विमानों में बम की धमकियों का पता लगाना लगभग असंभव, आरोपी तकनीकी रूप से मजबूत
विमानों और हवाई अड्डों में बम होने की फर्जी धमकियां देने वाले आरोपी केंद्रीय साइबर एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बन गए हैं। न्यूज18 के मुताबिक, एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि एजेंसियां उस वास्तविक इंटरनेट प्रोटोकॉल (IP) पते का पता नहीं लगा पाई हैं, जिससे धमकियां दी गई। डिजिटल जांच में शामिल अधिकारियों ने बताया कि सभी मामलों में आरोपी एक जैसे नहीं। कुछ मामलों में, सोशल मीडिया के जरिए तो कुछ में ईमेल से धमकी दी गई है।
यूरोपीय देश का है VPN
रिपोर्ट के मुताबिक, जांच में पता चला कि IP पते शुरू में यूरोपीय देशों के थे, लेकिन वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) चेनिंग का इस्तेमाल होने का संदेह था, जिससे आगे का पता लगाना लगभग असंभव हो गया। जांच अधिकारी ने बताया कि VPN का इस्तेमाल बदमाशों द्वारा ईमेल और संदेश भेजने के लिए किया जाता था, जब IP एड्रेस का पता लगाया तो यह यूरोपीय देश में निकला। एजेंसियां VPN कंपनियों की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रही हैं।
तकनीकी रूप से मजबूत हैं आरोपी
जांच अधिकारी ने बताया कि VPN का इस्तेमाल बदमाशों द्वारा धमकी भरे ईमेल और संदेश भेजने के लिए किया जाता था, लेकिन IP एड्रेस का पता लगाया, तो पाया कि यह एक यूरोपीय देश में निकला। उन्होंने बताया कि संदेह है कि VPN चेनिंग का इस्तेमाल किया गया, जो दर्शाता है कि धमकी भरे ईमेल और संदेशों को तकनीकी विशेषज्ञों के साथ समन्वयित किया गया था या भेजने वाला तकनीकी रूप से सक्षम था।
VPN सामान्य होता तो अब तक पकड़े जाते आरोपी
जांच अधिकारियों ने बताया कि अगर सामान्य VPN होता, तो भारतीय एजेंसियां इसे बहुत आसानी से ट्रेस कर लेतीं, लेकिन VPN चेनिंग में, डेटा को एक प्राथमिक VPN सर्वर के जरिए रूट किया जाता है, जो इसे द्वितीयक VPN सर्वर पर भेजने से पहले डेटा को अपठनीय बनाता है। अधिकारी ने कहा कि स्कूलों को भेजे गए ईमेल के मामले में भी बहुत ज़्यादा प्रगति नहीं हुई है क्योंकि VPN कंपनियां जानकारी साझा करने में अनिच्छुक हैं।
पिछले हफ्ते मिली 50 से अधिक उड़ानों को धमकी
पिछले हफ्ते सोमवार से रविवार तक 50 से अधिक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को बम से उड़ाने की धमकी मिली, जिससे केंद्रीय एजेंसियों में हड़कंप मच गया। कई विमानों को धमकी मिलने के बाद आनन-फानन में नजदीकी हवाई अड्डे पर उड़ाया गया, जिससे यात्रियों को काफी दिक्कत हुई और हवाई परिवहन भी प्रभावित हुआ। धमकियों को लेकर गृह मंत्रालय ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय और अन्य के साथ बैठक की है। सरकार कुछ सख्त निर्णय ले सकती है।