
आमिर खान की ठुकराई इस बायोपिक से जुड़े राजकुमार राव, वकील बन पर्दे पर जमाएंगे धाक
क्या है खबर?
राजकुमार राव का नाम बॉलीवुड के उन अभिनेताओं में शुमार हैं, जिन्होंने बिना किसी गॉडफादर के दर्शकों के बीच अपनी एक खास पहचान बनाई है।
एक समय था, जब उनकी जेब में सिर्फ 18 रुपये थे और आज वह करोड़ों में खेलते हैं।
अपने दमदार अभिनय से दर्शकों के दिलों में घर कर गए राजकुमार के पास फिल्मों की कमी नहीं है। अब उनके पास नामी वकील उज्जवल निकम की बायोपिक का प्रस्ताव आया है, जिसके निर्माता दिनेश विजान हैं।
रिपोर्ट
अपने पसंदीदा अभिनेता को फिल्म का हिस्सा बना रहे दिनेश विजान
हॉरर कॉमेडी फ्रैंचाइजी चला रहे दिनेश विजान अब मशहूर वकील उज्जवल निकम पर फिल्म बनाने जा रहे हैं।
पिछली बार उनकी इस फिल्म को लेकर चर्चा तब तेज हुई थी, जब खबर आई थी कि आमिर खान ने इसका हिस्सा बनने से इनकार कर दिया है।
मिड-डे के मुताबिक, आमिर के जाने के बाद अब दिनेश ने अपने पसंदीदा अभिनेता को मैदान में उतारने की तैयारी में हैं। वह राजकुमार को उज्ज्वल निकम की भूमिका में लेने वाले हैं।
उत्साह
राजकुमार के साथ काम करने को उत्सुक निर्माता
निर्माता राजकुमार को उज्ज्वल की भूमिका में लेने के लिए उत्सुक हैं। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने अभिनेता से बात भी कर ली है और खुद राजकुमार भी इससे जुड़ने के लिए बेहद उत्साहित हैं।
दिक्कत बस इतनी है कि राजकुमार पहले से ही भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की बायोपिक में काम कर रहे हैं, जिसके निर्देशक विक्रमादित्य मोटवानी हैं औरं एक खिलाड़ी के किरदार में ढलने के लिए उन्हें बहुत मेहनत करनी है।
बायोपिक फिल्म
श्रीकांत बोला की बायोपिक में अपना कमाल दिखा चुके राजकुमार
राजकुमार को पिछली बार दृष्टिहीन उद्योगपति श्रीकांत बोला का किरदार पर्दे पर जीवंत कर दर्शकों के साथ-साथ समीक्षकों का दिल भी जीत लिया था।
अब देखना होगा कि वो दिनेश को इस फिल्म के लिए डेट्स दे पाते हैं या नहीं।
आमिर खुद इस बायोपिक से जुड़ना चाहते थे, लेकिन फिल्म में काम करने के लिए बहुत ज्यादा समय की जरूरत थी, जो उनके पास नहीं था। लिहाजा आमिर को बेमन से यह फिल्म ठुकरानी पड़ी।
परिचय
कौन हैं उज्जवल निकम?
उज्जवल निकम ने अपने करीब 30 सालों के करियर में 628 मुल्जिमों को उम्रकैद और 37 को फांसी की सजा दिलाई है।
26/11 हमले में पुलिस ने एकमात्र आतंकी हमलावार अजमल कसाब को गिरफ्तार किया था। 21 नवंबर 2012 को उसे फांसी दी गई थी। इसका मुकदमा भी उज्जवल ने ही लड़ा था। कसाब को फांसी दिला पाने में उनकी अहम भूमिका रही है।
उज्जवल को साल 2016 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।