पहली समयसीमा खत्म होने तक देश में 35 प्रतिशत स्वास्थ्यकर्मियों ने नहीं लगवाई कोरोना वैक्सीन
क्या है खबर?
देश के लगभग 35 प्रतिशत स्वास्थ्यकर्मी सरकार की तरफ से निर्धारित की गई पहली समयसीमा तक कोरोना वायरस वैक्सीन की खुराक नहीं ले पाए हैं।
इसके पीछे वैक्सीन को लेकर उनकी हिचकिचाहट, समय पर वैक्सीन लेने के लिए न पहुंचना और वैक्सीन लगवाने से इनकार करना आदि कारण प्रमुख है।
बता दें कि सरकार ने शनिवार शाम तक देश के सभी स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन की कम से कम एक खुराक लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया था।
वैक्सीनेशन अभियान
30 लाख से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों का वैक्सीनेशन बाकी
स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार, देश के 96 लाख स्वास्थ्यकर्मियों में से शनिवार शाम 6 बजे तक 63.5 लाख (लगभग 66 प्रतिशत) को ही वैक्सीन की कम से कम एक खुराक लगाई गई है। यानी 30 लाख से अधिक स्वास्थ्यकर्मी ऐसे हैं, जिन्हें विभिन्न कारणों के चलते अब तक वैक्सीन नहीं लगाई जा सकी।
बता दें कि स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगाने में बिहार, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश समेत 12 राज्य आगे हैं।
जानकारी
वैक्सीन लगाने में पीछे छूटे सात राज्य
द टेलीग्राफ के मुताबिक, इन 12 राज्यों ने अपने 75 फीसदी से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगा दी है। दूसरी तरफ पंजाब, दिल्ली, तमिलनाडु आदि सात राज्यों का प्रदर्शन बेहद खराब है और ये 50 फीसदी स्वास्थ्यकर्मियों को भी वैक्सीन नहीं लगा पाए हैं।
कोरोना वैक्सीन
इन स्वास्थ्यकर्मियों को कब मिलेगी वैक्सीन?
भारत में केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस वैक्सीन लगवाना अनिवार्य नहीं किया है, लेकिन इसने अधिक से अधिक लोगों से वैक्सीन लगवाने की अपील की है ताकि संक्रमण पर जल्दी काबू पाया जा सके।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले महीने कहा था कि जो स्वास्थ्यकर्मी 20 फरवरी तक वैक्सीन नहीं लगवा पाते हैं, उन्हें 24 फरवरी तक एक और मौका दिया जाएगा।
सभी राज्यों में अगले चार दिनों तक एक बार फिर स्वास्थ्यकर्मियों के लिए वैक्सीनेशन अभियान चलाया जाएगा।
वैक्सीनेशन अभियान
अगर किसी ने 24 फरवरी तक वैक्सीन नहीं लगवाई तो?
स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि जो स्वास्थ्यकर्मी 24 फरवरी तक भी वैक्सीन नहीं लगवा पाते हैं उन्हें फिर उम्र के हिसाब से वैक्सीन दी जाएगी। इसका मतलब हुआ कि अगर कोई स्वास्थ्यकर्मी 50 साल से अधिक उम्र का है तो उसे तीसरे चरण में वैक्सीन लगाई जाएगी।
वहीं अगर कोई 50 साल से कम आयु का है तो उसे उस उम्र वर्ग के लोगों के लिए वैक्सीनेशन अभियान शुरू होने का इंतजार करना पड़ेगा।
वैक्सीनेशन
फ्रंटलाइन कर्मियों के पास 6 मार्च तक का समय
16 जनवरी से देश में शुरू हुए दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान में फिलहाल स्वास्थ्यकर्मियों के साथ-साथ फ्रंटलाइन कर्मियों को भी वैक्सीन की खुराक दी जा रही है।
सरकार की योजना के अनुसार, 1 मार्च तक सभी रजिस्टर्ड फ्रंटलाइन कर्मियों को भी वैक्सीन की पहली खुराक दे दी जाएगी। अगर इस दौरान कोई फ्रंटलाइन कर्मी वैक्सीन नहीं लगवा पाता है तो उसके पास 6 मार्च तक का समय होगा।
हालांकि, राज्य इन्हें एक से ज्यादा मौके दे सकते हैं।
कोरोना वैक्सीनेशन
अगले महीने से शुरू होगा वैक्सीनेशन का तीसरा चरण
देश में अगले महीने से प्राथमिकता समूह में शामिल 50 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों और दूसरी बीमारियों के मरीजों को कोरोना वायरस वैक्सीन लगनी शुरू हो जाएगी।
केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने लोकसभा में जानकारी देते हुए बताया था कि मार्च के किसी भी सप्ताह से यह काम शुरू कर दिया जाएगा।
बीते कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण की रफ्तार में तेजी को देखते हुए महाराष्ट्र ने तीसरे चरण का वैक्सीनेशन जल्दी शुरू करने की मांग की है।
कोरोना वायरस
देशभर में महामारी और वैक्सीनेशन की क्या स्थिति?
बीते दिन भारत में कोरोना महामारी के 14,264 नए मामले सामने आए और 90 मरीजों ने इसकी वजह से दम तोड़ा।
इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 1,09,91,651 हो गई है। इनमें से 1,56,302 लोगों को इस खतरनाक वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है।
वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो देश में अब तक कोरोना वैक्सीन की 1,10,85,173 खुराक लगाई जा चुकी हैं। बीते दिन 4,32,931 लोगों को वैक्सीन लगाई गई।