अमित शाह फर्जी वीडियो मामला: दिल्ली पुलिस का तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को समन
क्या है खबर?
आरक्षण के खिलाफ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के फर्जी वीडियो से संबंधित मामले में दिल्ली पुलिस ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को समन भेजा है।
पुलिस ने बुधवार यानि 1 मई को उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया है। उनसे अपने सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी लाने को कहा गया है।
रेड्डी के अलावा तेलंगाना के ही 4-5 अन्य लोगों को भी समन भेजकर मामले की जांच में शामिल होने को कहा गया है। इनमें कुछ कांग्रेस नेता भी हैं।
मामला
क्या है मामला?
हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अमित शाह का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के आरक्षण को खत्म करने की बात कह रहे हैं।
हालांकि, यह वीडियो फर्जी था और इसे एक अन्य वीडियो के साथ छेड़छाड़ करके बनाया गया था। मूल वीडियो में शाह ने तेलंगाना में मुस्लिमों को मिलने वाले 4 प्रतिशत आरक्षण को खत्म करने की बात कही थी।
अकाउंट्स
तेलंगाना कांग्रेस के आधिकारिक एक्स अकाउंट से साझा किया गया था वीडियो
यह वीडियो एक्स और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई लोगों ने साझा किया था, जिसमें कांग्रेस के कई नेता भी शामिल हैं।
आरोप है कि तेलंगाना कांग्रेस के आधिकारिक एक्स अकाउंट से भी यह वीडियो साझा किया गया था, जिसके बाद कई पार्टी नेताओं ने इसे रिट्वीट किया।
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी तेलंगाना कांग्रेस के प्रमुख भी हैं और उन्हें समन भेजने का एक कारण यह भी हो सकता है।
केस
गृह मंत्रालय की शिकायत पर पुलिस ने दर्ज की है FIR
गृह मंत्रालय और भाजपा की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने मामले में FIR दर्ज की है। उसने भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं और सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम की धारा 66C के तहत केस दर्ज किया है।
पुलिस ने कहा कि यह वीडियो विभिन्न समुदायों के बीच नफरत फैलाने के उद्देश्य से साझा किया गया और इससे कानून व्यवस्था भंग होने का खतरा है।
पुलिस ने एक्स और फेसबुक से वीडियो साझा करने वाले अकाउंट्स की जानकारी मांगी है।
विवाद
आरक्षण को लेकर आमने-सामने हैं विपक्ष और भाजपा
बता दें कि अमित शाह का यह फर्जी वीडियो ऐसे समय पर वायरल हुआ था, जब लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष और सत्तारूढ़ भाजपा आरक्षण को लेकर आमने-सामने हैं।
विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस, का आरोप है कि अगर भाजपा सत्ता में आई तो वह SC, ST और OBC को मिलने वाले आरक्षण को खत्म कर देगी।
दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर अमित शाह तक साफ कर चुके हैं कि भाजपा आरक्षण को हाथ भी नहीं लगाएगी।