भाजपा सांसद का विवादित बयान, कहा- केवल अनपढ़ पंचरवाले कर रहे हैं नागरिकता कानून का विरोध

बेंगलुरू दक्षिण से भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने रविवार को नागरिकता कानून के समर्थन में निकाली गई रैली में एक ऐसा बयान दिया जिसके लिए उन्हें तीखी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि केवल अनपढ़ पंचरवाले इस कानून का विरोध कर रहे हैं। आलोचकों का कहना है कि सूर्या ने इस बयान के जरिए गरीब दलितों और मुस्लिमों पर निशाना साधा है जो अपना जीवन चलाने के लिए ये कार्य करते हैं।
नागरिकता कानून के समर्थन में निकाली गई इस रैली में बोलते हुए सूर्या ने कहा, "बेंगलुरू के IT सेक्टर के लोग, देश की अर्थव्यवस्था में योगदान देने वाले वकील, बैंक कर्मचारी आदि और ऑटो रिक्शा ड्राइवरों समेत आम नागरिक आज यहां इकट्ठा हुए हैं। केवल अशिक्षित, अनपढ पंचरवाले इसके खिलाफ हैं। अगर आप इनका सीना चीर कर देखोगे तो आपको चार शब्द भी नहीं मिलेंगे। ऐसे लोग नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।"
सूर्या ने ये भी कहा कि अब इस देश में "दिखावटी" धर्मनिरपेक्षता नहीं चलेगी। उन्होंने कहा, "ये एक नया भारत है जो हम बना रहे हैं... दिखावटी धर्मनिरपेक्षता जो आप लोगों ने बनाई है वो यहां काम नहीं करेगी।"
बता दें कि इससे पहले खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों की आलोचना करते हुए बेहद विवादित बयान दे चुके हैं। 15 दिसंबर को एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, "टीवी पर जो दिख रहा है, ये आग लगाने वाले कौन हैं, उनके कपड़ों से पता चल जाता है।" अपने इस सांप्रदायिक बयान में वो कपड़ो के जरिए मुस्लिम समुदाय की तरफ इशारा कर रहे थे।
प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान के बाद एक वीडियो भी सामने आया था जिसमें दिल्ली पुलिस चलते-फिरते लोगों के बीच से एक मुस्लिम व्यक्ति को पकड़ लेती है और उसे अपने साथ ले जाने लगती है। इस दौरान एक व्यक्ति आकर पुलिस के सामने ही पकड़े गए मुस्लिम व्यक्ति से कहता है, "मोदी जी ने कहा है कपड़ों से पहचाने जाएंगे। ये वही लोग हैं। कपड़ों से पहचाने जा रहे हैं।"
oh God!
— SaahilMurli Menghani (@saahilmenghani) December 20, 2019
Yesterday, during anti-CAA protest at Mandi House! pic.twitter.com/xuMbE6b5ks
नागरिकता कानून में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में धार्मिक अत्याचार के कारण भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है। मुस्लिमों के इससे बाहर रखने जाने के कारण इसे भारत के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के खिलाफ बताया जा रहा है और इसके विरोध में देशभर में लाखों लोग सड़कों पर हैं। इन प्रदर्शनों में लगभग 20 लोगों की मौत भी हो चुकी है।