सेना के डॉक्टरों ने अपने हाथों में लिया देश के सबसे बड़े क्वारंटाइन केंद्र का संचालन
भारतीय सेना के डॉक्टरों की एक टीम ने देश के सबसे बड़े कोरोना वायरस क्वारंटाइन केंद्र का संचालन अपने हाथों में ले लिया है। दिल्ली के नरेला स्थित इस केंद्र में तबलीगी जमात के सदस्यों को रखा गया है और सेना के डॉक्टर सुबह आठ से रात आठ बजे तक अपनी सेवाएं देते हैं। 40 सदस्यों की इस टीम में छह मेडिकल अधिकारी और 18 पैरामेडिकल कर्मचारी शामिल हैं। क्वारंटाइन किए गए लोगों से डॉक्टरों की अच्छी बन रही है।
क्वारंटाइन केंद्र में रह रहे तबलीगी जमात के 932 सदस्य
नरेला स्थित इस क्वारंटाइन केंद्र को दिल्ली सरकार ने मध्य मार्च में शुरू किया था और पहले इसमें 250 विदेशियों को रखा गया था। बाद में तबलीगी जमात का मामला सामने आने के बाद निजामुद्दीन के मरकज से तबलीगी जमात के 1,000 सदस्यों को भी यहां लाया गया। अभी यहां तबलीगी जमात के 932 सदस्य रह रहे हैं और इनमें से 367 को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है।
एक अप्रैल से मदद कर रही है सेना की टीम, 16 को संभाला संचालन
सेना के डॉक्टरों की टीम एक अप्रैल से इस क्वारंटाइन केंद्र के संचालन में दिल्ली सरकार की मदद कर रही है और 16 अप्रैल को इस टीम ने केंद्र का दिन का कामकाज अपने हाथों में ले लिया। सुबह आठ से रात आठ बजे तक सेना के डॉक्टर केंद्र को संभालते हैं और उसके बाद रात में बाकी स्वास्थ्यकर्मी कामकाज संभालते हैं। सेना की टीम में मेडिकल अधिकारियों और पैरामेडिकल कर्मचारियों के अलावा कुछ जवान भी शामिल हैं।
सेना के डॉक्टरों ने जीता सबका दिल
मामले पर जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, "सैन्य मेडिकल टीम का पेशेवर रवैया केंद्र में रह रहे लोगों का दिल जीतने में कामयाब रहा है, जो सेना की टीम के साथ बेहद सहयोगी और सकारात्मक रहे हैं, जिससे सभी मेडिकल प्रक्रियाएं आसानी से हुई हैं।" इसमें आगे लिखा है, "पूरे कंद्र को चलाने में नागरिक प्रशासन के साथ बेहतरीन तालमेल रहा है। सेना हमारे सभी नागरिकों की सुरक्षा के लिए कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगी।"
नरेला केंद्र में रह रहे दो जमातियों के खिलाफ दर्ज किया गया था मामला
बता दें कि नरेला के इसी क्वारंटाइन केंद्र में रह रहे तबलीगी जमात के दो सदस्यों पर अपने कमरे के बाहर शौच करने के लिए मुकदमा दर्ज किया गया था। ये दोनों उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के रहने वाले हैं। इसके अलावा अन्य क्वारंटाइन केंद्रों पर भी तबलीगी जमात के सदस्यों के अभद्र व्यवहार करने के मामले सामने आए हैं। गाजियाबाद में जमातियों के नर्सों के सामने नंगा घूमने पर उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाया गया था।
दिल्ली में क्या है कोरोना वायरस की स्थिति?
राजधानी दिल्ली में अब तक कोरोना वायरस के 1,893 मामले सामने आए हैं जिनमें से 42 मरीजों की मौत हुई है। मरने वालों में 45 दिन का एक नवजात शिशु भी शामिल है जिसने शनिवार को यहां के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह भारत में कोरोना वायरस की सबसे कम उम्र की शिकार है। दिल्ली में जो कोरोना वायरस के मामले सामने आए हैं उनमें लगभग दो-तिहाई तबलीगी जमात से संबंधित हैं।