सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी पश्चिम बंगाल में नहीं चल रही 'द केरल स्टोरी'
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने कुछ दिन पहले ही पश्चिम बंगाल में 'द केरल स्टोरी' पर बैन हटाया था। इसके बावजूद राज्य में फिल्म की मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं।
फिल्म निर्माता विपुल शाह ने पश्चिम बंगाल में फिल्म पर गैरकानूनी प्रतिबंध होने की बात कहते हुए प्रशासन और पुलिस पर संगीन आरोप लगाए हैं।
शाह का कहना है कि राज्य में पुलिस ही फिल्म चलाने वाले सिनेमाघर मालिकों को धमकी दे रही है।
खबर
पुलिस दे रही सिनेमाघरों को धमकी- शाह
ई टाइम्स के मुताबिक शाह ने कहा, "हैरानी की बात है कि फैसले के बाद बंगाल में सिनेमाघरों में फिल्म पर गैरकानूनी बैन लगा हुआ है। सिनेमाघर मालिकों को पुलिस और प्रशासन से धमकी भरे फोन आ रहे हैं। उनसे कहा जा रहा है कि अगर उन्होंने फिल्म की बुकिंग शुरू की तो उनके सिनेमाघर सुरक्षित नहीं रहेंगे। कुछ सिनेमाघरों ने फिल्म दिखानी चाही, लेकिन उन्हें ऐसी प्रतिक्रिया मिली कि कोई भी वहां यह फिल्म नहीं दिखा रहा है।"
बयान
'डरे हुए हैं सिनेमाघर मालिक'
शाह ने आगे कहा, "सिनेमाघर मालिक डरे हुए हैं, इसलिए वे खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं। वे इस मामले पर कुछ बोल नहीं पा रहे हैं। वे फिल्म दिखाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें फिल्म नहीं चलाने दिया जा रहा है। यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना है। मैं हैरान हूं कि ये लोग लोकतंत्र के राजा हैं। दोनों राज्य बिल्कुल अलोकतांत्रिक व्यवहार कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी फिल्म को दिखाना शर्मनाक है।"
मामला
फिल्म पर क्यों लगा था बैन?
8 मई को ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में 'द केरल स्टोरी' पर बैन लगा दिया था। उनका कहना था कि फिल्म की कहानी मनगढंत है और इसे एक समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाने के उद्देश्य से बनाया गया है। फिल्म रिलीज करने पर राज्य में शांति व्यवस्था खराब हो सकती है।
तमिलनाडु में भी सिनेमाघरों में यह फिल्म नहीं दिखाई जा रही थी।
इसके बैन के खिलाफ निर्माताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
जवाब
सरकार ने कोर्ट को दी थी यह दलील
ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि फिल्म में हेट स्पीच है और गलत तथ्य दिखाए गए हैं। इससे राज्य में सांप्रादायिक सौहार्द बिगड़ सकता है। राज्य सरकार ने कहा था कि अगर फिल्म रिलीज की जाती तो कट्टर समूहों के बीच तनाव पैदा हो सकता था, जिससे राज्य की शांति व्यवस्था भंग होती।
तमिलनाडु सरकार ने अपने जवाब में कहा था दर्शकों की कमी को देखते हुए सिनेमाघर मालिकों ने खुद ही फिल्म हटा दी थी।
फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने हटा दिया था बैन
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा था कि जब फिल्म सभी राज्यों में चल रही है तो यहां क्यों नहीं चल सकती।
अपने फैसले में कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार के फिल्म पर बैन के आदेश पर स्टे लगा दिया था।
तमिलनाडु सरकार को कोर्ट ने सिनेमाघरों को उचित सुरक्षा देने का आदेश दिया था।
अदा शर्मा की इस फिल्म में केरल की उन महिलाओं की कहानी दिखाई गई है, जिन्हें धोखे से ISIS में शामिल किया जाता है।