असम: बाल विवाह के खिलाफ अभियान में 2,200 से अधिक गिरफ्तारियां, महिलाओं ने किया प्रदर्शन
असम में बाल विवाह खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत लगातार कार्रवाई हो रही है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, असम पुलिस ने राज्य में अब तक 4,074 केस दर्ज कर 2,200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें बाल विवाह करवाने वाले पंडित और काजी भी शामिल हैं। वहीं डुबरी जिले में बड़ी संख्या में महिलाओं ने उनके पतियों और बेटों की गिरफ्तारी के खिलाफ पुलिस थाने के सामने प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारी महिलाओं का क्या है कहना?
प्रदर्शनकारी महिलाओं का आरोप है कि परिजनों की गिरफ्तारी के कारण उन्हें आर्थिक समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है। एक महिला ने कहा, "मेरा बेटा एक नाबालिग लड़की के साथ भाग गया था। उसने गलती की, लेकिन मेरे पति को क्यों गिरफ्तार किया गया?" वहीं एक अन्य महिला ने कहा, "जब मेरी बहू की शादी हुई थी तो वह 17 वर्ष की थी। अब वह 19 वर्ष की है और पांच महीने की गर्भवती है। उसकी देखभाल कौन करेगा?''
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर किया लाठीचार्ज
कार्रवाई से गुस्साए लोगों ने डुबरी के तमरहाट पुलिस स्टेशन के बाहर जमकर नारेबाजी की। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए लाठीचार्ज और आंसूगैस का इस्तेमाल भी किया। ANI के मुताबिक, शनिवार शाम 6 बजे तक 2,258 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
मामलों में नहीं दिखाई जाएगी कोई सहानुभूति- मुख्यमंत्री सरमा
लोगों के विरोध के बीच असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि राज्य में 2026 में विधानसभा चुनाव होने तक बाल विवाह के खिलाफ पुलिस का अभियान जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि इन मामलों में सहानूभूति दिखाने का सवाल नहीं है क्योंकि कार्रवाई आने वाली पीढ़ी को बचाने के लिए यह अत्यंत आवश्यक है। मुख्यमंत्री सरमा ने कहा, "एक छोटी लड़की की शादी हो जाना...क्या हमने उस लड़की के दर्द के बारे में सोचा है?"
असदुद्दीन ओवैसी ने असम सरकार पर साधा निशाना
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बाल विवाह करने वाले लोगों की गिरफ्तारी को लेकर असम सरकार पर निशाना साधा है। ओवैसी ने कहा, "असम में पिछले छह साल से भाजपा की सरकार है। आप (मुख्यमंत्री सरमा) पिछले छह वर्षों के दौरान क्या कर रहे हैं? यह आपकी पिछले छह साल की विफलता है। आप नाबालिग लड़कियों से विवाह करने वालों को जेल भेज रहे हैं। अब उन लड़कियों की देखभाल कौन करेगा?"
असम सरकार ने किया है कड़ी कार्रवाई का ऐलान
बता दें कि असम सरकार ने हाल ही में 14 वर्ष से कम आयु की लड़कियों से शादी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का ऐलान किया था। ऐसा करने वालों के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) कानून के तहत केस दर्ज किया जाएगा। वहीं 14 से 18 वर्ष की आयु की लड़कियों से शादी करने वालों की बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत गिरफ्तारी भी की जाएगी।
असम में मातृ और शिशु मृत्यु दर ज्यादा
रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (RGI) के मुताबिक, साल 2018-20 में असम में मातृ मृत्यु दर सबसे अधिक रही और एक लाख शिशुओं को जन्म देने के दौरान 195 प्रसूताओं की मौत हो गई। असम का शिशु मृत्यु दर में देश में तीसरा स्थान है और जन्म लेते ही 1,000 में से 32 शिशुओं की मौत हो जाती है। असम सरकार का मनाना है कि राज्य में बाल विवाह के कारण मातृ और शिशु मुत्यु दर बढ़ रही है।