#NewsBytesExclusive: ट्रेन और रेलवे स्टेशनों पर रोजाना 160 चोरी की वारदातें, हर महीने 3 रेप
क्या है खबर?
रेलवे मंत्रालय द्वारा ट्रेनों के सफर को सुरक्षित और आरामदायक बनाने के तमाम दावों के बाद भी रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में यात्रियों और उनके सामान की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है।
तमाम सुरक्षा इंतजामों के बाद भी ट्रेन और रेलवे स्टेशनों पर पिछले तीन सालों में चोरी की 1.74 लाख से अधिक वारदातें हुई हैं। इसी तरह 109 रेप और 4,888 डकैती हुई हैं।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के डाटा में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
चोरी
पिछले तीन सालों में प्रतिदिन हुई चोरी की 160 वारदातें
NCRB के डाटा के अनुसार, देश में 1 जनवरी, 2018 से 31 दिसंबर, 2020 के बीच विभिन्न रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में चोरी की कुल 1,74,434 वारदातें हुई हैं।
इस हिसाब से चोरों ने प्रतिदिन औसतन 160 लोगों को अपना निशाना बनाया है।
इनमें से 2018 में सबसे अधिक 76,474 और 2019 में यह घटकर 76,205 पर आ गई थी, लेकिन 2020 में कोरोना महामारी के कारण ट्रेनों का संचालन प्रभावित होने से यह संख्या 21,755 पर आ गई।
सबसे ज्यादा
महाराष्ट्र में हुई चोरी की सबसे अधिक घटनाएं
साल 2018 से 2020 के बीच ट्रेनों और रेलवे स्टेशन परिधि में सबसे अधिक चोरी की घटनाएं महाराष्ट्र राज्य में हुई है।
इस अवधि में यहां कुल 94,961 चोरी की घटनाएं हुई है। यह कुल चोरी का 54.43 प्रतिशत हिस्सा है।
इसके बाद उत्तर प्रदेश में 12,984, मध्य प्रदेश 12,042, दिल्ली 10,784, तमिलनाडु 10,252, बिहार 4,611, आंध्र प्रदेश 3,706, राजस्थान 3,182 और गुजरात में चोरी की कुल 3,028 घटनाएं हुई हैं।
जानकारी
हिमाचल प्रदेश में हुई चोरी की सबसे कम घटनाएं
पिछले तीन सालों में हिमाचल प्रदेश में चोरी की सबसे कम 10 घटनाएं हुई हैं। इसी तरह त्रिपुरा में 17, जम्मू-कश्मीर 40, उत्तराखंड 238 और असम में 652 घटनाएं हुई हैं। हालांकि, इस दौरान एक भी राज्य ऐसा नहीं रहा जहां चोरी नहीं हुई।
रेप
पिछले तीन सालों में हर महीने हुए तीन रेप
NCRB के डाटा के अनुसार, 2018 से 2020 के बीच ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर रेप की 109 वारदातें सामने आई थी। इस हिसाब से देश में हर महीने औसतन रेप के तीन मामले सामने आए।
इनमें से 2018 में सबसे अधिक 51 और 2019 में यह संख्या घटकर 33 रेप पर आ गई थी, लेकिन 2020 में कोरोना महामारी के कारण लंबे समय तक ट्रेनों का संचालन बंद होने से यह संख्या गिरकर 25 पर आ गई।
सबसे ज्यादा
मध्य प्रदेश में हुई रेप की सबसे अधिक वारदातें
साल 2018 से 2020 के बीच ट्रेनों और रेलवे स्टेशन परिधि में सबसे अधिक रेप की वारदातें मध्य प्रदेश राज्य में हुई है। इस अवधि में यहां कुल 25 महिलाओं को रेप का शिकार बनाया गया है।
इसके बाद राजस्थान में 13, उत्तर प्रदेश में 11 और महाराष्ट्र में आठ वारदातें घटित हुई हैं।
इसी तरह इस अवधि में दुष्कर्म के प्रयास के भी आठ मामले सामने आए हैं। रेप के मामलों में अधिकतर राज्यों में हालात सामान्य रहे हैं।
लूट
प्रत्येक दो दिन में हुई लूट की आठ वारदातें
NCRB के डाटा के अनुसार, साल 2018 से 2020 के बीच ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर लूट की 4,888 वारदातें सामने आई थी।
इस हिसाब से देश में प्रत्येक दो दिन में औसतन लूट के आठ मामले सामने आए। इनमें से 2018 में 1,755 मामले सामने आए थे, लेकिन 2019 में यह संख्या भारी इजाफे के साथ 2,338 पर पहुंच गई।
हालांकि, 2020 में कोरोना महामारी के कारण इसमें कमी आई और यह संख्या 795 ही रह गई।
सबसे ज्यादा
महाराष्ट्र में हुई लूट की सबसे अधिक वारदातें
पिछले तीन सालों में ट्रेनों और रेलवे स्टेशन परिधि में सबसे अधिक लूट की वारदातें महाराष्ट्र राज्य में हुई है। इस अवधि में यहां कुल 2,737 लूट की वारदातें हुई है।
इसके बाद तमिलनाडु में 470, उत्तर प्रदेश में 261, कर्नाटक में 188, मध्य प्रदेश में 117, बिहार में 49 और गुजरात में 45 घटनाएं हुई हैं।
इसके उलट, अन्य राज्यों में शून्य से लेकर 20 तक लूट की वारदातें ही दर्ज की गई है। यह राहत की बात है।
जानकारी
तीन साल में हुई डकैती की 129 वारदातें
पिछले तीन सालों में देश के रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में डकैती की कुल 129 वारदातें हुई हैं। इनमें महाराष्ट्र में सबसे अधिक 36, तेलंगाना में 23, बिहार 17, कर्नाटक 11 और तमिलनाडु में सबसे कम 8 वारदातें दर्ज की गई है।
सुरक्षा
ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर होती है मजबूत सुरक्षा
ट्रेनों और रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा की जिम्मेदारी के लिए रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) की नियुक्ति की गई है।
रेलवे की संपत्ति की सुरक्षा की जिम्मेदारी RPF पर है और यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी GRP की है।
यात्रा के दौरान सभी ट्रेनों में पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं और स्टेशनों पर भी काफी संख्या में जवान तैनात रहते हैं। इसके बाद भी हत्या और हत्या के प्रयास जैसी वारदात होना कई सवाल खड़े करता है।
बयान
किए जाते हैं बेहतर सुरक्षा के प्रयास
राजस्थान के अलवर रेलवे स्टेशन पर GRP थाने के कैलाश चंद मीना ने न्यूजबाइट्स हिन्दी को बताया कि स्टेशनों पर पर्याप्त मात्रा में सिपाही तैनात किए जाते हैं और ट्रेनों में भी नियमित जांच की जाती है, लेकिन रेलवे स्टेशन के चप्पे-चप्पे और ट्रेनों की सभी बोगियों में जवानों की तैनाती मुमकिन नहीं है। यही कारण है कि कभी-कभी वारदातें हो जाती हैं।
उन्होंने कहा कि वारदातों को रोकने के लिए लगातार प्रयास किए जाते रहते हैं।