
एजबेस्टन टेस्ट में भारत की ऐतिहासिक जीत के ये रहे प्रमुख कारण
क्या है खबर?
भारतीय क्रिकेट टीम ने दूसरे टेस्ट में इंग्लैंड क्रिकेट टीम को 336 से हराते हुए सीरीज में फिलहाल 1-1 से बराबरी हासिल की। जीत के लिए मिले 608 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लिश टीम 271 रन पर सिमट गई। भारत से आकाश दीप ने मैच में कुल 10 विकेट लिए। एजबेस्टन के मैदान पर यह भारत की पहली टेस्ट जीत रही। आइए इस मैच में भारत की जीत के प्रमुख कारणों पर एक नजर डालते हैं।
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शुभमन गिल का अविश्वसनीय प्रदर्शन
भारत की इस जीत में कप्तान शुभमन गिल की अहम भूमिका रही। भारतीय कप्तान ने पहली पारी में 267 रन बनाए। इसके बाद अपनी दूसरी पारी में उन्होंने 161 रन का योगदान दिया। वह एक ही टेस्ट की दोनों पारियों में शतक लगाने वाले भारत के तीसरे कप्तान बन गए हैं। उनसे पहले भारतीय कप्तानों में सुनील गावस्कर (बनाम वेस्टइंडीज, कोलकाता 1978) और विराट कोहली (बनाम ऑस्ट्रेलिया, एडिलेड 2014) ही ऐसा कारनामा कर चुके हैं।
#2
तेज गेंदबाजों की फॉर्म में वापसी
हेडिंग्ले टेस्ट में भारत के गेंदबाजों ने निराश किया था और यही टीम की हार का प्रमुख कारण बना था। वहीं एजबेस्टन में भारतीय तेज गेंदबाजों ने टीम की सफलता की इबारत लिखी। मोहम्मद सिराज (6/70) और आकाश दीप (4/88) ने इंग्लैंड की पहली पारी के सभी 10 विकेट लिए। वहीं, दूसरी पारी के दौरान आकाश ने 6 विकेट और सिराज ने 1 विकेट चटकाया। हालांकि, प्रसिद्ध कृष्णा अब भी लय की तलाश में नजर आए।
#3
फील्डिंग में हुआ सुधार
सीरीज के पहले हेडिंग्ले टेस्ट में भारतीय खिलाड़ियों ने फील्डिंग में शर्मनाम प्रदर्शन किया। अकेले यशस्वी जायसवाल ने ही 4 कैच छोड़कर अनचाहा रिकॉर्ड अपने नाम किया था। एजबेस्टन टेस्ट में भारतीय खिलाड़ियों ने फील्डिंग में अपनी पिछली गलतियों से सबक लिया। भारतीय कप्तान गिल ने इंग्लैंड की पहली पारी में सलामी बल्लेबाज बेन डकेट का स्लिप में बेहतरीन कैच लपका। उनके अलावा भी स्लिप में भारतीय खिलाड़ियों ने अच्छे कैच पकड़े।
#4
मध्यक्रम और निचलेक्रम ने बनाए रन
पहली पारी में भारत ने एक समय 211 के स्कोर पर अपने 5 विकेट खो दिए थे। इसके बाद रविंद्र जडेजा (89) ने गिल के साथ पारी को संभालते हुए बड़ी साझेदारी की थी। इसके बाद वाशिंगटन सुंदर (42) ने भी उम्दा पारी खेली थी। वहीं, भारत की दूसरी पारी के दौरान जडेजा ने अपनी उपयोगिता साबित करते हुए नाबाद 69 रन बनाए थे। इनके प्रयासों के चलते ही भारत ने मैच में कुल 1,000 से अधिक रन बनाए।