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न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को इलाहाबाद बार एसोसिएशन ने लोकतंत्र के लिए खतरा बताया, महाभियोग की मांग
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने प्रस्ताव पारित किया

न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को इलाहाबाद बार एसोसिएशन ने लोकतंत्र के लिए खतरा बताया, महाभियोग की मांग

लेखन गजेंद्र
Mar 24, 2025
07:59 pm

क्या है खबर?

दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रमुख अनिल तिवारी ने लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा बताया और उनके खिलाफ महाभियोग की मांग की। एसोसिएशन ने सोमवार को दोपहर के भोजन के बाद कोई भी न्यायिक कार्य नहीं किया और प्रस्ताव पारित कर न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू करने की मांग की। एसोसिएशन का मानना ​​है कि आरोपी न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए।

बयान

बार एसोसिएशन ने ED और CBI से जांच कराने की मांग की

बार एंड बेंच के मुताबिक, एसोसिएशन ने CJI संजीव खन्ना से आग्रह किया कि वे न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ FIR की अनुमति दें। साथ ही मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI), प्रवर्तन निदेशालय (ED) और अन्य एजेंसियों से करवाने की भी मांग की। प्रस्ताव में कहा गया कि यह महज एक मामूली अपराधी का मुकदमा नहीं, बल्कि हाई कोर्ट के वर्तमान न्यायाधीश का आचरण है, जिसने देश को झकझोर दिया है और संविधान की कार्यक्षमता दांव पर लगी है।

बयान

न्यायमूर्ति वर्मा लोकतंत्र के लिए खतरा- एसोसिएशन

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष तिवारी ने कहा कि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा का पद पर बने रहना लोकतंत्र के लिए खतरनाक है, क्योंकि इससे जनता का विश्वास खत्म हो गया है, जो न्यायिक प्रणाली के पास उपलब्ध एकमात्र शक्ति है उन्होंने कहा कि अगर विश्वास खत्म हो गया, तो सब कुछ खत्म हो जाएगा और देश ढह जाएगा। उन्होंने मांग की कि न्यायमूर्ति वर्मा को आपराधिक जांच से छूट नहीं दी जानी चाहिए।

ट्विटर पोस्ट

इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन की बैठक

विवाद

क्या है मामला?

न्यायमूर्ति वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी आवास के स्टोर रूम में 14 मार्च आग लग गई थी। उस समय न्यायमूर्ति वर्मा शहर में नहीं थे। उनके परिवार ने अग्निशमन और पुलिस को बुलाया। आग बुझाने के बाद टीम को घर से भारी मात्रा में नकदी मिली। इसकी जानकारी CJI संजीव खन्ना को हुई तो उन्होंने कॉलेजियम बैठक बुलाकर न्यायमूर्ति वर्मा का स्थानांतरण इलाहाबाद कर दिया। न्यायमूर्ति वर्मा ने अपनी सफाई दी है कि यह उनको बदनाम करने की साजिश है।