'सेल्फी' रिव्यू: स्टार, फैन और मीडिया के बीच बेतुका तमाशा है अक्षय कुमार की 'सेल्फी'
अक्षय कुमार और इमरान हाशमी की फिल्म 'सेल्फी' शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। दोनों ही कलाकार कई दिन से इस फिल्म का प्रमोशन कर रहे थे। अब आखिरकार फिल्म दर्शकों के लिए पर्दे पर आ गई है। फिल्म का निर्देशन राज मेहता ने किया है। राज 'गुड न्यूज' और 'जुग जुग जियो' जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं। अक्षय के प्रशंसक फिल्म को लेकर खासा उत्साहित थे। आइए आपको बताते हैं कैसी है फिल्म 'सेल्फी'।
एक सच्चे फैन और सुपरस्टार के बीच है टक्कर
'सेल्फी' एक सुपरस्टार और उसके सच्चे फैन के बीच टकराव की कहानी है। RTO इंस्पेक्टर ओमप्रकाश (इमरान) और उसका 10 साल का बेटा, सुपरस्टार विजय कुमार (अक्षय) के बड़े फैन हैं। विजय के साथ एक सेल्फी लेना उनका सपना है। कहानी तब पलट जाती है जब विजय एक गलतफहमी के कारण ओमप्रकाश के ऑफिस आकर उसकी बेइज्जती कर देता है। उसे ओमप्रकाश से अपना ड्राइविंग लाइसेंस भी लेना है। विजय के ड्राइविंग लाइसेंस बनने की कहानी है 'सेल्फी'।
इमरान के सामने फीके पड़े अक्षय
इमरान को छोड़ दें तो फिल्म के हर कलाकार ने निराश किया है। अक्षय को एक तरह से अपनी ही भूमिका निभानी थी, क्योंकि उनका किरदार एक सुपरस्टार का है। उनके अभिनय में खानापूर्ति दिखती है। इमरान की प्रतिभा पर्दे पर भरपूर नजर आती है। अपने अभिनय से उन्होंने एक सुपरस्टार के 'भक्त' को बेहतरीन तरीके से पर्दे पर दिखाया है। अपने 'भगवान' से अपमान मिलने के बाद की तकलीफ भी उनके चेहरे पर साफ दिखाई देती है।
डायना और नुसरत ने भी किया निराश
फिल्म में अक्षय की जोड़ी डायना पेंटी के साथ तो इमरान की जोड़ी नुसरत भरूचा के साथ है। दोनों महिला कलाकार भी पर्दे पर दम दिखाने से चूक गईं हैं। कई जगह उनके दृश्यों को खराब लेखन ने कमजोर किया है।
रोमांच पैदा करने में असफल हुए राज मेहता
फिल्म में फैन और सुपरस्टार के टकराव का रोमांच देखने को मिल सकता था, लेकिन इस टकराव की वजह एक बेतुकी गलतफहमी है, जिसकी वजह से कहानी का वजन ही खत्म हो जाता है। कई ट्विस्ट हैं, जिन्हें दर्शकों के सामने बाद में लाया जाना चाहिए था, लेकिन निर्देशक ने उन्हें पहले ही बता दिया। कहानी का अंदाजा पहले से लग जाता है और आप बिना किसी रोमांच के इस जबरदस्ती की टक्कर के खत्म होने का इंतजार करते हैं।
किसी भी भावना को मजबूती से नहीं छू पाई फिल्म
एक डायलॉग में विजय कहता है कि उसके पास वक्त नहीं है, क्योंकि उसे साल में कई फिल्में, ऐड, OTT और रिएलिटी शो करने होते हैं। इस फिल्म की मेकिंग में भी यही जल्दबाजी दिखती है। कॉमेडी के नाम पर फूहड़ संवाद हैं और मीडिया पर कटाक्ष करने की बेकार कोशिश। न फिल्म में रोमांस है, न गाने, न एक्शन, न दर्शन, न इमोशन। फिल्म में कई भावुक ट्विस्ट हो सकते थे, लेकिन निर्देशक ने उस ओर ध्यान नहीं दिया।
कच्ची स्क्रिप्ट, खराब स्क्रीनप्ले और संगीत
फिल्म की स्क्रिप्ट ने सारा खेल खराब कर दिया। सब कुछ इतना उम्मीद के मुताबिक है कि 2 घंटे 23 मिनट की यह फिल्म बोझिल लगती है। फिल्म का स्क्रीनप्ले बेहद साधारण है और उसे फिल्माने में जल्दबाजी की गई है। रही-सही कसर कलाकारों की ओवरएक्टिंग ने पूरी कर दी। फिल्म में ओमप्रकाश और उसके बेटे के बीच के भावुक दृश्य को संगीत से मजबूत बनाया जा सकता था, लेकिन फिल्म का संगीत दो प्रमोशनल गानों तक ही रह गया।
देखें या न देखें?
क्यों देखें?- यह फिल्म केवल इमरान के लिए देखी जा सकती है, वहीं अक्षय के प्रशंसक तो इसे देखेंगे ही। क्यों न देखें?- फिल्म में कोई मनोरंजन नहीं है, कहानी उबाऊ, बेतुकी और बेहद लंबी है। अक्षय या इमरान के प्रशंसक नहीं हैं तो यह फिल्म आपको झेलनी पड़ जाएगी इसलिए देखने से पहले सोच लें। न्यूजबाइट्स स्टार - 1.5/5
न्यूजबाइट्स प्लस
'सेल्फी' साल 2019 में आई मलयालम ब्लॉकबस्टर फिल्म 'ड्राइविंग लाइसेंस' की आधिकारिक रीमेक है। 'ड्राइविंग लाइसेंस' में पृथ्वीराज सुकुमारन और सूरज वेंजारामूडु नजर आए थे। 'ड्राइविंग लाइसेंस' अमेजन प्राइम वीडियो पर उपलब्ध है। 'सेल्फी' को सिनेमाघरों के बाद डिज्नी+ हॉटस्टार पर रिलीज किया जाएगा।