फेक न्यूज फैलाने वालों पर सरकार सख्त, नए विधेयक में 3 साल सजा का प्रावधान
क्या है खबर?
फेक न्यूज फैलाने वालों पर अब सरकार सख्ती करने जा रही है। शुक्रवार को लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने भारतीय न्याय संहिता विधेयक पेश किया है। इसमें फेक न्यूज फैलाने वालों को 3 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
विधेयक में 'फर्जी खबर या भ्रामक जानकारी' फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही गई है। विधेयक को फिलहाल समीक्षा के लिए स्थायी समिति के पास भेजा गया है।
प्रावधान
विधेयक में क्या है प्रावधान?
प्रस्तावित विधेयक की धारा 195 (1) डी में फेक न्यूज के खिलाफ प्रावधान किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता या सुरक्षा को खतरे में डालने वाली झूठी या भ्रामक जानकारी बनाने और प्रकाशित करने वाले को 3 साल तक के कारावास, जुर्माना या दोनों से से दंडित किया जाएगा।
इसे विधेयक के अध्याय 11 में 'राष्ट्रीय एकता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले आरोप-दावे' के तहत शामिल किया गया है।
IPC
पहले IPC में था यह प्रावधान
बता दें कि पहले 'राष्ट्रीय एकता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले आरोप-दावे' से संबंधित प्रावधान भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153बी के तहत थे। IPC की जगह अब भारतीय न्याय संहिता विधेयक को लाया गया है।
इसके बाद विधेयक की धारा में IPC की फेक न्यूज से जुड़े प्रावधानों को कुछ संशोधन के साथ जोड़ा गया है। स्थायी समिति की समीक्षा के बाद विधेयक कानून में परिवर्तित हो जाएगा।
शाह
अमित शाह ने पेश किए 2 और विधेयक
गृह मंत्री शाह ने लोकसभा में भारतीय न्याय संहिता विधेयक के अलावा भारतीय साक्ष्य विधेयक और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक भी पेश किए।
भारतीय साक्ष्य विधेयक भारतीय साक्ष्य अधिनियम और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक भारतीय न्याय संहिता (CrPC) की जगह लेगा।
इसमें राजद्रोह कानून को हटा दिया गया है। यौन शोषण, सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा और मॉब लिंचिंग समेत कई मामलों में बड़े बदलाव किए गए हैं।
चैनल
सरकार ने बंद किए फेक न्यूज फैलाने वाले 8 यूट्यूब चैनल
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने 8 अगस्त को बताया था कि उसने फेक न्यूज फैलाने वाले 8 यूट्यूब चैनलों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें बंद कर दिया है।
मंत्रालय के मुताबिक, यह चैनल बिना किसी तथ्य के समय से पहले लोकसभा चुनाव होने, इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (EVM), भारतीय थलसेना, सरकारी योजनाओं, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और कई केंद्रीय मंत्रियों के बारे में फेक न्यूज फैला रहे थे। इन चैनलों के कुल 2.3 करोड़ सब्सक्राइबर्स थे।