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कोरोना वायरस के कारण 21 जुलाई से शुरू होगी अमरनाथ यात्रा, महज 14 दिन चलेगी

कोरोना वायरस के कारण 21 जुलाई से शुरू होगी अमरनाथ यात्रा, महज 14 दिन चलेगी

Jun 06, 2020
07:22 pm

क्या है खबर?

देश में चल रही कोरोना वायरस महामारी का असर हिन्दू धर्मावलंबियों की प्रमुख अमरनाथ यात्रा पर भी पड़ा है। केंद्र सरकार की ओर से सोमवार से सभी धार्मिक स्थलों को खोलने की घोषणा के चलते अमरनाथजी श्राइन बोर्ड ने शनिवार को यात्रा की तारीखों की घोषणा कर दी है। इसके तहत इस बार यात्रा 21 जुलाई से शुरू होगी और 3 अगस्त को समाप्त हो जाएगी। ऐसे में इस साल यात्रा महज 14 दिन ही संचालित होगी।

बयान

कोरोना महामारी चलते घटाई यात्रा की अवधि- बोर्ड

अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि देश में चल रही कोरोना महामारी के चलते इस बार यात्रा की अवधि को घटाकर महज 14 दिन किया गया है। पहले यात्रा 40 से 50 दिन तक संचालित होती थी। बता दें कि अमरनाथ तीर्थ स्थल अनंतनाग जिले में समुद्र तल से 3,880 मीटर ऊपर स्थित गुफा में स्थित है। यहां प्रतिवर्ष स्वत: ही बर्फ का शिवलिंग बनता है। लाखों की संख्या में लोग इसके दर्शन करने पहुंचते हैं।

जानकारी

शुक्रवार को की गई थी पहली पूजा

श्राइन बोर्ड के अधिकारियों ने बताया मंदिर की पहली पूजा और आरती शुक्रवार को की गई थी। इसमें पुजारी और बोर्ड के पदाधिकारी मौजूद थे। यात्रा को लेकर सभी आवश्यक तैयारियों पर विचार-विमर्श कर लिया गया है।

नियम

कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट रखने वालों को ही मिलेगी यात्रा की अनुमति

श्राइन बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट रखने वालों को ही यात्रा की अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा तीर्थयात्रियों को जम्मू-कश्मीर में यात्रा शुरू करने की अनुमति देने से पहले उनको कोरोना की जांच के लिए क्रॉस-चेक किया जाएगा। साधुओं को छोड़कर अन्य तीर्थयात्रियों को ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा। 55 साल से अधिक उम्र के लोगों को यात्रा की अनुमति नहीं होगी।

प्रसारण

मंदिर में होने वाली आरती का किया जाएगा लाइव प्रसारण

श्राइन बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए मंदिर में सुबह और शाम को होने वाली आरती का लाइव प्रसारण किया जाएगा। ऐसे में यात्रा में नहीं जाने वाले लोग भी अपने घर बैठकर पवित्र शिवलिंग के दर्शन कर सकेंगे। इसी प्रकार मजदूरों की कमी और गुफा मंदिर तक ट्रैक बनाए रखने की परेशानियों के कारण बालटाल बेस कैंप से गुफा तक पहुंचने के लिए हेलीकॉप्टर का उपयोग किया जाएगा।

यात्रा मार्ग

बालटाल मार्ग से ही कर सकेंगे यात्रा

श्राइन बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि इस बार यात्रा केवल उत्तरी कश्मीर स्थित 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से होकर निकलेगी। लोगों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए यह निर्णय किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष किसी भी तीर्थयात्री को 45 किलोमीटर लंबे पहलगाम मार्ग से यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी। यात्रा 2020 का समापन 3 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा और रक्षाबंधन त्यौहार पर होगा।