#NewsBytesExclusive: 18 साल बाद विश्व कप खेल रही नामीबिया क्रिकेट टीम के कप्तान से खास बातचीत
2003 में विश्व कप खेलने के बाद नामीबिया क्रिकेट टीम 18 साल से कोई विश्व कप नहीं खेली थी। टी-20 विश्व कप 2021 के राउंड-1 में उन्होंने नीदरलैंड और आरयलैंड को हराते हुए सुपर-12 में अपनी जगह बनाई है। सुपर-12 में नामीबिया का मुकाबला भारत, पाकिस्तान और न्यूजीलैंड जैसी टीमों से होने वाला है। न्यूजबाइट्स ने नामीबिया के कप्तान गेरहार्ड इरास्मस से उनके करियर और नामीबिया क्रिकेट के बारे में बातचीत की है। आइए जानते हैं गेरहार्ड ने क्या-क्या कहा।
नामीबिया क्रिकेट टीम के कप्तान और शानदार बल्लेबाज हैं गेरहार्ड
गेरहार्ड ने नामीबिया के लिए अब तक आठ वनडे और 25 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। वह नामीबिया टीम के कप्तान भी हैं। उन्होंने वनडे में दो अर्धशतकों की मदद से 226 रन बनाए हैं। टी-20 अंतरराष्ट्रीय में उन्होंने छह अर्धशतकों की बदौलत 627 रन बनाए हैं। 38 फर्स्ट-क्लास मैचों में उन्होंने एक शतक और तीन अर्धशतकों की मदद से 1,255 रन बनाए हैं। अब तक वह 75 से अधिक टी-20 मुकाबले खेल चुके हैं।
नामीबिया को विश्व कप में खेलता देखकर प्रेरित हुए थे गेरहार्ड
नामीबिया ने 2003 में विश्व कप खेला था और फिर 18 साल गेरहार्ड की कप्तानी में वे दोबारा विश्व कप खेल रहे हैं। इस पर नामीबिया के कप्तान ने कहा, "अपने देश के खिलाड़ियों को विश्व कप में मजबूत टीमों के खिलाफ खेलता देखकर मुझे प्रेरणा मिली थी। उस समय आठ साल का होने के बावजूद मैंने टूर्नामेंट का काफी लुत्फ उठाया था। संभवतः 18 साल बाद हम भी युवाओं को प्रेरित करने का काम कर रहे हैं।"
15 साल की उम्र तक रग्बी और 18 तक हॉकी भी खेल रहे थे गेरहार्ड
गेरहार्ड बचपन में केवल क्रिकेट ही नहीं खेलते थे बल्कि उन्होंने हॉकी और रग्बी भी खेली है। उन्होंने बताया, "15-16 साल की उम्र में मुझे सही फैसला लेना था और फिर चोट से बचने के लिए मैंने रग्बी खेलना छोड़ दिया था। हालांकि, 18 साल की उम्र तक मैंने हॉकी खेलनी जारी रखी थी। हॉकी खेलने से मुझे फिटनेस में और हाथ तथा आंखों के तालमेल में काफी मदद मिली है।"
आसान नहीं था 16 साल की उम्र में डेब्यू करना- गेरहार्ड
16 साल की उम्र में डेब्यू करने वाले गेरहार्ड ने कहा कि अपने डेब्यू के समय वह संभवतः इस लेवल की क्रिकेट खेलने के लिए तैयार नहीं थे। उन्होंने कहा, "शुरुआती कुछ सालों में खुद को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर के रूप में स्थापित करना थोड़ा मुश्किल रहा था। कम उम्र में डेब्यू करने से मुझे सीखने का अधिक मौका मिला। हालांकि, अब मैं काफी समझदार हो गया हूं और यह काफी जल्दी टीम में आने की वजह से ही हुआ है।"
चार साल कानून की पढ़ाई भी कर चुके हैं गेरहार्ड
गेरहार्ड ने कई खेल खेलने के अलावा कानून की पढ़ाई भी की है और वह पढ़ाई पूरी करने के बाद छह महीनों तक काम भी कर रहे थे। उन्होंने बताया, "मैं केपटाउन में कानून की पढ़ाई कर रहा था, लेकिन मेरा भाग्य अच्छा था कि मैं लगातार क्रिकेट भी खेल रहा था। पढ़ाई पूरी करके मैंने छह महीने काम किया था कि मुझे कॉन्ट्रैक्ट मिल गया। उम्मीद है कि क्रिकेट करियर खत्म करके मैं वापस इस काम में आ सकूंगा।"
नामीबिया में हैं क्रिकेट के लिए काफी कम सुविधाएं
नामीबिया में क्रिकेट की सुविधाओं के बारे में पूछने पर गेरहार्ड ने बताया कि देश में काफी कम सुविधाएं हैं, लेकिन वे इसमें ही अपना बेस्ट देने की कोशिश करते हैं। उन्होंने बताया, "हमारे देश में केवल पांच टर्फ विकेट हैं। राष्ट्रीय टीम की बात करें तो हमारे पास केवल 18 ही खिलाड़ी हैं। हमारे यहां पांच क्रिकेट क्लब हैं और इन्हीं में सभी खिलाड़ी अपनी ट्रेनिंग करते हैं और मैच खेलते हैं।"
सुविधाएं बढ़ाने के लिए चाहिए ढेर सारे पैसे- गेरहार्ड
गेरहार्ड ने बताया कि देश में क्रिकेट को काफी तेजी से बढ़ावा मिल रहा है, लेकिन सुविधाओं को बढ़ाने के लिए ढेर सारे पैसों की जरूरत पड़ेगी। उन्होंने कहा, "क्रिकेट काफी महंगा खेल है। खेल के लिए जरूरी सभी सामानों, ग्राउंड और अन्य सुविधाओं के लिए काफी पैसे खर्च करने होंगे। इस खेल को आम लोगों तक पहुंचाने की कोशिश जारी है और जब यह लोगों के लिए एक विकल्प बन जाएगा तो बदलाव जरूर आएगा।"
भारत के खिलाफ होने वाले मुकाबले को लेकर उत्सुक हैं गेरहार्ड
भारत के खिलाफ मैच को लेकर गेरहार्ड ने कहा कि उस मुकाबले ढेर सारे दर्शकों को देखना उनके लिए काफी शानदार होगा क्योंकि अब तक उनके अधिकतर मैच देखने के लिए उनके परिवार के लोग ही आते थे। उन्होंने कहा, "हजारों फैंस के बीच खेलना शानदार होगा। भारत के खिलाफ होने वाले मैच को लेकर हम उत्सुक हैं। मैं मौके का फायदा जरूर लूंगा और भारत की ड्रेसिंग रूम में जाकर सबसे मिलूंगा।"