उत्तराखंड: केदारनाथ घाटी में निजी कंपनी का हेलीकॉप्टर क्रैश, पायलट सहित 7 श्रद्धालुओं की मौत
उत्तराखंड में स्थित चार धामों में शामिल केदारनाथ मंदिर के पास घाटी में मंगलवार को श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए ले जा रहा निजी कंपनी का एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया। इसमें उसमें सवार पायलट सहित सात श्रद्धालुओं की मौत हो गई। सूचना पर पुलिस और राज्य आपदा राहत बल (SDRF) की टीमों ने मौके पर पहुंची राहत कार्य शुरू किया। हादसे के कारणों का खुलासा नहीं हो सका है। इस घटना से श्रद्धालुओं में डर का माहौल है।
गौरीकुंड पास हुआ हादसा
पुलिस ने बताया कि गुप्तकाशी से श्रद्धालुओं को केदारनाथ मंदिर पहुंचाने का कार्य करने वाली आर्यन कंपनी के हेलीकॉप्टर ने सुबह श्रद्धालुओं को लेकर केदारनाथ के लिए उड़ान भरी थी। उसी दौरान गौरीकुंड के पास गरुडचट्टी में हेलीकॉप्टर अचानक अनियंत्रित होकर घाटी में क्रैश हो गया। इससे उसमें सवार पायलट सहित सात श्रद्धालुओं की मौत हो गई। इधर, मुख्यमंत्री के विशेष प्रधान सचिव अभिनव कुमार ने ट्वीट किया कि फाटा में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में छह लोगों की मौत हुई है।
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मृतकों में गुजरात के हैं तीन श्रद्धालु
उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UCADA) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) सी रविशंकर ने बताया कि मृतकों में गुजरात के तीन, कर्नाटक, तमिलनाडु और झारखंड का एक-एक श्रद्धालु सहित मुंबई निवासी पायलट है। उनकी पहचान कृति ब्रॉड (55), पूर्वा रामानुज (68), उर्वी (69), सुजाता (75), प्रेमकुमार वी (62), काला रमेश (73) और पायलट अनिल कुमार के रूप में हुई है। इधर, राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल ने ट्वीट कर हादसे पर दुख जताया है।
हादसे के कारणों का नहीं हो सका है खुलासा
हेलीकॉप्टर के क्रैश होने के कारणों का अभी खुलासा नहीं हो सका है। हालांकि, प्रथम दृष्टया यह बताया जा रहा है कि केदारनाथ घाटी में घना कोहरा होने के कारण हादसा हुआ है। कोहरा के कारण पायलट वापस लौटने का प्रयास कर रहा था। उसी दौरान यह हादसा हो गया। अब प्रशासन इस बात की जांच करने में जुटा है कि हादसा खराब मौसम की वजह से हुआ या फिर हेलीकॉप्टर में किसी तकनीकि खराबी की वजह से हुआ है।
मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश
इस हादसे को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट किया, 'केदारनाथ के समीप गरुड़चट्टी में दुर्भाग्यपूर्ण हेलीकॉप्टर क्रैश में कुछ लोगों के हताहत होने का अत्यंत दु:खद समाचार प्राप्त हुआ है। राहत और बचाव कार्य हेतु SDRF और जिला प्रशासन की टीमें घटनास्थल पर पहुंच चुकी है। इस दु:खद घटना की विस्तृत जांच के आदेश दिए गए है।' इसके बाद बचाव टीमें हेलीकॉप्टर के मलबे के पास पहुंच गई, लेकिन वहां अभी आग की लपटें उठ रही हैं।
अगले आदेश तक हेलीकॉप्टर सेवा पर रोक
हादसे के बाद UCADA की ओर से अगले आदेश तक केदारनाथ में हेलीकॉप्टर सेवा पर रोक लगा दी गई है। वहां मौसम बेहद खराब है और बारिश के साथ बर्फबारी भी हो रही है। इधर, केंद्र सरकार और DGCA ने राज्य सरकार से हादसे की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसके अलावा केदारनाथ में जारी निजी हेलीकॉप्टर सेवा की भी जांच के आदेश दिए गए हैं। सवाल यह है कि खराब मौसम में हेलीकॉप्टर उड़ान की अनुमति किसने और कैसे दी?
नागिरक एवं उड्डयन मंत्री ने भी जताया दुख
इधर, नागिरक एवं उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी ट्वीट कर इस हादसे पर दुख जताया है। केंद्रीय मंत्री ने लिखा, 'केदारनाथ में हेलिकॉप्टर का दुर्घटनाग्रस्त होना दुर्भाग्यपूर्ण है। हम राज्य सरकार के संपर्क में है और हादसे में नुकसान का आंकलन कर रहे हैं। हम लगातार हालात पर नजर बनाकर रख रहे हैं।' इसी तरह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी घटना पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
साल 2019 में भी क्रैश हुआ था हेलीकॉप्टर
इससे पहले साल 2019 में भी केदारनाथ घाटी में हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ था। केदारनाथ से यात्रियों को लेकर फाटा के लिए उड़ान भरते समय हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी आ गई थी। ऐसे में पायलट को इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी और उसी दौरान हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था। हेलीकॉप्टर के लैंडिंग करते समय पीछे का हिस्सा जमीन से टकराने के कारण यह दुर्घटना हुई थी। गनीमत थी कि हादसे में पायलट समेत छह यात्री सुरक्षित बच गए थे।
2013 की आपदा में बचाव के दौरान क्रैश हुए थे तीन हेलीकॉप्टर
इससे पहले साल 2013 में आई केदारनाथ आपदा के दौरान भी बचाव और राहत कार्य में लगे तीन हेलीकॉप्टर क्रेश हो गए थे। उनमें एक हेलीकॉप्टर भारतीय वायुसेना का MI-17 भी शामिल था। उन हादसों में कुल 23 लोगों की मौत हुई थी।