सरकारी मूल्यांकन: भारत में मई के पहले हफ्ते में उच्चतम स्तर पर होंगे कोरोना के मामले
केंद्र सरकार के एक आंतरिक मूल्यांकन में सामने आया है कि भारत में कोरोना वायरस के मामले मई के पहले हफ्ते में पीक (उच्चतम स्तर) पर होंगे और इसके बाद धीरे-धीरे कम होना शुरू हो जाएंगे। गृह मंत्रालय के सूत्रों ने NDTV को ये जानकारी दी। उन्होंने ये भी बताया कि जिन राज्यों ने सख्त लॉकडाउन पहले लागू किए थे, उनकी स्थिति बेहतर है और वहां नए मामलों की संख्या कम होती जा रही है।
भारत में क्या है कोरोना वायरस की स्थिति
भारत में शुक्रवार सुबह आठ बजे तक कोरोना वायरस से संक्रमण के 13,387 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 437 लोगों की मौत हुई है, वहीं 1,789 को सफल इलाज के बाद घर भेजा जा चुका है। महाराष्ट्र सबसे अधिक प्रभावित राज्य बना हुआ है और यहां अब तक 3,205 लोगों को कोरोना से संक्रमित पाया जा चुका है, वहीं 194 को इसके कारण जान गंवानी पड़ी है। दिल्ली में ये आंकड़े 1,640 और 38 हैं।
टेस्टिंग बढ़ने पर आंकड़ों में होगा इजाफा- अधिकारी
केंद्र सरकार के मूल्यांकन के अनुसार, भारत में मई के पहले हफ्ते में मामले पीक पर होंगे और फिर नीचे आना शुरू हो जाएंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने NDTV से कहा, "अगला एक हफ्ता बेहद महत्वपूर्ण है। भारत टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने वाला है। जिन लोगों में भी सीवर अक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन के लक्षण होंगे, उनका टेस्ट किया जाएगा... हम ज्यादा टेस्ट करेंगे तो ये आंकड़ें बढ़ेंगे। आइसोलेट किए जा रहे लोगों की संख्या भी बढ़ रही है।"
"छिटपुट मामलों को रोकना मुश्किल"
एक अधिकारी ने कहा कि सरकार के सामने मुख्य चुनौती न केवल क्लस्टर्स बल्कि छिटपुट मामलों को आने से रोकने की भी है। उन्होंने कहा, "क्लस्टर्स को रोका जा सकता है लेकिन छिटपुट मामलों को फैलने से रोकना बहुत मुश्किल है।"
जिन राज्यों ने जल्दी लागू किया लॉकडाउन, वहां स्थिति बेहतर
राष्ट्रीय लॉकडाउन की सफलता पर जोर देते हुए अधिकारियों ने तीन राज्यों का उदाहरण दिया जिन्होंने सख्त लॉकडाउन जल्दी लागू किया था। राजस्थान जिसने सबसे पहले लॉकडाउन का ऐलान किया था, वहां अभी तक 1,076 मामले सामने आए हैं। वहीं उसके बाद लॉकडाउन का ऐलान करने वाले पंजाब में 188 और बिहार में 72 मामले सामने आए हैं। इसके विपरीत देरी से लॉकडाउन करने वाले महाराष्ट्र में 3,000 से अधिक मामले सामने आए हैं।
अधिकारी बोले- आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश चिंता का विषय
अधिकारियों ने मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश को एक बड़ी चिंता का विषय बताया है। आंध्र प्रदेश में लगातार मामले बढ़ रहे हैं और अब तक 525 लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया जा चुका है। वहीं 58,534 लोगों को क्वारंटाइन किया गया है और इस मामले में देश में दूसरे नंबर पर है। वहीं मध्य प्रदेश में भी मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यहां 938 लोग संक्रमित पाए गए हैं, वहीं 53 की मौत हुई है।
अन्य देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में है भारत
बता दें कि इससे पहले सामने आए केंद्र सरकार के एक विश्लेषण से पता चला था कि भारत अन्य देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में है। जहां भारत में प्रति 10 लाख लोगों पर कोरोना के मात्र नौ मामले हैं, वहीं अन्य देशों में ये आंकड़ा दो-तीन हजार है। इसके अलावा भारत में प्रति 10 लाख लोगों पर 0.3 लोगों की मौत हो रही है, वहीं सबसे अधिक प्रभावित देशों में ये आंकड़ा 200 से 400 के बीच है।