राजस्थान: भरतपुर में न्यायाधीश पर नाबालिग के यौन शोषण का आरोप, हाई कोर्ट ने किया निलंबित
क्या है खबर?
राजस्थान के भरतपुर जिले में एक न्यायाधीश द्वारा 14 वर्षीय बच्चे का यौन शोषण करने का गंभीर मामला सामने आया है।
बच्चे के परिजनों की शिकायत के आधार पर न्यायाधीश सहित तीन लोगों के खिलाफ पोक्सो (POCSO) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
मामले की जांच वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को सौंपी गई है। मामला दर्ज होने के बाद जोधपुर हाई कोर्ट ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी न्यायाधीश को निलंबित कर दिया।
प्रकरण
टेनिस खेलने के नाम पर दोस्ती कर दिया घटना को अंजाम
जी न्यूज हिंदी के अनुसार, पुलिस ने बताया कि आरोपी न्यायाधीश जिले की भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विशेष अदालत में विशेष न्यायाधीश के पद पर तैनात जितेंद्र गोलिया है।
इसी तरह दो अन्य आरोपियों में गोलिया के स्टेनो अंशुल सोनी और एक अन्य कर्मचारी राहुल कटारा है।
पुलिस ने बताया कि आरोपी न्यायाधीश ने नाबालिग से टेनिस खेलने के दौरान डिस्ट्रिक्ट क्लब कंपनी बाग में दोस्ती की थी। उसके बाद उन्होंने उसका यौन शोषण शुरू कर दिया।
धमकी
न्यायाधीश ने नाबालिग को दी थी जान से मारने की धमकी
पुलिस के अनुसार, नाबालिग की मां ने बताया कि न्यायाधीश गोलिया और उनके कर्मचारी टेनिस खेलने के बाद उनके बेटे के अपने घर ले जाते थे।
वहां गोलिया ने उनके बेटे को नशीला पदार्थ खिलाकर यौन शोषण करते थे। इसका विरोध करने पर गोलिया ने बेटे को जान से मारने की धमकी भी दे दी थी।
ऐसे में उनके बेटा एक महीने तक गोलिया की हैवानियत सहता रहा, लेकिन गत दिनों ने उसने घर आकर सभी आपबीती बता दी।
शिकायत
मां की शिकायत के आधार पर दर्ज हुआ मामला
पुलिस ने बताया कि, रविवार को नाबालिग की मां ने थाने पहुंचकर न्यायाधीश गोलिया, अंशुल सोनी और राहुल कटारा के खिलाफ बेटे का यौन शोषण करने की शिकायत दी थी।
इसके आधार पर तीनों के खिलाफ पोक्सो अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करते हुए उच्चाधिकारी को जांच सौंप दी है।
इधर, जोधपुर हाई कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी न्यायाधीश गोलिया को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
प्रतिक्रिया
कुमार विश्वास ने की कड़ी सजा देने की मांग
इस घटना पर लेखक डॉ कुमार विश्वास ने गुस्सा जाहिर करते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
उन्होंने ट्वीट किया, 'और जलवा ये कि मी-लार्ड एंटी करप्शन जज हैं। राजस्थान सरकार इनका ऐसा उपचार करिए कि न्याय को नौकर समझने वाले ऐसे हर लाट साहब के लिए नज़ीर बने। ये अकेले नहीं हैं, हमारे दिए पद की शक्ति को निजी अहंकार में बदलने वाले अनेक लॉर्ड हैं। 2.5 करोड़ केस पेंडिग हैं और न्याय इस सब में व्यस्त है।'