AIIMS गोरखपुर ने दुर्लभ TB से पीड़ित युवती की जान बचाई, दुनिया में केवल 40 मामले
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने दुर्लभ ट्यूबरकुलोसिस (TB) से एक युवती की जान बचाई है। युवती को प्यूबिक सिम्फाइसिस में TB थी। डॉक्टरों ने MRI जांच की मदद से प्यूबिक सिम्फायसिस में TB होने का पता लगाया था और समय रहते उपचार शुरू कर युवती की जान बचा ली। शुरुआत में 9 महीने तक युवती को TB की दवाओं का कोर्स दिया गया था। इसके बाद बीमारी लौटने पर 1 साल फिर उपचार चला।
कैसे ठीक हुई बीमारी?
हिंदुस्तान के मुताबिक, युवती को TB होने के कारण वह चल भी नहीं पा रही थी। ढाई साल पहले युवती कमर और पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द के कारण AIIMS पहुंची थी, लेकिन उस समय किसी को इस बीमारी का पता नहीं चला। जांच में प्यूबिक सिम्फायसिस में TB का पता चला तो दवा शुरू की गई, लेकिन 6 महीने बाद उसने दवा बंद कर दी, जिससे उसकी बीमारी दोबारा से हावी हो गई।
क्या है प्यूबिक सिम्फायसिस TB?
प्यूबिक सिम्फायसिस में TB एक बेहद दुर्लभ बीमारी है। यह कूल्हे का एक आंतरिक जोड़ होता है, जहां TB के बैक्टीरिया का पहुंचना लगभग असंभव है। विश्व में अब तक इस बीमारी के केवल 40 मामले ही सामने आए हैं। AIIMS गोरखपुर द्वारा युवती का सफल उपचार इस दुर्लभ बीमारी पर अध्ययन और शोध को बढ़ावा देगा। डॉक्टरों ने बताया कि इस अनूठे मामले की रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा पत्रिका पबमेड में भी प्रकाशित हुई है।