अखिलेश यादव को CBI का समन, अवैध खनन मामले में 29 फरवरी को होगी पूछताछ
समाजवादी पार्टी (SP) के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये मामला अवैध खनन से जुड़ा है, जिसमें अखिलेश को कल यानी 29 फरवरी को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। मामले में अखिलेश आरोपी नहीं है, बल्कि उनसे गवाह के तौर पर पूछताछ की जाएगी। ये समन 21 फरवरी को जारी हुआ था, जिसकी जानकारी अब सामने आई है।
क्या है मामला?
ये मामला 2012-13 का है। उस वक्त अखिलेश उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे और खनन विभाग भी उन्हीं के पास था। आरोप हैं कि कर्मचारियों की मिलीभगत से हमीरपुर में खनिजों का अवैध खनन हुआ था। 2016 में हाई कोर्ट के आदेश के बाद मामले की जांच शुरू हुई थी, जिसमें पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति का नाम सामने आया था। अखिलेश की सरकार में कई जिलों की कलेक्टर रहीं बी चंद्रकला पर भी आरोप लगे थे।
2019 में दर्ज हुई थी FIR
मामले में जनवरी, 2019 में तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट, खनन अधिकारी और कई लोक सेवकों के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी। आरोप हैं कि सरकारी कर्मचारियों ने खनिजों का अवैध खनन होने दिया। FIR में कहा गया है कि कर्मचारियों ने निविदा प्रक्रिया का पालन किए बिना अवैध रूप से नए पट्टे दिए और लोगों को खनिज चोरी करने, धन उगाही करने और अवैध रूप से छोटे खनिजों का उत्खनन करने की अनुमति दी।
अखिलेश पर क्या हैं आरोप?
मामले में सीधे तौर पर अखिलेश पर कोई आरोप नहीं है। दरअसल, अखिलेश 2012-13 के बीच राज्य के खनन मंत्री का प्रभार संभाल रहे थे। इस दौरान खनन से जुड़े 14 टेंडर पारित किए गए थे, जिनकी जांच CBI कर रही है। CBI ने पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति से जुड़े कुछ परिसरों पर छापा भी मारा था। लखनऊ और अमेठी में प्रजापति के परिवार के सदस्यों के आवासीय और आधिकारिक परिसरों की तलाशी ली गई थी।
गरमा सकती है सियासत
अखिलेश को पहली बार किसी मामले में CBI का समन मिला है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मिले समन को लेकर राजनीति गरमा सकती है। अखिलेश पहले भी कई बार सरकार पर एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोप लगाते रहे हैं। SP के नेता आईपी सिंह ने कहा, 'CBI-ED हर चुनाव से पहले सक्रिय हो जाती है और भाजपा के इशारों पर समन भेजती है। हम डरने वालों में नहीं हैं।'