NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    ऑपरेशन सिंदूर
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / देश की खबरें / सुप्रीम कोर्ट की पिता से संबंध स्थापित करने के लिए DNA टेस्ट पर रोक, जानिए कारण
    अगली खबर
    सुप्रीम कोर्ट की पिता से संबंध स्थापित करने के लिए DNA टेस्ट पर रोक, जानिए कारण
    सुप्रीम कोर्ट ने पिता से संबंध स्थापित करने के मामले में सुनाया बड़ा फैसला

    सुप्रीम कोर्ट की पिता से संबंध स्थापित करने के लिए DNA टेस्ट पर रोक, जानिए कारण

    लेखन भारत शर्मा
    Jan 28, 2025
    08:22 pm

    क्या है खबर?

    सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक युवक के अपने जैविक पिता को जानने के अधिकार के बीच हाई कोर्ट की ओर से दिए गए DNA टेस्ट के आदेश पर रोक लगा दी।

    कोर्ट ने इसके पीछे दूसरे व्यक्ति की निजता के अधिकार का भी हवाला दिया है।

    कोर्ट ने कहा है कि दोनों अधिकारों के बीच संतुलन स्थापित होना चाहिए। कोर्ट को आदेश देने से पहले देखना चाहिए कि DNA टेस्ट की कोई महत्वपूर्ण आवश्यकता है भी या नहीं।

    सुनवाई

    सुप्रीम कोर्ट ने 2 दशक पुराने मामले में की सुनवाई

    जस्टिस सूर्यकांत और उज्जल भुयान की पीठ ने 2 दशक पुराने मामले की सुनवाई करते हुए यह आदेश है।

    मामले में एक 23 वर्षीय युवक का कहना था उसका जन्म उसकी मां के विवाहोत्तर प्रेम संबंध का नतीजा है। उसे कई स्वास्थ्य समस्याएं हैं और उसके कई ऑपरेशन हो चुके हैं। उसकी मां खर्च उठाने में असमर्थ हैं।

    ऐसे में वह DNA टेस्ट के जरिए अपने जैविक पिता से संबंध साबित कर भरण-पोषण का दावा करना चाहता है।

    मामला

    क्या है पूरा मामला?

    आदेश के अनुसार, युवाक मां ने 1989 में शादी की और 1991 में उसे एक बेटी हुई। बेटे का जन्म 2001 में हुआ था।

    2003 में वह पति से अलग हुई और 2006 में तलाक मिल गया।

    इसके बाद महिला ने जन्म रिकॉर्ड में अपने बेटे के पिता का नाम बदलवाने के लिए कोच्चि नगर निगम से संपर्क किया।

    महिला का दावा था कि बेटे का जन्म विवाहोत्तर प्रेम संबंध से हुआ था। अधिकारियों ने उसे कोर्ट जाने को कहा।

    आदेश

    स्थानीय कोर्ट ने दिया DNA टेस्ट का आदेश

    महिला ने 2007 में स्थानीय अदालत का रुख किया तो कोर्ट ने DNA टेस्ट का आदेश दे दिया। इस पर कथित जैविक पिता ने आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी, जहां से उसे राहत मिल गई।

    हाई कोर्ट ने कहा कि पितृत्व परीक्षण का आदेश पति-पत्नी के बीच गैर-पहुंच की पहुंच होने पर दिया जा सकता है।

    कोर्ट ने कहा कि विवाह के दौरान या तलाक के 280 दिनों के भीतर जन्मा बच्चा पति की वैध संतान होता है।

    याचिका

    युवक ने भरण-पोषण के लिए दायर की याचिका

    साल 2015 में युवक 14 वर्ष की उम्र में पारिवारिक न्यायालय में एक पुरानी भरण-पोषण याचिका को पुनर्जीवित करने की याचिका दायर कर दी।

    उसने अपनी बीमारी और कमजोर आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए कानूनी पिता से कोई मदद न मिलने का भी दावा किया।

    ऐसे में कोर्ट ने भरण-पोषण याचिका को पुनर्जीवित कर दिया। इस पर कथित जैविक पिता होई कोर्ट पहुंच गया और उसे वहां से निराशा मिली।

    जानकारी

    हाई कोर्ट ने दिए DNA जांच के आदेश

    हाई कोर्ट ने कहा कि जैविक पिता से भरण-पोषण के अधिकार पर विचार करते समय जन्म की वैधता अप्रासंगिक थी और वह बच्चे के वास्तविक पितृत्व की जांच के लिए DNA टेस्ट नहीं रोकती। इसे कथित जैविक पिता ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी।

    सवाल

    वैधता पर उठे ये सवाल

    आदेश में कहा गया है कि बेटे के जन्म के समय महिला विवाहित थी। वह 1989 से 2003 तक एक छत के नीचे रह रहे और एक-दूसरे तक पहुंच रखते थे।

    कोर्ट ने कहा कि विवाहेतर संबंध से बच्चा होने की दलील वैधता की धारणा को खत्म करने के लिए पर्याप्त नहीं है। यह भी स्पष्ट नहीं होता कि पति की मौजदूगी में कथित जैविक की पिता की महिला तक निर्बाध पहुंच थी। ऐसे में यह दावा संदिग्ध है।

    टिप्पणी

    सुप्रीम कोर्ट ने की निजता के अधिकार की टिप्पणी

    सुप्रीम कोर्ट ने मामले में असली माता-पिता को जानने के अधिकार और कथित जैविक पिता के निजता के अधिकार के बीच संतुलन बनाने की जरूरत बताई।

    कोर्ट ने कहा कि अदालतों को पक्षों के निजता और सम्मान के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए और यह मूल्यांकन करना चाहिए कि किसी एक को गलत घोषित करने से उसे सामाजिक नुकसान पहुंचेगा या नहीं।

    इसी तरह, जैविक पिता की वैधता साबित करने के लिए DNA की आवश्यकता भी है या नहीं।

    प्रतिष्ठा

    महिला की प्रतिष्ठा का पहलू

    कोर्ट ने कहा कि इस मामले में बच्चे की मां सक्रिय रूप से जुड़ी है, लेकिन यह भी सोचा जा सकता है कि बच्चा अपनी मां की भावनाओं की अनदेखी करते हुए पितृत्व की घोषणा चाहता है। इससे कमज़ोर महिलाओं के खिलाफ इसके संभावित दुरुपयोग की संभावना हो सकती है।

    उन पर कानून की अदालत के बाद जनता की राय की अदालत में भी मुकदमा चलाया जाएगा, जिससे उन्हें अन्य मुद्दों के अलावा काफी मानसिक परेशानी होगी।

    फैसला

    कोर्ट ने क्या दिया फैसला? 

    कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि वैधता भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की धारा 112 के तहत पितृत्व का निर्धारण करती है, जब तक कि 'गैर-पहुंच' साबित करके अनुमान का खंडन नहीं किया जाता।

    कोर्ट ने कहा कि 23 वर्षीय युवक द्वारा उस व्यक्ति के साथ अपने कथित रिश्ते के बारे में किया गया कोई भी दावा खारिज किया जाता है और युवक अपने कानूनी पिता का वैध पुत्र माना जाता है।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    सुप्रीम कोर्ट
    DNA

    ताज़ा खबरें

    इंग्लैंड बनाम वेस्टइंडीज: जो रूट ने जड़ा 18वां वनडे शतक, बने सर्वाधिक रन वाले इंग्लिश बल्लेबाज इंग्लैंड क्रिकेट टीम
    JSW MG को बिक्री में मिली 40 फीसदी की बढ़त, अब तक की सर्वाधिक  MG मोटर्स
    IPL 2025: क्वालीफायर-2 में बारिश ने डाला खलल, मैच धुला तो किसे मिलेगा फाइनल का टिकट? IPL 2025
    ऋतिक रोशन-कियारा आडवाणी समेत फिल्मों में आ रहीं इन 5 नई जोड़ियाें पर सबकी नजर तृप्ति डिमरी

    सुप्रीम कोर्ट

    दिल्ली में वायु प्रदूषण के बीच सुप्रीम कोर्ट ने स्कूल खोलने को लेकर कही ये बात वायु प्रदूषण
    सुप्रीम कोर्ट में बैलेट पेपर की मांग खारिज, कहा- जीतने पर EVM से छेड़छाड़ नहीं होती? इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM)
    दिल्ली में लागू रहेंगी GRAP-4 की पाबंदियां, सुप्रीम कोर्ट ने इस तारीख तक बढ़ाई रोक दिल्ली
    संभल हिंसा: सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाई, सीलबंद रहेगी सर्वे रिपोर्ट उत्तर प्रदेश

    DNA

    गलत आरोप में 39 साल जेल काटने वाले व्यक्ति को मिला 150 करोड़ रुपये का मुआवजा दुनिया
    बगदादी को मारने से पहले उसके अंडरवियर से किया गया था DNA टेस्ट- रिपोर्ट रूस समाचार
    पर्यटक को खा गई शार्क, पेट में मिली शादी की अंगूठी के जरिए हुई पहचान फ्रांस
    पुलिस के 'कफन' में अंतिम यात्रा; पांच सालों में उत्तर भारत में मिले 26,000 अज्ञात शव दिल्ली
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025