तमिलनाडु: कॉलेज प्रबंधन के जातिगत उत्पीड़न से परेशान 19 वर्षीय दलित छात्रा ने की आत्महत्या
तमिलनाडु के नागापट्टिनम में संचालित एक निजी कॉलेज में अधिकारियों के जातिगत उत्पीड़न और फीस के लिए परेशान करने से दुखी एक 19 वर्षीय छात्रा के आत्महत्या करने का हैरान करने वाला मामला सामने आया है। परिजनों ने घटना के बाद शव को अस्पताल के बाहर रखकर प्रदर्शन किया और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। सूचना पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को कार्रवाई का आश्वासन देकर विरोध को शांत कराया।
कॉलेज प्रबंधन ने फीस नहीं भरने पर किया छात्रा को परेशान
नागापट्टिनम पुुलिस उपाधीक्षक (DSP) पी सरवनन ने बताया कि मृतका छात्रा अंथानापेट्टई निवासी सुबाशिनी (19) है। वह नागापट्टिनम जिले में सर इस्साक न्यूटन कॉलेज ऑफ फिजियोथेरेपी की छात्रा थी। उसके पाठ्यक्रम की पूरी फीस नहीं चुकाने पर कॉलेज प्रबंधन ने उसे परेशान करना शुरू कर दिया था और जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया था। इससे दुखी होकर छात्रा ने बुधवार शाम को अपने घर पहुंचकर फंदे से झूलकर आत्महत्या कर ली।
छात्रा के परिजनों ने अस्पताल के बाहर शव रखकर किया प्रदर्शन
DSP सरवनन ने बताया कि छात्रा के फंदे से झूलने के बाद परिजनों ने उसे अस्पताल पहुंचाया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजनों ने शव को अस्पताल के बाहर रखकर कॉलेज प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होने से शव का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया। उन्होंने बताया कि पुलिस ने परिजनों को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन देकर परिजनों को पोस्टमार्टम कराने के लिए राजी किया।
पुलिस ने कॉलेज प्रमुख सहित तीन लोगों के खिलाफ दर्ज किया मामला
DSP सरवनन ने बताया कि परिजनों की शिकायत के आधार पर पुलिस ने कॉलेज अध्यक्ष सहित तीन लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि फिलहाल मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस कॉलेज अधिकारियों से पूछताछ कर रही है और जल्द ही सभी दोषियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
परिजनों ने लगाया छात्रा को कक्षा से बाहर निकालने का आरोप
सुबाशिनी के रिश्तेदार अरिवाझगन ने बताया कि कॉलेज में सालाना फीस 65,000 रुपये थी। परिवार ने 15,000 रुपये का भुगतान किया था और प्रबंधन को सूचित किया था कि शेष राशि का भुगतान जल्द से जल्द करेंगे। इसके बाद भी कॉलेज प्रशासन ने पिछले सप्ताह तीन दिनों तक उसे कक्षा से बाहर निकाल दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि एक व्याख्याता ने उसे जातिसूचक शब्दों से अपमानित करते हुए फीस नहीं भरने पर और ज्यादा परेशान करने की धमकी दी थी।
बेहद कमजोर है सुबाशिनी के परिवार की आर्थिक स्थिति
अरिवाझगन ने कहा कि सुबाशिनी के चाचा कॉलेज में पढ़ाते हैं और उन्होंने मामला सामने आने के बाद इसमें हस्तक्षेप का भी प्रयास किया था, लेकिन किसी ने उनकी एक नहीं सुनी। उन्होंने बताया कि सुबाशिनी के परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है। उसके पिता दिहाड़ी मजदूर है और प्लंबर का काम करते हैं। इसी तरह मां स्थानीय नगर पालिका में एक सफाई कर्मचारी है। कॉलेज प्रशासन को फीस के लिए एक बार परिजनों से बात करनी चाहिए थी।