असम: दो दिन के अंदर 24 रोहिंग्या शरणार्थी गिरफ्तार, सात बच्चे और छह महिलाएं शामिल
असम में पिछले दो दिन के अंदर 24 रोहिंग्या शरणार्थियों को भारत में गैरकानूनी तौर पर प्रवेश करने के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है। गिरफ्तार किए गए लोगों में छह महिलाएं और सात बच्चे भी शामिल हैं। इनमें से 15 के पास वैध कागजात नहीं थे, वहीं नौ शरणार्थी यूनाइटेड नेशन्स हाई कमिश्नर ऑर रिफ्यूजीज (UNHCR) का फर्जी पहचान पत्र लेकर घूम रहे थे। इससे पहले भी कई रोहिंग्या मुस्लिमों को देश में गिरफ्तार किया जा चुका है।
गुवाहाटी रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किेए गए नौ शरणार्थी
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार सुबह नौ रोहिंग्या शरणार्थियों को गुवाहाटी के रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया। आरोप है कि वे UNHCR के फर्जी पहचान पत्र लेकर घूम रहे थे। सरकारी रेलवे पुलिस (GRP) के अनुसार, अगरतला-देवगढ़ एक्सप्रेस की जांच के दौरान छह पुरुषों, तीन महिलाओं और एक बच्चे का ये समूह गिरफ्तार किया गया। उसके साथ अमन उल्लाह नामक एक भारतीय नागरिक भी था। वह जम्मू के नरवाल का रहने वाला है।
शुक्रवार को गिरफ्तार किए गए थे 15 शरणार्थी
इससे पहले शुक्रवार को करीमगंज जिले के बदरपुर में GRP जवानों ने 15 रोहिंग्या शरणार्थियों को गिरफ्तार किया था। इनमें छह बच्चे, छह पुरुष और तीन महिलाएं शामिल थीं और वे सिलचर-अगरतला ट्रेन में चढ़ने की कोशिश कर रहे थे। इनमें से किसी के भी पास भारत में रहने के वैध दस्तावेज नहीं थे, इसलिए उन्हें गैरकानूनी प्रवेश के लिए गिरफ्तार किया गया है। GRP ने कहा कि वे अलीगढ़ में नौकरी ढूढ़ने के बाद बांग्लादेश लौटना चाहते थे।
गैरकानूनी तरीके से प्रवेश करने वालों को माना जाएगा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा- गृह मंत्रालय
बता दें कि इसी हफ्ते केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संसद में कहा था कि रोहिंग्या समेत जो भी देश में गैरकानूनी तरीके से प्रवेश करेगा, उसे राष्ट्रय सुरक्षा के लिए खतरा माना जाएगा। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा था कि बिना वैध दस्तावेजों के भारत में प्रवेश करने वाले विदेशी नागरिक या जो दस्तावेज एक्सपायर होने के बाद भी देश में रुके हुए हैं, उन्हें अवैध आप्रवासी माना जाएगा और उचित प्रावधानों के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
रोहिंग्या शरणार्थियों को लेने से इनकार करता रहा है भारत
गौरतलब है कि भारत ने UN रिफ्यूजी कंवेशन पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं और वो UN के उस रुख का विरोध करता है जिसके तहत रोहिंग्या मुस्लिमों को वापस म्यांमार भेजना शरणार्थी नियमों के खिलाफ है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी जम्मू-कश्मीर में रह रहे रोहिंग्या मुस्लिमों को तत्काल वापस भेजने पर रोक लगा दी थी और प्रशासन को उचित प्रक्रिया का पालन करने को कहा था। रोहिंग्या शरणार्थियों का मसला भारत में एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा है।
कौन हैं रोहिंग्या मुस्लिम?
रोहिंग्या मुसलमान ऐसा अल्पसंख्यक समुदाय है जिसे दुनिया में सबसे ज्यादा प्रताड़ित किया जाता है। म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों की संख्या 10 लाख से ज्यादा है, लेकिन वहां की सरकार इन्हें अपना नागरिक नहीं मानती। इनके बारे में कहा जाता है कि ये अवैध बांग्लादेशी प्रवासी हैं। रोहिंग्या की बहुलता वाले रखाइन में 2012 से इनके खिलाफ हिंसा जारी है। इस हिंसा के कारण लगभग 7.3 लाख रोहिंग्या वहां से भागकर बांग्लादेश और भारत जैसे देशों में आ गए हैं।