कनाडा: पेड़ से टकराकर विमान दुर्घटनाग्रस्त, 2 भारतीय ट्रेनी पायलटों की मौत
कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में शनिवार को एक भीषण विमान हादसा हुआ है। इस दुर्घटना में 3 लोगों की मौत हुई, जिनमें 2 भारतीय ट्रेनी पायलट थे। कनाडाई पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हादसे का शिकार हुआ विमान पाइपर PA-34 सेनेका 2 इंजन वाला हल्का विमान था। उन्होंने कहा कि इस विमान का इस्तेमाल पायलटों की ट्रेनिंग के लिए होता है और ये विमान अपनी उड़ान के दौरान एक पेड़ से टकरा गया था।
मुंबई के रहने वाले थे दोनों भारतीय ट्रेनी पायलट
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों भारतीय ट्रेनी पायलटों की पहचान अभय गडरू और यश विजय रामुगड़े के रूप में हुई है। ये दोनों मुंबई के रहने वाले थे। शनिवार को PA-34 सेनेका विमान चिलिवैक शहर में एक मोटल के पीछे पेड़ों से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस दुर्घटना में 2 भारतीय पायलट के अलावा एक अन्य पायलट की भी मौत हो गई। ये घटना वैंकूवर से लगभग 100 किलोमीटर दूर एक स्थानीय हवाई अड्डे के पास हुई है।
विमान हादसे के कारण की जांच में जुटी टीम
कनाडाई पुलिस ने अपने एक बयान में कहा कि हादसे के बाद घटनास्थल पर स्थिति नियंत्रण में है और विमान दुर्घटना के कारण क्षेत्र में किसी अन्य स्थानीय व्यक्ति के अभी घायल होने की सूचना नहीं है। उन्होंने कहा कि अभी विमान दुर्घटना के असल कारणों पता नहीं चल पाया है और कनाडा परिवहन सुरक्षा बोर्ड के अधिकारियों ने घटनास्थल पर पहुंचकर इस दुर्घटना की जांच शुरू कर दी है।
दुर्घटनास्थल पर 5 एम्बुलेंस और एक टीम मौजूद
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घटनास्थल पर 5 एम्बुलेंस और एक टीम पहुंची है और हादसे के बाद 2 एयर एम्बुलेंस हेलीकॉप्टर भी मौके पर भेजे गए थे, लेकिन राहत बचाव कार्य पूरा होने के बाद उन्हें वापस बुला लिया गया। विमान दुर्घटना के एक चश्मदीद ने बताया, "मैंने विमान को सड़क के पास जंगल की ओर जाते और पेड़ों के टकराते हुए देखा था, जिसके बाद विमान के एक हिस्से में अचानक आग लग गई।"
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
पाइपर PA -34 सेनेका विमान 1974 में अमेरिका द्वारा बनाया गया था। ये 2 इंजन वाला हल्का विमान है, जिसे पायलटों की ट्रेनिंग के अलावा व्यावसायिक कार्यों के लिए भी उपयोग में लाया जाता है। ये विमान 12,000 फीट की ऊंचाई पर 367 किलोमीटर या 228 मील प्रति घंटे की रफ्तार के उड़ान भर सकता है। इसका वजन 1,264 किलोग्राम है। साल 1993 में इस विमान और हल्का बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए थे।