मंकीपॉक्स: दिल्ली में दर्ज हुआ पांचवां मामला, देश में कुल संख्या 10 पहुंची
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मंकीपॉक्स का एक और मामला सामने आया है। यहां लोकनायक जय प्रकाश नारायण (LNJP) अस्पताल में भर्ती एक महिला में इस बीमारी की पुष्टि हुई है। फिलहाल डॉक्टरों की एक पूरी टीम महिला की सेहत पर नजर रखे हुए है। यह दिल्ली का पांचवां और देश में मंकीपॉक्स का कुल 10वां मामला है। देश में अभी तक केवल दिल्ली और केरल में ही इसके मामले दर्ज हुए हैं।
क्या है मंकीपॉक्स?
मंकीपॉक्स एक जूनोटिक (एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति में फैलने वाली) बीमारी है। यह बीमारी मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमण के कारण होती है जो पॉक्सविरिडाइ फैमिली के ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से आता है। ये सबसे पहले 1958 में बंदरों की एक बस्ती में मिला था और वहीं से इसे अपना नाम मिला है। यह धीरे-धीरे म्यूटेट होने वाला DNA वायरस है। इसके लक्षण दिखने में संक्रमित होने के बाद 5 से 21 दिनों तक का समय लग सकता है।
महिला की हालिया ट्रैवल हिस्ट्री नहीं
LNJP से जुड़े डॉ सुरेश कुमार ने बताया दिल्ली में मंकीपॉक्स के पांचवें मामले की पुष्टि हुई है। एक 22 वर्षीय महिला को शुक्रवार को संक्रमित पाया गया था और फिलहाल उसे निगरानी में रखा गया है। उन्होंने बताया कि इस वक्त अस्पताल में चार मरीज भर्ती हैं और एक को ठीक होने के बाद छुट्टी दे दी गई है। संक्रमित महिला की हालिया ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है, लेकिन उसने एक महीने पहले यात्रा की थी।
24 जुलाई को सामने आया था पहला मामला
दिल्ली में 24 जुलाई मंकीपॉक्स का पहला मरीज पाया गया था, जब एक 31 वर्षीय व्यक्ति को संक्रमण की पुष्टि हुई। इससे पहले केवल केरल में इसके मामले सामने आए थे। इसके बाद दिल्ली में धीरे-धीरे मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगा। इसे देखते हुए दिल्ली सरकार ने सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में अलग से आइसोलेशन वार्ड बनाने के आदेश जारी कर दिए थे। LNJP में 20 आइसोलेशन कमरे तैयार किए गए हैं।
केंद्र सरकार ने भी गठित की है टास्क फोर्स
केंद्र सरकार ने भी मंकीपॉक्स के कारण देश में बनी स्थितियों पर नजर रखने के लिए नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स का गठन किया है। इसमें स्वास्थ्य मंत्रालय, फार्मा और बायोटेक्नोलॉजी विभागों के सचिव भी शामिल हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जब मंकीपॉक्स के मामले सामने आने लगे तो भारत ने तैयारी शुरू कर दी थी और केरल में पहला मामला सामने आने से पहले गाइडलाइंस जारी कर दी गई थीं
कैसे फैलता है मंकीपॉक्स?
मंकीपॉक्स से संक्रमित किसी जानवर या इंसान के संपर्क में आने पर कोई भी व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। यह वायरस टूटी त्वचा, सांस और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। छींक या खांसी के दौरान निकलने वाली बड़ी श्वसन बूंदों से इसका प्रसार होता है। इंसानों में मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक जैसे होते हैं। शुरूआत में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और पीठ में दर्द, थकावट होती है और तीन दिन में शरीर पर दाने निकलने लग जाते हैं।