लॉकडाउन में छूट: प्रवासी मजदूरों को राज्य के अंदर मिलेगा काम, बाहर जाने पर रहेगी रोक
गृह मंत्रालय ने क्वारंटाइन कैंपों में रह रहे प्रवासी मजदूरों को लेकर स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम (SOP) जारी किया है जिसमें कहा गया है कि किसी भी मजदूर को एक राज्य से दूसरे राज्य में आने-जाने की इजाजत नहीं होगी। 20 अप्रैल यानि कल कुछ उद्योगों और आर्थिक गतिविधियों के शुरू होने के मद्देनजर ये SOP जारी किया गया है और स्थानीय प्रशासन के पास पंजीकरण के बाद मजदूरों को संबंधित राज्य में काम दिया जाएगा।
कैंपों में क्यों हैं प्रवासी मजदूर?
25 मार्च से पहला लॉकडाउन शुरू होने के बाद लाखों प्रवासी मजदूरों ने शहरों से गांवों की तरफ पलायन किया था। उनके जरिए गांवों में कोरोना वायरस पहुंचने के खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्यों को इन प्रवासी मजदूरों को कैंपों में रखने का आदेश दिया था। इसके बाद से अलग-अलग राज्यों में सात लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों को इन कैंपों में रखा जा रहा है और सरकार उन्हें खाने सहित जरूरी सेवाएं प्रदान कर रही है।
कल से शुरू होंगी कुछ आर्थिक गतिविधियां, मजदूरों को मिलेगा काम
अब 20 अप्रैल यानि कल से जिन इलाकों में कोरोना वायरस के मामले कम हैं, वहां कुछ औद्योगिक और अन्य आर्थिक गतिविधियां शुरू की जा रही हैं। इन्हीं गतिविधियों में मजदूरों के प्रयोग को लेकर गृह मंत्रालय ने SOP जारी किया है। मजदूरों की आवाजाही की गाइडलाइंस जारी करते हुए इसमें कहा गया है कि कैंपों में रह रहे प्रवासी मजदूरों को औद्योगिक, मैन्युफैक्चरिंग, कंस्ट्रक्शन, कृषि और मनरेगा आदि के कार्य में लगाया जा सकता है।
राज्य में ही स्थित काम की जगह पर लौट सकेंगे मजदूर
गाइडलाइंस के अनुसार, कैंपों में रह रहे प्रवासी मजदूरों को स्थानीय प्रशासन के पास पंजीकरण कराना होगा और वे किस तरीके का काम कर सकते हैं ये पता लगाने के लिए उनकी स्किल मैपिंग की जाएगी। अगर कोई भी मजदूर उसी राज्य में स्थित अपने काम की जगह पर लौटना चाहेगा तो स्क्रीनिंग करने के बाद बिना लक्षणों वाले मजदूरों को उनके काम की जगह पर भेजा जाएगा। हालांकि मजदूरों को संबंधित राज्य से बाहर आवाजाही की इजाजत नहीं होगी।
बसों में करना होगा सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन
गाइडलाइंस में आगे कहा गया है कि बस से यात्रा के दौरान मजदूरों को सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना होगा और स्वास्थ्य अधिकारियों की गाइडलाइंस के मुताबिक बसों का सैनिटाइजेशन सुनिश्चित करनाा होगा। स्थानीय प्रशासन को मजदूरों को यात्रा के लिए खाना और पानी आदि भी प्रदान करना होगा। इसके अलावा प्रशासन से लेकर मजदूरों तक को 15 अप्रैल को जारी की गई गाइडलाइंस का भी सख्ती से पालन करना होगा।
रेड जोन में नहीं मिलेगी कोई छूट
बता दें कि जिन जिलों में कोरोना वायरस का कोई भी मामला सामने नहीं आया है और जिन जिलों में बेहद कम मामले आए हैं, उनमें कल से कुछ आर्थिक गतिविधियों की इजाजत दी जाएगी। कंटेनमेट जोन और रेड जोन में कोई छूट नहीं होगी।
भारत में क्या है कोरोना वायरस की स्थिति?
भारत में रविवार सुबह आठ बजे तक कोरोना वायरस से संक्रमण के 15,712 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 507 लोगों की मौत हुई है, वहीं 2,231 को सफल इलाज के बाद घर भेजा जा चुका है। महाराष्ट्र सबसे अधिक प्रभावित राज्य बना हुआ है और यहां अब तक 3,651 लोगों को कोरोना से संक्रमित पाया जा चुका है, वहीं 211 को इसके कारण जान गंवानी पड़ी है। दिल्ली में ये आंकड़े 1,893 और 42 है।