मिजोरम के साथ सीमा विवाद में सुप्रीम कोर्ट जाएगा असम
असम पड़ोसी राज्य मिजोरम के साथ सीमा विवाद के मामले में सुप्रीम कोर्ट जाएगा। राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने आज ये ऐलान किया। वहीं अपने और अन्य अधिकारियों के खिलाफ मिजोरम में दर्ज की गई FIR पर उन्होंने कहा कि अगर इससे विवाद सुलझता है तो वे समन का जवाब देने को तैयार हैं। हालांकि उन्होंने साफ किया कि वे अपने राज्य के किसी अधिकारी से पूछताछ नहीं करने देंगे।
सरमा ने सुबह ही अमित शाह और मिजोरम के मुख्यमंत्री से की थी बातचीत
सरमा का ये बयान ऐसे समय पर आया है जब आज सुबह ही उनकी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा से फोन पर बातचीत हुई थी। इस बातचीत के बाद जोरामथंगा ने कहा था कि उनमें बातचीत के जरिए मिजोरम-असम सीमा विवाद का हल ढूढने पर सहमति बनी है। उन्होंने अपने राज्य के लोगों से सोशल मीडिया पर संवेदनशील पोस्ट न करने और इसका सकारात्मक इस्तेमाल करने की अपील भी की है।
सरमा के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द कर सकती है मिजोरम सरकार
मिजोरम सरकार सरमा के खिलाफ दर्ज की गई FIR को रद्द करने पर भी विचार कर रही है। इसका संकेत देते हुए मिजोरम के मुख्य सचिव लालनुनमाविया चुआंगो ने कहा कि FIR को रद्द करने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "मुझे और मुख्यमंत्री जोरामथंगा को इस बारे में पता नहीं था। अब मुख्यमंत्री ने मुझसे इस पर विचार करने को कहा है और मैं संबंध में पुलिस अधिकारियों से बात करूंगा।"
क्या है असम और मिजोरम का सीमा विवाद?
मिजोरम के आईजोल, कोलासिब और मामित और असम के कछार और हैलाकांडी जिलों के बीच दोनों राज्यों की सीमाएं स्पष्ट नहीं हैं। इसे क्षेत्र विवादित माना जाता है और यहां समय-समय पर झड़पें होती रहती हैं। हालिया समय में कोसाबिल-कछार सीमा पर विवाद बढ़ गया था और जमीन पर अतिक्रमण हटाने का असम पुलिस का अभियान इसका कारण बना था। लोग जमीन को खाली करना नहीं चाहते थे और इससे तनाव बढ़ता जा रहा था।
सोमवार को भड़की हिंसा में मरे थे असम पुलिस के छह जवान
बीते सोमवार को इलाके में असम पुलिस और मिजोरम पुलिस और लोगों के बीच हिंसा भड़क गई जिसमें अंधाधुंध गोलियां तक चलीं। इस फायरिंग में असम पुलिस के छह जवानों की मौत हो गई थी। देश के दो राज्यों के बीच इस हिंसा ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था और मामले में केंद्र सरकार को दखल देना पड़ा था। इस हिंसा के बाद से ही इलाके में CRPF तैनात है और पुलिस के आने पर पाबंदी है।
असम सरकार ने लोगों से किया था मिजोरम जाने से मना
मामले में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए थे, वहीं असम ने को ट्रैवल एडवायजरी तक जारी कर दी थी। सरमा ने असम के लोगों से कहा था कि जब तक मिजोरम सरकार वहां के नागरिकों के पास मौजूद हथियार जब्त नहीं कर लेती, तब तक वहां न जाएं। उन्होंने कहा था, "जब वहां आम लोगों के पास स्नाइपर और AK-47 राइफल्स हैं, आप लोगों को वहां जाने की इजाजत कैसे दे सकते हैं?"