'OMG 2' रिव्यू: यौन शिक्षा का महत्व समझाने के साथ हंसाएगी अक्षय-पंकज की यह बेहतरीन फिल्म
क्या है खबर?
अमित राय के निर्देशन में बनी फिल्म 'ओह माय गॉड 2' ने आज (11 अगस्त) सिनेमाघरों में दस्तक दे दी है।
फिल्म के ट्रेलर से ही साफ हो गया था कि इसकी कहानी एक ऐसे विषय पर आधारित है, जिसके बारे में लोग आज भी खुलकर बात नहीं करते हैं।
ऐसे में अमित अपनी फिल्म के जरिए आपको बहुत कुछ सिखाने की कोशिश करते हैं।
आइए जानते हैं कि आखिर फिल्म उम्मीदों पर खरा उतरी है या नहीं।
कहानी
महाकाल के भक्त की कहानी है 'OMG 2'
यह कहानी है कांति शरण मुद्गल (पंकज त्रिपाठी) की, जो महाकाल का भक्त है और उज्जैन नगरी में अपने परिवार के साथ रहता है।
साधारण से इस परिवार की जिंदगी उस दिन पूरी तरह से बदल जाती है, जब उनके बेटे विवेक का स्कूल में "अनैतिक कृत्य" करते हुए वीडियो वायरल होता है।
इसके बाद अनैतिक आचरण का हवाला देकर उसे स्कूल से बाहर निकाल दिया जाता है और पूरे शहर में उनके परिवार की बदनामी होती है।
कहानी
शिव के गण के साथ कहानी में आया नया मोड़
पहले कांति बेटे को दोषी मानता है, लेकिन शिव के गण (अक्षय कुमार) की एंट्री के साथ कहानी में नया मोड़ आता है।
इसके बाद कांति न सिर्फ स्कूल, शिक्षा प्रणाली और उन लोगों के खिलाफ अदालत पहुंचता है, जिन्होंने बेटे को सेक्स के बारे में गलत जानकारी दी, बल्कि वह खुद को भी कटघरे में खड़ा करता है।
अदालत में कांति का सामना वकील कामिनी (यामी गौतम) से होता है और यौन शिक्षा के महत्व पर बहस छिड़ती है।
अभिनय
पंकज हैं फिल्म के असली नायक
यूं तो फिल्म में अक्षय भगवान शिव के गण के किरदार में खूब फबते हैं और कम स्क्रीन टाइम में भी अपनी छाप छोड़ जाते हैं, लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा कि फिल्म के असली नायक पंकज हैं।
पंकज ने इस फिल्म के साथ यह साबित कर दिया है कि वह किसी भी किरदार में आसानी से ढल सकते हैं।
मालवा की बोली पर शानदार पकड़ और पिता की भूमिका में पंकज का उम्दा प्रदर्शन देखने को मिला है।
अन्य कलाकार
यामी और सहायक कलाकारों का दिखा बेहतरीन प्रदर्शन
फिल्म में वकील की भूमिका में यामी का एक नया रूप देखने को मिला है, जो काबिल-ए-तारीफ है।
पंकज के बेटे के किरदार में आरुष वर्मा बेहतरीन लगते हैं, वहीं जज पुरुषोत्तम नागर बने पवन मल्होत्रा का अभिनय शानदार है।
इसके अलावा स्कूल के संचालक के रूप में अरुण गोविल, मेडिकल स्टोर संचालक के रूप में पराग छापेकर और डॉक्टर की भूमिका में बृजेंद्र काला सहित सभी सहायक कलाकारों ने अपने प्रदर्शन से फिल्म में जान डाल दी है।
संदेश
हंसाने के साथ महत्वपूर्ण संदेश देती है फिल्म
इस फिल्म से निर्देशक अमित का प्रयास समाज में बच्चों को सही यौन शिक्षा के साथ सेक्स जैसे शब्द से सही तरह से परिचित कराना है।
फिल्म अपने किरदारों के माध्यम से जिस प्रगतिशील दृष्टिकोण को दिखाने की कोशिश करती है, वह दर्शकों तक अच्छी तरह से पहुंचा।
साथ ही बेहतरीन डायलॉग और लेखन की वजह से फिल्म अपना प्रभाव भी छोड़ने में सफल रहती है।
फिल्म आपको हंसाने के साथ ही एक बहुत ही महत्वपूर्ण संदेश भी दे जाएगी।
विस्तार
अमित का लेखन और निर्देशन कमाल
अमित का साहसी, लेकिन संवेदनशील लेखन फिल्म की जान है, जो इसकी कहानी को और अधिक प्रभावी बनाता है।
वह कुछ भी कहने से संकोच नहीं करते और ऐसे में ईमानदारी से दर्शकों तक अपनी बात पहुंचाने में सफल रहते हैं।
फिल्म की यह बात भी अच्छी लगती है कि अमित ने ज्यादा मुद्दों को न छेड़कर, केवल यौन शिक्षा के महत्व पर ही प्रकाश डाला है।
ऐसे में कहानी इधर-उधर नहीं भटकती और अंत तक आपको बांधे रखती है।
सवाल
कई सवाल उठाती है फिल्म
पंकज फिल्म में कई जगह स्कूल में सेक्स के बारे में पढ़ाने पर जोर देते हैं और कई सवाल उठाते हैं।
एक सीन में वह यह दिखाने की कोशिश करते हैं कि स्कूल में यौन शिक्षा कैसे दी जानी चाहिए और ऐसे में वह लिंग को 'लिंग' और योनि को 'स्त्री की योनि' कहते हैं और किसी भी बिंदु पर यह सुनना असहज नहीं लगता है।
ऐसे में इस फिल्म को देखने के बाद आपको एक नया नजरिया जरूर मिलेगा।
कमी
यहां खली थोड़ी सी कमी
फिल्म में हो रहा कोर्ट रूम ड्रामा शानदार है, जिसे देखकर आपको हंसी आएगी और साथ ही बहुत कुछ जानने को मिलेगा।
पंकज का शुद्ध हिंदी में बात करना और फिर जज का अपने असिस्टेंट की ओर देखकर उस बात को समझना मजेदार लगता है।
हालांकि, दूसरे भाग में अदालत में चल रही बहस थोड़ी बहुत खींची हुई लगती है।
ऐसे में कभी-कभी यह आपको खटकने लगता है, लेकिन कुछ देर में ही गाड़ी फिर पटरी पर लौट आती है।
निष्कर्ष
देखें या न देखें?
क्यों देखें?- यौन शिक्षा की जरूरत को समझाती इस फिल्म ने साबित कर दिया कि आज के समय में बच्चों को इस बारे में सिखाने और बताने की आवश्यकता है। ऐसे में अच्छी कहानी और प्रदर्शन के लिए इसे जरूर देखें।
क्यों न देखें?- अगर आप सेक्स जैसी बातों से असहज हैं तो इसे छोड़ सकते हैं, वहीं इस फिल्म को A-सर्टिफिकेट मिला है तो केवल 18 साल से ज्यादा उम्र के लोग ही इसे देख पाएंगे।
न्यूजबाइट्स स्टार- 4/5