जानिए फिल्म 'शोले' से जुड़ी कुछ अनसुनी बातें
रमेश सिप्पी के निर्देशन में बनी 1975 में रिलीज हुई फिल्म 'शोले' बॉलीवुड की एक ऐसी फिल्म है जिसके बिना पुरी फिल्म इंडस्ट्री अधूरी सी लगती है। फिल्म का हर एक किरदार खास था। इसके डायलॉग्स आज भी लोगों के जहन में जिंदा हैं। फिल्म की रिलीज को चार दशक बीत चुके हैं, लेकिन इस फिल्म और इसके किरदारों से जुड़े किस्से आज भी सामने आते रहते हैं। चलिए आज इस फिल्म के बारे में कुछ दिलचस्प बातें जानते हैं।
अमजद खान नहीं होते इंडस्ट्री के 'गब्बर'
फिल्म में निभाए अमजद खान द्वारा निभाई गब्बर के किरदार को आज भी याद किया जाता है। उन्हें देखकर लगता है कि उनसे बेहतर इसे कोई नहीं निभा सकता था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गब्बर के लिए पहले डैनी डेन्जोंग्पा को ऑफर दिया गया था। दरअसल, जावेद अख्तर को अमजद की आवाज बहुत धीमी लगती थी। हालांकि, डैनी उस समय दूसरे प्रोजेक्ट्स में व्यस्त थे। इसलिए आखिरकार अजमद को ही यह रोल मिल गया।
इस फिल्म से प्रेरित है 'शोले'
रिपोर्ट्स के मुताबिक कहा जाता है कि 'शोले' 1954 में रिलीज हुई जापानी निर्देशक अकीरा कुरोसावा की फिल्म 'सेवन समुराई' से प्रेरित है। इसमें एक गांव के लोग डाकुओं के आतंक से परेशान होकर सात समुराई को अपने गांव की रक्षा की जिम्मेदारी देते हैं। इसके अलावा 'शोले' के क्लाइमेक्स सीन की बात करें तो इसमें पहले ठाकुर द्वारा गब्बर को मारा गया था जिसे किसी ने पसंद नहीं किया। बाद में बदलकर जय की मौत का सीन जोड़ा गया।
ठाकुर बनना चाहते थे धर्मेंद्र
फिल्म में रमेश सिप्पी ने जय का रोल शत्रुघ्न सिन्हा को ऑफर किया था, लेकिन उन्होंने इसे करने मना कर दिया। दरअसल, उन्हें यह साइड रोल लगा।। उनके बाद अमिताभ बच्चन ने इस किरदार को बखूबी निभाया। वहीं दूसरी ओर वीरु की भूमिका निभाने वाले धर्मेंद्र ठाकुर का रोल करना चाहते थे। हालांकि, जब उन्हें पता चला कि वीरु के अपोजिट हेमा मालिनी हैं तो वह तुरंत इसके लिए राजी हो गए।
फिल्म की शूटिंग के दौरान प्रेग्नेंट थी जया बच्चन
'शोले' की शूटिंग शुरु होने से कुछ समय पहले ही अमिताभ और जया की शादी हुई थी। फिल्म की शूटिंग के समय जया बच्चन गर्भवती थीं। वहीं हेमा मालिनी की बात करें तो उस समय हर कलाकार उनका दीवाना था। इनमें से एक धर्मेंद्र और ठाकुर का किरदार निभाने वाले संजीव कुमार भी थे। उन्होंने शूटिंग के दौरान ही हेमा मालिनी को प्रपोज भी कर दिया था। हालांकि, उन्होंने इसके लिए संजीव कुमार को इंकार कर दिया।
हेमा मालिनी नहीं बनना चाहती थीं बसंती तांगेवाली
फिल्म में हेमा मालिनी को बसंती तांगेवाली का किरदार बिल्कुल पसंद नहीं था। उन्हें इसमें कोई दम नहीं दिखा और उन्होंने लिए इंकार कर दिया। बाद में रमेश सिप्पी ने उन्हें काफी समझाया और वह इसके लिए मान गईं। वहीं ठाकुर की भूमिका के लिए प्राण को साइन किया जाने वाला था। जबकि रमेश सिप्पी फिल्म 'सीता और गीता' के बाद से संजीव कुमार की एक्टिंग के फैन हो गए थे। इसलिए उन्होंने संजीव के नाम पर ही जोर दिया।