ज्ञानवापी मामला: ASI ने सर्वे रिपोर्ट पेश करने के लिए 8 हफ्ते का अतिरिक्त समय मांगा
ज्ञानवापी मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट पेश करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने 8 हफ्ते यानी 56 दिन का समय और मांगा है। इसके लिए ASI ने वाराणसी जिला जज अजय कुमार विश्वेश की कोर्ट में एक आवेदन दिया है। बताया जा रहा है कि ASI के इस आवेदन पर 8 सितंबर को सुनवाई हो सकती है। इससे पहले वाराणसी जिला कोर्ट ने 2 सितंबर तक सर्वे रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था।
ASI ने आवेदन में क्या कहा?
आवेदन में ASI के वकील ने कहा कि परिसर में बहुत सारा कूड़ा-कचरा और मलबा पड़ा हुआ है, इसलिए सर्वे में उम्मीद से ज्यादा वक्त लग रहा है। ASI के मुताबिक, तहखाने में ढांचे के आसपास और भीतर काफी सारा मलबा पड़ा है, जिसे सावधानीपूर्वक हटाया जा रहा है, क्योंकि कोर्ट ने ढांचे को नुकसान पहुंचाए बिना सर्वे करने का आदेश दिया है। इस वजह से सर्वे में अतिरिक्त समय लग सकता है।
4 अगस्त से चल रहा है परिसर का सर्वे
इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर 4 अगस्त से लगातार ज्ञानवापी परिसर का सर्वे चल रहा है। ASI की टीम गुंबद, छत, तहखाना, दीवार और बाकी जगहों का सर्वे कर रही है। हालांकि, वुजूखाने का सर्वे नहीं किया जा रहा है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने इसे विवादित मानते हुए रोक लगा दी है। दरअसल, यहां पर मिली एक आकृति को हिंदू पक्ष शिवलिंग और मुस्लिम पक्ष फव्वारा बता रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगाने से किया था इनकार
3 अगस्त को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का आदेश दिया था। इसके अगले ही दिन यानी 4 अगस्त को ASI ने सर्वे शुरू भी कर दिया था, जिसे मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। 4 अगस्त को ही सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई की थी और सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि सर्वे के दौरान ढांचे को कोई नुकसान न हो।
क्या है ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का मामला?
पिछले साल 5 हिंदू महिलाओं ने वाराणसी की जिला कोर्ट में ज्ञानवापी परिसर में मां शृंगार गौरी की सालभर पूजा करने की इजाजत मांगी थी। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर कराए वीडियो सर्वे में वुजूखाने में शिवलिंग जैसी संरचना मिली थी। शिवलिंग जैसी संरचना मिलने के बाद हिंदू पक्ष ने मस्जिद के परिसर के वैज्ञानिक सर्वे की मांग की, जिसकी 21 जुलाई को वाराणसी जिला कोर्ट ने मंजूरी दे दी।
न्यूजबाइट्स प्लस
ज्ञानवापी मस्जिद से संबंधित विवाद सदियों पुराना है। हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद को मुगल बादशाह औरंगजेब के निर्देश पर बनाया गया था और इसके लिए काशी विश्वनाथ मंदिर के एक हिस्से को तोड़ा गया था। उनका कहना है कि मस्जिद मंदिर की जमीन पर बनी हुई है। दूसरी तरफ मस्जिद समिति का कहना है कि मंदिर का मस्जिद से कोई संबंध नहीं है और ये अलग जमीन पर बनी है।