अमेरिका ने ईरान पर लगाया डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की साजिश रचने का आरोप
अमेरिका के न्याय विभाग ने ईरान पर राष्ट्रपति चुनाव से पहले डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है। शुक्रवार को मैनहट्टन में संघीय अदालत में दायर आपराधिक शिकायत में आरोप लगाया गया है कि अक्टूबर में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड (IRGC) के एक एजेंट ने अफगानी मूल के फरहाद शकेरी नाम के शख्स को ट्रंप की हत्या का काम सौपा था। शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि शकेरी ईरान में सरकारी कर्मचारी है।
कैसे हुआ इस मामले का खुलासा?
शिकायत में कहा गया है कि शकेरी ने ईरान में रहते हुए FBI एजेंटों के साथ रिकॉर्ड की गई बातचीत में कथित साजिशों के कुछ विवरण का खुलासा किया है। उसने जांचकर्ताओं को बताया कि उसके सहयोग का कथित कारण अमेरिका में सलाखों के पीछे उसके एक सहयोगी की सजा को कम कराना है। अमेरिकी अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने कहा कि शकेरी को ट्रंप की हत्या के लिए अपने आपराधिक नेटवर्क का इस्तेमाल करने को कहा गया था।
कौन है फरहाद शकेरी?
शकेरी अफगानी नागरिक है, जो बचपन में अमेरिका आ गया था, लेकिन डकैती के लिए 14 साल जेल में बिताने के बाद उसे निर्वासित कर दिया गया। अब वह सुपारी लेकर हत्या की साजिश के लिए तेहरान द्वारा भर्ती किए गए बदमाशों का एक नेटवर्क चलाता है। शिकायत के अनुसार, IRGC अधिकारी ने शकेरी को सितंबर में 7 दिन में ट्रंप की हत्या की योजना बनाने का निर्देश दिया था। इसके लिए उसे मोटी रकम भी ऑफर की गई थी।
चुनाव के बाद फिर से हमला करने की थी योजना
शकेरी के अनुसार, ईरानी अधिकारी ने उससे कहा था कि वह 7 दिन में ट्रंप को नहीं मार पाया तो चुनाव के बाद तक साजिश रोक दी जाएगी क्योंकि अधिकारी का मानना था ट्रंप हार जाएंगे और तब उन्हें मारना आसान होगा। शिकायत के अनुसार, हालांकि अधिकारियों ने पाया कि उसके द्वारा दी गई कुछ जानकारी झूठी थी, लेकिन ट्रंप की हत्या की साजिश और ईरान द्वारा बड़ी रकम देने की इच्छा के संबंध में उनके बयान सही पाए गए।
ईरानी-अमेरिकी पत्रकार को भी मारने की साजिश
शिकायत में आरोप है कि शकेरी ने अमेरिकी जेल में मुलाकात के दौरान न्यूयॉर्क निवासी कार्लिसल रिवेरा और जोनाथन लोडहोल्ट को अमेरिकी पत्रकार की हत्या की साजिश रचने के लिए अपने समूह में शामिल किया था। हालांकि, उनकी योजना विफल हो गई। शिकायत में उस पत्रकार की पहचान उजागर नहीं की गई है, लेकिन उनके मसीह अलीनेजाद होने की संभावना है। उन्होंने ईरान में महिलाओं के लिए सिर ढकने के कानून पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
2 अमेरिकी नागरिकों की हत्या के लिए भी मिली थी सुपारी
शकेरी ने दावा किया कि न्यूयॉर्क में 2 यहूदी अमेरिकी नागरिकों की निगरानी करने और संभावित रूप से उनकी हत्या करने के लिए उन्हें 5 लाख डॉलर (4.20 करोड़ रुपये) की पेशकश की गई थी। उन्होंने कथित तौर पर जेल में बिताए गए अपने संबंधों का इस्तेमाल IRGC को निगरानी और हत्या कार्यों के लिए सहायता प्रदान करने में किया। FBI ने कहा है कि जुलाई में एक असंबंधित हत्या के प्रयास के बाद ट्रंप के विरुद्ध धमकियों बढ़ी है।
13 जुलाई को भी ट्रंप की रैली के दौरान हुई थी गोलीबारी
यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप पर हमले की साजिश रची गई। इसी साल चुनाव प्रचार के दौरान 13 जुलाई को पेंसिल्वेनिया के बटलर शहर में उन पर चुनावी रैली के दौरान गोलीबारी हुई थी। इसमें एक गोली उनके कान को छूते हुए निकल गई थी। उस घटना के करीब 64 दिन बाद एक बार फिर उन पर जानलेवा हमले की कोशिश हुई थी। उस वक्त ट्रंप फ्लोरिडा में पाम बीच काउंटी के इंटरनेशनल गोल्फ क्लब में मौजूद थे।