पंजाब: करीब 2,000 डिफॉल्टर किसानों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी, विवाद शुरू
पंजाब में करीब 2,000 ऐसे किसानों को गिरफ्तारी वारंट भेजे गए हैं, जो अपना कर्ज नहीं चुका पाए हैं। किसान संगठन इसे किसान विरोधी बताते हुए इसका विरोध कर रहे हैं, वहीं राज्य की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने इसके लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। विवाद बढ़ता देख राज्य के वित्त और सहकारिता मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा है कि उन्होंने ऐसे सभी वारंट वापस लेने के आदेश जारी कर दिए हैं।
राज्य में करीब 60,000 किसान डिफॉल्टर
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, अधिकारियों ने बताया कि राज्य में करीब 60,000 किसान डिफॉल्टर हैं, जिन्होंने पिछले तीन सालों में पंजाब कृषि विकास बैंक से लिए गए कर्ज के बदले एक रुपये भी नहीं चुकाया है। इन डिफॉल्टरों में से करीब 2,000 किसानों के पास पांच एकड़ से अधिक जमीन हैं और सरकार की तरफ से उन्हें ही गिरफ्तारी वारंट भेजा गया है। पिछले हफ्ते तीन किसानों को गिरफ्तार भी किया गया था, जिन्हें बाद में रिहा कर दिया गया।
अधिकारी बोले- तय प्रक्रिया का किया गया पालन
मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव राजीव गुप्ता ने बताया कि किसानों को अचानक से गिरफ्तारी वारंट नहीं भेजे गए हैं और इससे पहले कर्ज चुकाने के लिए किसानों को मनाने समये तय प्रक्रिया का पालन किया गया था। उन्होंने 3-4 वारंट जारी होने की बात कही है। राज्य के वित्त विभाग के पास मौजूद आंकड़े दिखाते हैं कि किसानों पर अलग-अलग सहकारी बैंकोें के 3,200 करोड़ बकाया है। इनमें से 1,900 करोड़ रुपये कर्ज का मूलधन शामिल है।
किसान संगठनों ने साधा सरकार पर निशाना
भारतीय किसान यूनियन-डकौंदा के प्रमुख बूटा सिंह बुर्जगिल ने कहा कि गिरफ्तारी वारंट ऐसे समय पर जारी हुए हैं, जब किसान पहले ही खराब मौसम के कारण गेंहू की कम पैदावार से जूझ रहे हैं। यह दिखाता है कि AAP सरकार किसान विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने कर्ज माफ करने और जमीन की कुर्की रोकने का वादा किया था, लेकिन किसानों पर कर्ज बढ़ता गया और इसने एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को छू लिया।
AAP ने कांग्रेस को ठहराया जिम्मेदार
वित्त मंत्री चीमा ने इसके लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि यह प्रक्रिया तब शुरू की गई थी और अधिकारियों ने वारंट जारी करने शुरू कर दिए। उन्होंने कहा, "मैंने इसमें हस्तक्षेप किया है और अब किसी भी किसान को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। हम ऐसी नीति बना रहे हैं, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि किसी किसान पर कर्ज का बोझ न रहे। पूर्ववर्ती सरकारों ने किसानों को कर्ज के जाल में धकेला है।"
कांग्रेस का पलटवार
चीमा के दावे पर पूर्व सहकारिता मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने पलटवार करते हुए कहा कि उनके मंत्री रहते हुए किसी भी किसान के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी नहीं हुआ था। उन्होंने कहा, "मैंने राजनीतिक दयाल सिंह कोलियांवाली जैसे राजनीतिक डिफॉल्टरों से रिकवरी की थी। असली किसानों को कभी परेशान नहीं किया गया। आम आदमी पार्टी को पता नहीं है कि वह क्या कर रही है। AAP अपनी हर गलती के लिए दूसरों को जिम्मेदार ठहरा देती है।"