श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद के सर्वे की मांग ठुकराई
सुप्रीम कोर्ट ने मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। अब मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट के पास है। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा कि उन्हें लगता है कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में दखल देने की जरूरत नहीं है क्योंकि इलाहाबाद हाई कोर्ट के समक्ष इस मामले में बड़े पैमाने पर कई याचिकाएं लंबित हैं।
भूमि विवाद में हाई कोर्ट में दायर हैं 10 याचिकाएं
HT के मुताबिक, हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह परिसर के विवाद को लेकर करीब 10 मुकदमे दायर किए गए हैं। 26 मई को हाई कोर्ट ने मथुरा के निचली कोर्ट में चल रहे सभी मुकदमों की सुनवाई अपने पास स्थानांतरित कर सभी पर एक साथ सुनवाई करने का निर्देश दिया था। सर्वे के लिए सुप्रीम कोर्ट में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट ने याचिका दायर की थी।
क्या है मामला?
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक से जुड़ा हुआ है। 12 अक्टूबर, 1968 को श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ने शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट के साथ एक समझौता किया था। समझौते में 13.7 एकड़ जमीन पर मंदिर और मस्जिद दोनों बनने की बात हुई थी। इसके तहत श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पास 10.9 एकड़ जमीन का मालिकाना हक है, जबकि 2.5 एकड़ जमीन का मालिकाना हक शाही ईदगाह मस्जिद के पास है। इसी पर पूरा विवाद है।