बेंगलुरू में खुला दक्षिण भारत का पहला करंसी म्यूजियम, रखे गए 18वीं सदी तक के नोट
क्या है खबर?
आपने कई म्यूजियम देखे होंगे, जिनमें अलग-अलग सामान रखा जाता है। अब बेंगलुरू में ऐसा म्यूजियम खुला है, जिसमें पेपर करंसी देखने को मिलेगी।
दक्षिण भारत के पहले करंसी म्यूजियम 'रिजवान रजाक्स म्यूजियम ऑफ इंडियन पेपर मनी' में भारतीय उपमहाद्वीप की पेपर की करंसी और इससे जुड़े दूसरे सामान रखे गये हैं।
म्यूजियम में आने वाले लोगों को पेपर करंसी, इसकी शुरुआत और इसके इस्तेमाल के बारे में बताया जाएगा।
आइये, इस म्यूजियम के बारे में विस्तार से जानते हैं।
बयान
"राष्ट्रीय विरासत को सहेजने की कोशिश है म्यूजियम"
प्रेस्टीज ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर और को-फाउंडर रिजवान रज्जाक को पेपर करंसी इकट्ठा करने का शौक है। वो इंटरनेशनल बैंक नोट सोसायटी के इंडिया बैंकनोट कलेक्टर्स चैप्टर के प्रमुख हैं।
म्यूजियम के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, "इस म्यूजियम को खोलने का मकसद अपने पीछे ऐसी विरासत छोड़कर जाना है जो करंसी के सफर में भारत के शानदार इतिहास को दिखाए। मैं इसे राष्ट्रीय विरासत को सहेजने और सरंक्षित करने के नजरिए से देखता हूं।"
जानकारी
म्यूजियम में देश का सबसे बड़ा पेपर मनी कलेक्शन
उन्होंने आगे कहा, "यह ऐसी चीज है जिससे दुनियाभर के मुद्राशास्त्री लाभान्वित होंगे। मैं खुश हूं कि मैं इस सपने को पूरा कर पाया।" बेंगलुरू में खुले इस म्यूजियम में देश की पेपर मनी का सबसे बड़ा कलेक्शन है।
खास बातें
क्या है म्यूजियम में रखे कलेक्शन की खासियत?
इस कलेक्शन को तैयार करने में 50 सालों की मेहनत और रिसर्च लगी है। इस कलेक्शन में 18वीं सदी से लेकर अब तक के बैंक नोट रखे गए हैं।
कलेक्शन में आपको प्राइवेट और प्रेसिडेंसी बैंक और अंग्रेजी सरकार के समय एक तरफ छपाई वाले, क्वीन विक्टोरिया और किंग जॉर्ज की फोटो वाले नोट देखने को मिल जाएंगे।
इसके अलावा यहां हैदराबाद, जम्मू-कश्मीर और सौराष्ट्र रजवाड़े में चलने वाले नोट भी लोगों के आकर्षण का केंद्र होंगे।
कलेक्शन
नोटबंदी के बाद आए नोट भी कलेक्शन में शामिल
म्यूजियम में कैश कूपन, युद्धबंदियों को दिए कूपन से लेकर 19वीं सदी में जारी किए गए नोट रखे गए हैं।
यहां भारतीय उपमहाद्वीप के बदलते इतिहास को करंसी नोटों के जरिए दिखाया गया है। साथ ही बर्मा और पाकिस्तान में चले भारतीय नोट, फारस की खाड़ी और हज यात्रा पर जाने वाले लोगों द्वारा इस्तेमाल किए गए नोट भी प्रदर्शन के लिए लगाये गए हैं।
म्यूजियम देखने गए लोगों को नोटबंदी के बाद जारी हुए नोट भी देखने को मिलेंगे।
जानकारी
शनिवार को हुआ उद्घाटन
नोटों के अलावा म्यूजियम में नोट बनाने की तकनीक के बारे में भी विस्तार से बताया गया है। तीन सालों से अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत तैयार किए गए इस म्यूजियम का उद्घाटन भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डॉ सी रंगराजन ने किया।