलिस को न देने और लापरवाही बरतने के आरोप में दोनों के खिलाफ POCSO अधिनियम के संबंधित प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। विशेष अदालत द्वारा अग्रिम जमानत देने से इनकार करने के बाद दोनों हाई कोर्ट पहुंचे हैं। इस याचिका पर कोर्ट ने 1 अक्टूबर के लिए सुनवाई निर्धारित की है।
क्या है नाबालिगों से यौन उत्पीड़न का मामला?
बदलापुर के आदर्श स्कूल में 12 और 13 अगस्त को 23 साल के सफाईकर्मी अक्षय शिंदे ने 3 और 4 साल की 2 बच्चियों का यौन शोषण किया था। जब दोनों बच्चियां स्कूल जाने से डरने लगीं तो माता-पिता ने उनसे बात की, जिसमें सच्चाई सामने आई। इसके बाद बच्चियों की जांच करवाई गई, जिसमें यौन शोषण की पुष्टि हुई। भारी विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस ने 16 अगस्त को मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया था।