भारतीय रेलवे बुकिंग: टिकट आरक्षण के बारे में जानें कुछ प्रमुख नियम
क्या है खबर?
भारतीय रेलवे यात्रियों को ट्रेन टिकटों को ऑफलाइन (आरक्षण काउंटर के माध्यम से) और ऑनलाइन (ई-टिकटिंग सेवा IRCTC के पोर्टल के माध्यम से) बुक करने की अनुमति देता है।
एडवांस बुकिंग आमतौर पर सभी ट्रेनों में और सभी कक्षाओं के लिए ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से 120 दिन पहले ही शुरू हो जाती है।
भारतीय रेलवे के टिकट आरक्षण को लेकर कई नियम हैं, जिनके बारे में ज़्यादातर लोग जानते ही नहीं है।
यहाँ जानें कुछ महत्वपूर्ण नियम।
#1
अधिकतम बुकिंग और फ़ॉर्म के बारे में नियम
कोई भी व्यक्ति एक अनुरोध फ़ॉर्म पर छह टिकट तक बुक करवा सकता है।हालाँकि, सभी यात्रियों को एक ही ट्रेन में और एक ही गंतव्य तक यात्रा करनी होती है।
किसी भी समय एक व्यक्ति से केवल एक अनुरोध फ़ॉर्म ही स्वीकार किया जाता है। अगर आप चाहें कि एक से ज़्यादा फ़ॉर्म जमा करें तो यह संभव नहीं है। हालाँकि, वापसी यात्रा के मामले में प्रति यात्री दो या तीन फ़ॉर्म स्वीकार किए जाते हैं।
#2
बर्थ के आवंटन और बुकिंग के समय स्लॉट के बारे में नियम
जिन यात्रियों को बुकिंग के समय कंफर्म टिकट मिलता है, उन्हें उसी समय बर्थ आवंटित कर दी जाती है और टिकट पर कोच और बर्थ नंबर भी दिखाई देता है।
बता दें कि आरक्षण काउंटर पर बुकिंग के लिए अनुरोध, ट्रेन के प्रस्थान से चार घंटे पहले तक ही स्वीकार किया जाता है। हालाँकि, करेंट काउंटरों पर ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से एक घंटे पहले तक भी आरक्षण किया जाता है।
#3
ख़ाली सीटों को भरने और वरिष्ठ नागरिकों के लिए छूट से जुड़े नियम
अगर काउंटर बुकिंग के बाद भी ट्रेन में ख़ाली सीटें उपलब्ध हैं, तो टिकट कलेक्टर उन्हें भरने के लिए टिकट जारी कर सकता है।
इसके अलावा रेलवे वरिष्ठ नागरिक यात्रियों के लिए छूट की सुविधा भी प्रदान करता है।
58 साल या उससे अधिक उम्र की महिलाओं को मूल किराए पर 50% तक की छूट दी जाती है। वहीं 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के पुरुषों को यात्रा के मूल किराए पर 40% की छूट दी जाती है।