सोमवार से लापता CCD के मालिक वीजी सिद्धार्थ का शव मिला, आज होगा अंतिम संस्कार
सोमवार से लापता कैफे कॉफी डे (CCD) के मालिक वीजी सिद्धार्थ का शव बुधवार सुबह नेत्रवती नदी के किनारे मिला है। उनके परिवार ने उनके शव की पहचान कर ली है। आज उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मछुआरों ने सिद्धार्थ का शव ढूंढा और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने उनके शव को पोस्टमार्टम के लिए मंगलुरू के वेनलॉक अस्पताल भेजा है। पुलिस ने सोमवार से तलाशी अभियान चलाया था।
एसएम कृष्णा के दामाद थे सिद्धार्थ
सिद्धार्थ की शादी कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा की बेटी मालविका से हुई थी। कृष्णा, मनमोहन सिंह सरकार के समय विदेश मंत्री भी रह चुके हैं। उन्होंने कुछ समय पहले कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा का दामन थामा था।
पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेजा शव
लापता होने से पहले निजी स्टाफ से मिले थे सिद्धार्थ
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लापता होने से कुछ घंटे पहले सिद्धार्थ ने अपने निजी स्टाफ को बेंगलुरू स्थित CCD हेडऑफिस बुलाकर कहा था कि उन्हें एक पत्र दिया जाएगा। उनके लापता होने के कुछ समय बाद यह पत्र मीडिया में आया था। इसमें उन्होंने लोगों का विश्वास तोड़ने के लिए माफी मांगते हुए लिखा था कि कर्ज देने वाले लोग उन दवाब डाल रहे हैं और आयकर अधिकारी उनका उत्पीड़न कर रहे हैं।
कर्ज तले दबी है CCD
सिद्धार्थ ने 27 जुलाई को अपने स्टाफ मेंबर्स के साथ बातचीत की थी। इसमें उन्होंने स्टाफ से लोन चुकाने के बाद कंपनी के हितों का ध्यान रखने की बात कही थी। उस समय वो काफी भावुक थे। बता दें कि भारत की सबसे कॉफी चेन CCD पर इस समय लगभग 4,500 करोड़ का कर्ज है। अपने पत्र में सिद्धार्थ ने लिखा था कि एक प्राइवेट इक्विटी पार्टनर उनपर कॉफी डे एंटरप्राइज से हॉल्डिंग बायबैक करने का दबाव बना रहा है।
सोमवार को लापता हुए थे सिद्धार्थ
सोमवार को चिकमंगलुरू जाते समय सिद्धार्थ ने अपने ड्राइवर को नेत्रवती नदी पर बने पुल पर गाड़ी रोकने को कहा था। इसके बाद वह उतरकर किसी से फोन पर बात करने लगे। जब काफी देर तक सिद्धार्थ वापस नहीं लौटे तो उनके ड्राइवर ने सिद्धार्थ के परिवार को फोन किया। इसके बाद परिवार ने पुलिस को मामले की जानकारी दी। सूचना मिलने के बाद पुलिस ने स्थानीय मछुआरों, कोस्टगार्ड और NDRF के साथ मिलकर तलाशी अभियान चलाया था।
सिद्धार्थ ने देश में शुरू किया कॉफी का सबसे बड़ा बिजनेस
चिकमंगलुरू में जन्में सिद्धार्थ का परिवार 140 सालों से कॉफी बीन के व्यवसाय में लगा है। उन्हें देश का सबसे बड़ा कॉफी बिजनेस शुरू करने का श्रेय दिया जाता है। सिद्धार्थ ने 1996 में बेंगलुरू के ब्रिगेड रोड पर पहला CCD स्टोर खोला, जहां ग्राहकों को 100 रुपये में एक कॉफी और एक घंटे इंटरनेट सर्फिंग की सुविधा दी जाती थी। आज CCD के 1,700 कैफे, 48,000 वेंडिंग मशीन, 532 कियोस्क और लगभग 400 कॉफी सेलिंग आउटलेट हैं।