ऑस्कर में दिखाई जाएंगी ये 12 कालजयी हिंदी फिल्में, दिखेंगे भारतीय सिनेमा के अलग-अलग रंग
क्या है खबर?
भारतीय सिनेमा के इतिहास में कई ऐसी फिल्में हैं, जिन्हें दर्शकों का बेशुमार प्यार मिला। इन फिल्मों ने न सिर्फ देश, बल्कि दुनियाभर में अपनी सफलता का परचम लहराया।
अब ऐसी ही कुछ 12 क्लासिक फिल्मों को ऑस्कर 2025 में दिखाया जाएगा और यह भारतीय सिनेमा के इतिहास में पहली बार होगा।
आइए जानते हैं कौन-कौन सी हैं वो फिल्में, जिनकी स्क्रीनिंग एकेडमी म्यूजियम ऑफ मोशन पिक्चर्स में होने वाली है।
स्क्रीनिंग
7 मार्च से 19 अप्रैल तक चलेगी फिल्मों की स्क्रीनिंग
भारतीय सिनेमा की दीवानगी दुनियाभर में है। लॉस एंजिल्स में होने वाले एकेडमी म्यूजियम ऑफ मोशन पिक्चर्स में भारत की 10 से ज्यादा फिल्में दिखाई जाने वाली हैं, जिसमें अमिताभ बच्चन से लेकर शाहरुख खान की भी फिल्मों के नाम शामिल हैं।
इसमें भारतीय सिनेमा के अलग-अलग रंगों को दिखाने कुल 12 फिल्मों को दिखाया जाना है, जो कि 7 मार्च से शुरू कर दी जाएगी। फिल्मों को दिखाने का ये सिलसिला 19 अप्रैल तक चलेगा।
फिल्म
'मदर इंडिया' होगी ऑस्कर में दिखाई जाने वाली सबसे पुरानी हिंदी फिल्म
म्यूजियम ऑफ मोशन पिक्चर्स में शामिल की गईं 12 फिल्मों में हिंदी फिल्मों के साथ ही साथ तमिल फिल्म, बांग्ला फिल्म, मलयालम फिल्म और मणिपुरी फिल्मों के नाम भी शामिल हैं.।
इन सभी फिल्मों में सबसे पुरानी फिल्म सुनील दत्त और नरगिस दत्त की फिल्म 'मदर इंडिया' शामिल है, जो साल 1957 में रिलीज हुई थी।
इस फिल्म को महबूब खान ने निर्देशित किया था और ये भारत की वो पहली फिल्म थी, जिसने ऑस्कर के लिए नामांकन पाया था।
फिल्में
बाकी फिल्मों में ये 11 नाम शामिल
बाकी फिल्मों में 1962 की बंगाली फिल्म 'कंचनजंगा', 1976 की हिंदी फिल्म 'मंथन', 1977 में आई फिल्म 'अमर अकबर एंथनी', 1979 में रिलीज हुई मलयालम फिल्म 'कुम्माटी', 1990 की मणिपुरी फिल्म 'ईशानो', 1997 की तमिल फिल्म इरुवर, 1987 में आई हिंदी फिल्म 'मिर्च मसाला', 2002 की फिल्म 'देवदास;, 1995 की 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे', 2008 की 'जोधा अकबर' और 1972 में आई हिंदी फिल्म 'माया दर्पण' शामिल है।
इन फिल्मों के जरिए दुनियाभर में भारतीय फिल्मों का जश्न मनाया जाएगा।
शुरुआत
सबसे पहले होगी 'मदर इंडिया' की स्क्रीनिंग
7 मार्च से एकेडमी म्यूजियम ऑफ मोशन पिक्चर्स में फिल्में दिखाई जाएगी, जिसमें सबसे पहली फिल्म 'मदर इंडिया' है। इसके बाद बाकी की फिल्में 19 अप्रैल तक दिखाई जाएंगी।
ये वो फिल्में हैं, जिन्हें लोगों ने अपनी यादों में संजोए रखा और खूब प्यार लुटाया।
ये फिल्में सिनेमाई कलात्मकता के उत्सव से कहीं ज्यादा हैं। भारत में, रंग हमारी संस्कृति और कलात्मकता के ताने-बाने में गहराई से बुना हुआ है और इसकी झलक हमारे सिनेमा में साफ नजर आती है।