#NewsBytesExplainer: क्या होता है स्टोरीबोर्ड? जानिए फिल्म निर्माण में इसका महत्व और लाभ
सिनेमा जगत में हर साल कई सारी फिल्मों का निर्माण होता है, जो लोगों का भरपूर मनोरंजन करती हैं। बड़े पर्दे पर फिल्में आकर्षक लगती हैं तो कुछ सीन बेहद खूबसूरत नजर आते हैं, लेकिन किसी भी सीन को पर्दे पर लाने से पहले निर्देशक उसकी छवि तैयार कराते हैं। छवि तैयार कराने का काम शूटिंग शुरू होने से पहले होता है, जिसे स्टोरीबोर्ड कहा जाता है। आइए जानते हैं कि स्टोरीबोर्ड क्या है और कैसे काम करता है।
क्या होता है स्टोरीबोर्ड?
स्टोरीबोर्ड वो प्रक्रिया है, जिसमें एक फिल्म को शूट करने से पहले उसके सारे सीन को कागज पर उतार लिया जाता है। इसमें कैमरा ऐंगल क्या रखा जाएगा, कैसे सीन को शूट करना है और कब कहां फोकस करना है, इन सब बातों का ध्यान में रखा जाता है। आसान भाषा में समझे तो जो सीन आपको पर्दे पर नजर आता है, उसी सीन को फिल्माने से पहले निर्देशक उसका स्टोरीबोर्ड बनवाते हैं। यह एकदम असली सीन जैसा होता है।
क्या करते हैं स्टोरीबोर्ड आर्टिस्ट?
सबसे पहले निर्देशक फिल्म के लिए अपने शॉट की सूची तैयार करता है। इसके बाद निर्देशक या प्रोडक्शन हाउस की ओर से एक स्टोरीबोर्ड आर्टिस्ट को फिल्म का हिस्सा बनाया जाता है। स्टोरीबोर्ड आर्टिस्ट के आने के बाद निर्देशक उसे अपने हर शॉट की जानकारी देता है कि वह किस ऐंगल से क्या शूट करना चाहता है। इसके बाद सभी बातों को ध्यान में रखकर आर्टिस्ट पूरा स्टोरीबोर्ड तैयार करता है, यह एक कॉमिक बुक की तरह लगता है।
प्री-प्रोडक्शन का हिस्सा होता है स्टोरीबोर्ड
स्टोरीबोर्ड बनाना प्री-प्रोडक्शन का हिस्सा होता है, लेकिन इसकी शुरुआत शूटिंग की जगह पक्की होने के बाद होती है ताकि बाद में कोई परेशानी न आए। अगर स्टोरीबोर्ड बनने के बाद जगह में बदलाव होता है तो प्रॉप भी बदल जाते हैं। ऐसे में जगह को ध्यान में रखकर आर्टिस्ट को दोबारा काम करना पड़ता है। स्टोरीबोर्ड तैयार होने के बाद सभी विभागों को मुहैया कराया जाता है, जैसे कैमरामैन, आर्ट डायरेक्टर और लाइट विभाग ताकि वे तैयारी कर सकें।
ऐसे समझें
स्टोरीबोर्ड में कैमरा ऐंगल दिखाया जाता है, ऐसे में कैमरामैन शूटिंग से पहले कैमरे को सही जगह पर सेट कर देते हैं। इसी तरह आर्ट डायरेक्टर सीन की जरूरत के हिसाब से उसमें प्रॉप रखते हैं और लाइट विभाग भी लाइट लगा देता है।
कितनी तरह के होते हैं स्टोरीबोर्ड?
स्टोरीबोर्ड हमेशा से फिल्म निर्माण का हिस्सा रहे हैं, वहीं पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न प्रकार के स्टोरीबोर्ड बनने लगे हैं। सबसे पहला पारंपरिक स्टोरीबोर्ड होता है, जिसमें पेंसिल या स्याही से चित्रों की श्रृंखला बनाई जाती है। दूसरा तरीका है, थंबनेल स्टोरीबोर्ड का, जिसमें छोटे चित्र बनाए जाते हैं। इसका इस्तेमाल अंतिम स्टोरीबोर्ड से पहले बस विचार को समझाने के लिए होता है। आखिरी तरीका एनिमेटेड स्टोरीबोर्ड का है, जिनमें कुछ डायलॉग और संगीत भी जोड़ दिए जाते हैं।
स्टोरीबोर्ड से होने वाले लाभ
स्टोरीबोर्ड की मदद से न सिर्फ निर्देशक का फिल्म बनाने का सही दृष्टिकोण पूरे क्रू को मिल जाता है बल्कि सेट पर होने वाली दिक्कतें भी कम हो जाती हैं। सीन में क्या और कैसे शूट होगा ये सही समय पर सभी को पता रहता है, जिससे वे अपनी जिम्मेदारी संभाल लेते हैं। कई बार जो सीन निर्देशक ने सोचा होता है, वो अच्छे से उभरकर नहीं आता। ऐसे में समय रहते उसमें बदलाव की गुंजाइश भी मिल जाती है।
ये भी होते हैं फायदे
स्टोरीबोर्ड करने का सबसे बड़ा फायदा ये भी है कि इससे समय के साथ पैसे भी बच जाते हैं। दरअसल, निर्देशक को पहले ही पता होता है कि कब और कहां कैसे शूटिंग होनी है, ऐसे में बेवजह के सीन नहीं फिल्माए जाते। इससे पूरी टीम का समय बचता है, जिसका सीधा असर फिल्म के बजट पर पड़ता है और प्रोडक्शन में भी आसानी हो जाती है। ऐसे में फिल्म निर्माण में इसका महत्व बढ़ जाता है।
ये थी स्टोरीबोर्ड का इस्तेमाल करने वाली पहली फिल्म
1937 से 1938 तक, सभी अमेरिकी एनिमेशन स्टूडियो स्टोरीबोर्ड का उपयोग करने लगे थे। 1939 में फिल्म 'गॉन विद द विंड' पहली लाइव-एक्शन फिल्मों में से एक थी, जिसमें पूरी तरह से स्टोरीबोर्ड का इस्तेमाल हुआ था। अब बॉलीवुड में भी इसका इस्तेमाल होता है।
विज्ञापनों का होते हैं अहम हिस्सा
वैसे तो ज्यादातर निर्देशक अपनी फिल्मों के लिए स्टोरीबोर्ड बनवाते ही हैं, लेकिन VFX और एनिमेशन वाली फिल्मों के लिए ये जरूरी होते हैं। इससे ग्रीन स्क्रीन (क्रोमा) को हटाकर पीछे क्या लगाना है या कब क्या होने जा रहा, वो क्रू को आसानी से बताया जाता है। इसके अलावा विज्ञापन में भी ये अहम भूमिका निभाते हैं। अमूमन विज्ञापन 30 सेकंड के होते हैं और ऐसे में वीडियो कैसे बनेगा ये विज्ञापनदाता को इसकी मदद से समझाया जाता है।
न्यूजबाइट्स प्लस
अभिनेता हर्षवर्धन राणे ने फिल्म 'सनम तेरी कसम' के लिए अपनी गर्लफ्रेंड से अलग-अलग आकृति का इस्तेमाल कर स्टोरीबोर्ड बनवाए थे। अभिनेता को डिस्लेक्सिया है, जिस वजह से शब्दों को याद रखने में उन्हें परेशानी होती है। ऐसे में इससे उन्हें काफी मदद मिली थी।