UDAI ने आधार में जोड़ा नया सुरक्षा फीचर, धोखाधड़ी से होगा बचाव
अगर आप आधार कार्ड के जरिए फिंगर प्रिंट से पैसा निकालते हैं तो अब आपको उससे धोखाधड़ी होने की चिंता करने की जरूरत नहीं है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने लोगों को इस परेशानी से बचाने के लिए आधार कार्ड में नया सुरक्षा फीचर जोड़ दिया है। ऐसे में अब प्वाइंट ऑफ सेल (PoS) पर अंगूठा लगाते ही पता चल जाएगा कि जिस व्यक्ति का फिंगर प्रिंट लग रहा है वह जीवित है या उसकी मृत्यु हो चुकी है।
AEPS के जरिए हुआ 1,507 करोड़ रुपये का बैंकिंग लेनदेन
UIDAI के डाटा के अनुसार, आधार एनेबल पेमेंट सिस्टम (AEPS) के जरिए देश में अब तक 1,507 करोड़ से अधिक का बैंकिंग लेनदेन हो चुका है। इसमें से 7.54 लाख लेनदेन में लोगों को धोखाधड़ी का शिकार होना पड़ा है। यह नया सुरक्षा फीचर आधार से होने वाली धोखाधड़ी को बहुत तेजी से पकड़ने के साथ दोषियों को पकड़ने में भी मदद करेगा। ऐसे में अब लोगों को आधार से होने वाली धोखाधड़ी से निजात मिल जाएगी।
आधार के जरिए कैसे की जाती है धोखाधड़ी?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, आधार कार्ड के जरिए धोखाधड़ी करने के लिए आरोपी सिलिकॉन पैड पर वास्तविक यूजर के फिंगरप्रिंट का क्लोन बना लेते हैं। यह फिंगर प्रिंट जमीन की खरीद-फरोख्त में लगने वाले दस्तावेजों पर लगाए गए गए अंगुलियों के असली निशान से बनाया जाता है, जो भू राजस्व विभाग वेबसाइट पर अपलोड करता है। इसे रोकने के लिए अब UIDAI ने जन्म और मृत्यु के आंकड़ों को भी आधार से जोड़ने का फैसला किया है।
नए फीचर से कैसे होगा फायदा?
UIDAI अधिकारियों के अनुसार, जन्म और मृत्यु के आंकड़ों को आधार से जोड़ने के लिए अब नवजात शिशु को अस्थाई आधार नंबर जारी किया जाएगा। इसके बाद में इसे बायोमीट्रिक डेटा के साथ अपग्रेड किया जाएगा। इतना ही नहीं, मृत्यु के पंजीकरण के रिकॉर्ड को भी आधार के साथ जोड़ा जाएगा, ताकि इन नंबर के दुरुपयोग को रोका जा सके। ऐसे में अब PoS पर अंगूठा लगाते ही व्यक्ति के जीवित या मृत होने की जानकारी मिल जाएगी।
UIDAI ने ये भी उठाए हैं कदम
आधार से यूजर्स के मोबाइल नंबर, बैंक खाते और वित्तीय योजनाओं के जुड़े होने को देखते हुए UIDAI ने सुरक्षा के अन्य कदम भी उठाए हैं। इसके तहत लोगों को हर 10 साल में स्वेच्छा से अपने बायोमेट्रिक डेटा को अपडेट कराने के लिए प्रोत्साहित करने का भी फैसला किया गया है। वर्तमान में पांच और 15 वर्ष की आयु के बाद के बच्चों को अपने बायोमेट्रिक्स को अपडेट करना होता है, लेकिन अब सभी के लिए यह अनिवार्य होगा।
बायोमेट्रिक्स अपडेट से होगा बड़ा लाभ- UIDAI
UIDAI के एक अधिकारी ने कहा कि लोगों को 10 साल में एक बार अपने बायोमेट्रिक्स, जनसांख्यिकी और अन्य डाटा को अपडेट करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। हालांकि, 70 साल की उम्र के बाद लोगों को इसकी आवश्यकता नहीं होगी। इसका कारण है कि इस उम्र के बाद फिंगरप्रिंट में बदलाव की संभावना खत्म हो जाती है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय में लोगों का सहयोग उन्हें धोखाधड़ी सहित अन्य परेशानियों से बचा सकता है।
न्यूजबाइट्स प्लस
UIDAI के आंकड़ों के मुताबिक, देश में अब तक कुल 1,34,80,38,020 आधार कार्ड जारी किए जा चुके हैं। इसी तरह 68,54,01,372 बार आधार अपडेट हो चुके हैं और 79,09,72,11,907 आधार कार्ड का प्रमाणीकरण किया जा चुका है।