जम्मू-कश्मीर: पत्थरबाजी जैसी गतिविधियों में शामिल युवाओं को नहीं मिलेगी सिक्योरिटी क्लियरेंस
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी और दूसरी ऐसी गतिविधियों में शामिल रहे युवाओं को अब सिक्योरिटी क्लियरेंस मिलना मुश्किल होने जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस की CID विंग की तरफ से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि पत्थरबाजी, कानून व्यवस्था भंग करने या किसी दूसरी गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल रहे युवाओं को सिक्योरिटी क्लियरेंस नहीं दी जानी चाहिए।
सरकारी नौकरी पाने, पासपोर्ट बनवाने और सरकारी योजनाओं का लाभार्थी बनने के लिए इस क्लियरेंस की जरूरत होती है।
सर्कुलर
सर्कुलर में क्या कहा गया है?
इंडिया टुडे के अनुसार, सर्कुलर में कहा गया है कि सभी फील्ड यूनिट को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है कि पासपोर्ट, सरकारी सेवाओं और योजनाओं से जुड़े सत्यापन के दौरान उस व्यक्ति की कानून-व्यवस्था, पत्थरबाजी और दूसरे अपराधों में संलिप्तता पर ध्यान दिया जाए और पुलिस थाने से उसके रिकॉर्ड की पुष्टि की जाए।
इसमें आ कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल पाया जाता है तो उसे सिक्योरिटी क्लियरेंस न दी जाए।
जानकारी
डिजिटल सबूत देखने की भी सलाह
सर्कुलर में पुलिस रिकॉर्ड के साथ-साथ CCTV फुटेज, फोटो, वीडियो और ऑडियो क्लिप, पुलिस, सुरक्षा एजेंसियों के रिकॉर्ड में उपलब्ध क्वाडकॉप्टर इमेज जैसे डिजिटल सबूत देखने की भी बात कही गई है ताकि किसी कानून तोड़ने वाले व्यक्ति को सिक्योरिटी क्लियरेंस न मिल सके।
बयान
यह 'बदलता कश्मीर' है- सिन्हा
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा था कि यह 'बदलता कश्मीर' है और यहां शुक्रवार को होने वाली पत्थरबाजी इतिहास की बात हो गई है।
द प्रिंट को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि 20,000 से अधिक के प्रस्तावों के साथ निवेशक कश्मीर में निवेश के इच्छुक हैं और बीते एक साल में यहां बेरोजगारी दर घटकर आधी रह गई है। हजारों की संख्या में युवा सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर
आतंकी संगठनों में युवाओं की भर्ती कम हुई- सिन्हा
सिन्हा ने अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर के युवाओं के आतंकवाद के रास्ते पर आगे बढ़ने की रिपोर्ट्स को खारिज करते हुए कहा कि यहां एक समय हर शुक्रवार को पत्थरबाजी होती थी। अब यह इतिहास की बात हो गई है। आतंकी संगठनों में स्थानीय युवाओं की भर्ती कम हुई है। लोगों के मन से डर निकल गया है। कश्मीर में देशभर के सबसे ज्यादा पर्यटक आ रहे हैं। इससे पता चलता है कि यहां हालात बेहतर हुए हैं।
बयान
सिन्हा बोले- कश्मीर में आया सकारात्मक बदलाव
सिन्हा ने कहा था, "दो सालों में कश्मीर में सकारात्मक बदलाव आया है। कुछ लोग इस बदलाव को नहीं देख रहे हैं क्योंकि यह उन्हें पसंद नहीं है, लेकिन लोग इसे पसंद कर रहे हैं। कुछ लोग अभी भी गुस्से में हैं। ये एक नई तरह का जम्मू-कश्मीर है।"
उन्होंने कहा, "अब लोगों की शिकायतें संवेदनशीलता से सुनी जा रही हैं। हमने भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन दिया है। वो दिन गए जब, बिना प्रशासनिक मंजूरी के चीजें हो जाती थीं।"