डिटेंशन सेंटरों में 6 सालों में विदेशी घोषित किए गए 31 लोगों की मौत- असम सरकार

असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (NRC) सूची को अपडेट करने के बाद विदेशी न्यायाधिकरण (FT) द्वारा विदेशी घोषित किए गए लोगों को डिटेंशन सेंटरों में रखा जा रहा है। इन सेंटरों में साल 2016 से 2022 के बीच विदेशी घोषित किए जा चुके कुल 31 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, इन सभी भी मौत गंभीर बीमारियों से जूझने के कारण हुई है। मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में यह जानकारी दी है।
कांग्रेस विधायक कमलाख्या डे पुरकायस्थ ने राज्य विधानसभा के चालू सत्र में राज्य में संचालित डिटेंशन सेंटरों की संख्या के अलावा उनमें हिरासत में चल रहे विदेशी घोषित किए गए लोगों की मौतों के संबंध में जानकारी मांगी थी। इतना ही उन्होंने यह पूछा था कि राज्य में FT की ओर से अब कितने लोगों को नोटिस जारी कर उनसे अपनी नागरिकता साबित करने को कहा है। मुख्यमंत्री सरमा ने उनके इन सभी सवालों का जवाब दिया है।
मुख्यमंत्री सरमा ने कहा, "FT द्वारा विदेशी घोषित किए गए लोगों को हिरासत में रखने के लिए राज्य में छह डिटेंशन सेंटर संचालित हैं। वर्तमान में इनमें 185 घोषित विदेशियों को रखा जा रहा है, जबकि 1,047 जमानत पर चल रहे हैं। वर्तमान में वह अपनी पहचान साबित करने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं।" उन्होंने कहा, "2016 से 2022 तक इन सेंटरों में गंभीर बीमारियों से जूझने के कारण 31 घोषित विदेशियों की मौत हो चुकी है।"
मुख्यमंत्री सरमा ने बताया कि गोलपारा डिटेंशन सेंटर में सबसे अधिक 14 मौतें हुई हैं। इसी तरह तेजपुर में नौ, सिलचर चार, कोकराझार तीन और जोरहाट में एक मौत हुई है। उन्होंने कहा कि पहली मौत सिलचर में 17 मार्च, 2016 को हैलाकांडी जिले निवासी 79 वर्षीय व्यक्ति की हुई थी। इसी तरह सबसे आखिरी मौत सिलचर में 11 जनवरी, 2022 को बांग्लादेश के सिलहट निवासी जमालुद्दीन (60) की हुई थी। मौत के बाद उसका शव बांग्लादेश भेजा गया था।
मुख्यमंत्री सरमा ने बताया कि डिटेंशन सेंटर में सबसे उम्रदराज व्यक्ति राशिद अली (86) की मौत 22 नवंबर, 2017 को जोरहाट में हुई थी। इसी तरह बांग्लादेश के समरगंज निवासी 35 वर्षीय दुलाल मिया की सबसे कम उम्र (35) साल में मौत हुई थी।
मुख्यमंत्री सरमा ने बताया कि FT ने 1 मई, 2021 से 28 फरवरी, 2022 के बीच 19,358 लोगों को नोटिस जारी कर उन्हें अदालत में अपनी भारतीय पहचान साबित करने को कहा है। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा नोटिस गुवाहाटी शहर में जारी किए गए हैं, जबकि कछार जिला सूची में दूसरे नंबर पर है। गुवाहाटी शहर में 2,660 लोगों और कछार में 2,438 लोगों को पहचान साबित करने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं।
मुख्यमंत्री सरमा के अनुसार, सादिया और तिनसुकिया जिलों में FT द्वारा किसी भी व्यक्ति को नोटिस जारी नहीं किया गया था। इसी तरह जोरहाट में मई 2021 से फरवरी 2022 के बीच केवल सात लोगों को ही नोटिस जारी किए हैं।
मुख्यमंत्री सरमा ने बताया कि FT ने 31 जनवरी, 2022 तक नागरिकता से संबंधित कुल 1,22,622 मामलों का निपटारा किया है। इसके अलावा 1,44,077 व्यक्तियों को विदेशी घोषित किया गया है, लेकिन सरकार के पास यह जानकारी नहीं है कि कितने आदेश एकतरफा आधार पर किए गए थे। उन्होंने बताया कि राज्य में 100 FT कार्यरत हैं। शुरुआत में केवल 11 अवैध प्रवासी निर्धारण न्यायाधिकरण (IMDT) कार्य कर रहे थे। 2005 में इनकी जगह FT की स्थापना की गई थीं।
असम सरकार ने 2005 में 21 नए FT की स्थापना की थी। उसके बाद साल 2009 में चार नए FT बनाए गए थे, लेकिन 2013 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर NRC सूची के अपडेट होने पर विदेशी नागरिकों की संख्या बढ़ गई थी। ऐसे में मामलों के त्वरित निस्तारण के लिए सरकार ने 2014 में 64 अतिरिक्त FT की स्थापना की थी। बता दें कि केंद्र सरकार ने 23 सितंबर, 1964 को FT के लिए आदेश जारी किए थे।
NRC असम में रहने वाले भारतीय नागरिकों की पहचान के लिए बनाई गई एक सूची है। इसका उद्देश्य राज्य में अप्रवासियों खासतौर पर बांग्लादेशियों की पहचान करना है। इस प्रक्रिया के लिए 1986 में नागरिकता अधिनियम में संशोधन कर असम के लिए खास प्रावधान किया गया था। इस सूची में 25 मार्च, 1971 से पहले से राज्य में रह रहे लोगों को शामिल किया गया था। राज्य में सबसे पहले 1951 में NRC सूची तैयार की गई थी।