बॉलीवुड फिल्मों में बढ़ता VFX का चलन, जानिए इस तकनीक के बारे में सबकुछ
एक समय VFX जैसे बॉलीवुड के लिए एक नया शब्द था, लेकिन अब हिंदी सिनेमा VFX के साथ एक नए युग में जा रहा है। कैसे एक हाथ से आग निकलकर सामने वाले के सीने में जा लगती है, ये VFX का ही कमाल है। बॉलीवुड में तकनीक के क्षेत्र में दर्शकों तक उम्दा मनोरंजन पहुंचाने की पूरी कोशिश की जा रही है। ऐसे में आपको बताते हैं VFX से जुड़ीं सभी जरुरी बातें, जिससे शायद आप अनजान होंगे।
आखिर क्या है VFX?
VFX की फुल फॉर्म है विजुअल अफेक्ट्स। यह एक कंप्यूटर सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी है, जिसने फिल्ममेकिंग और एक्टिंग की कायापलट करके रख दी है। साधारण शब्दों में यह कहा जा सकता है कि किसी भी फिल्म या उसके दृश्य में जान फूंकने के लिए VFX का इस्तेमाल किया जाता है, ताकि वो आकर्षक लगे। इसका इस्तेमाल कर फिल्मों में दिखाए गए दृश्य इतने वास्तविक और साफ होते हैं, मानों असल में ऐसा कुछ हो रहा हो।
VFX के प्रकार
VFX की प्रक्रिया को तीन भागों में बांटा जा सकता है। पहला भाग है CGI (कंप्यूटर जेनेरेटेड इमेज)। इसमें कम्पूटर की मदद से 2D और 3D इमेज या बैकग्राउंड बनाए जाते हैं। दूसरा है कंपोजिटिंग, जिसमें VFX आर्टिस्ट एक ही तस्वीर/वीडियो में कई तस्वीरें/वीडियो जोड़ते हैं। इसे क्रोमा कीइंग भी कहा जाता है। तीसरा भाग है मोशन कैप्चर, जिसमें किसी भी एक्टर को डिजिटल रिकॉर्ड किया जाता है। फिर उसको CGI के बनाए मॉडल में ट्रांसफर कर दिया जाता है।
ये सॉफ्टवेयर बनाते हैं बेहतरीन VFX
VFX बनाने के सबसे बेहतरीन सॉफ्टवेयर की सूची में न्यूक, माया, मारी, रियलफ्लो, शॉटगन, एडोब और रेडशिफ्ट शामिल हैं, वहीं ब्लेंडर VFX, हिटफिल्म एक्सप्रेस, 4डी सिनेमा, फ्यूजन और ऑटोडेस्क माया कुछ ऐसे साफ्टवेयर हैं, जिनसे मुफ्त में VFX बनाए जा सकते हैं।
फिल्मों में कैसे होता है VFX का इस्तेमाल?
फिल्म के किसी भी सीन में विजुअल अफेक्ट लगाने से पहले निर्देशक और कलाकार उस सीन की शूटिंग कर लेते हैं। जब कलाकार अभिनय कर रहा होता है तो उसके पीछे हरे रंग या नीले रंग का एक पर्दा लगा दिया जाता है। उसके बाद VFX सॉफ्टवेयर की मदद से उसका बैकग्राउंड पूरी तरह से बदल दिया जाता है। फिर एक ऐसा दृश्य बनकर सामने आता है, जो कल्पना से परे होता है और असल में नहीं किया जा सकता।
निर्माता-निर्देशक, कहानीकार और दर्शक, किसे कितना फायदा?
अगर हम कहानीकार या निर्देशक के लिहाज से बात करें तो VFX के आने से उन्हें हैरतअंगेज दृश्यों को सोचने की पूरी आजादी मिल गई है। पहले खतरनाक दृश्यों को फिल्माने के दौरान हीरो की जान पर बन आती थी, लेकिन VFX ने उनका काम काफी आसान कर दिया है, वहीं इस तकनीक के जरिए दर्शकों को रोमांचकारी दृश्य देखने को मिल जाते हैं। दूसरी तरफ निर्माताओं को फिल्म की पृष्ठभूमि तैयार करने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती।
VFX के चलन से फिल्मों को मिल रहा नया तेवर
यूं तो 90 के दशक से फिल्मों में कंप्यूटर ग्राफिक्स का इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन 2022 आते-आते इसने नए आयाम छुए हैं। बॉलीवुड VFX के मोह से नहीं बच पा रहा है। बजट का एक बड़ा हिस्सा इसपर फूंका जा रहा है। फिल्मों में भव्यता का स्तर काफी ऊंचा हो चुका है। अक्सर सुनने में आता है कि VFX के चलते फिल्म में देरी हो रही है। आज अंदाजन 80 फीसदी फिल्मों में VFX का इस्तेमाल हो रहा है।
अमूमन 100 से 1,500 लोगों की टीम देती है VFX को अंजाम
किसी भी सीन को विजुअल अफेक्ट्स देने के लिए अलग-अलग आर्टिस्ट काम करते हैं। इसके लिए 100 से 1,500 लोगों की आवश्यकता हो सकती है। अगर VFX से लबरेज फिल्म है तो फिल्म के बजट का 40 से 50 प्रतिशत उसके VFX पर खर्च होता है। विजुअल अफेक्ट्स डालना एक काफी मेहनत का काम होता है। इसके लिए एक-एक फ्रेम पर काम करना होता है और एक सेकंड के वीडियो में 24 या इससे ज्यादा फ्रेम भी हो सकते हैं।
VFX ने बदली इन फिल्मों की शक्ल
'बाहुबली' की दोनों फिल्में VFX के बिना संभव ना हो पातीं। 'कृष 3' बॉलीवुड की बेहतरीन VFX फिल्मों में से एक है। हाल ही में आई 'ब्रह्मास्त्र' की तो जान ही VFX है। 'रा वन' और 'धूम 3' ने अपने अद्भुत VFX से चौंका दिया था। रजनीकांत की '2.0' में आश्चर्यजनक एक्शन सीन VFX की मदद से फिल्माए गए थे। 'तान्हाजी', 'RRR', 'पद्मावत', 'फैन', 'टाइगर जिंदा है', 'किक' और 'भाग मिल्खा भाग' में भी इस तकनीक का खूब इस्तेमाल हुआ।
ये फिल्में होंगी VFX से लबरेज
आने वाली फिल्मों में वरुण धवन की फिल्म 'भेड़िया' VFX से भरपूर होगी। फिल्म का ट्रेलर देख लोग इसके VFX की तारीफ के कसीदे पढ़ चुके हैं। प्रभास और सैफ अली खान की बहुचर्चित फिल्म 'आदिपुरुष' के VFX में भी निर्माताओं ने पानी की तरह पैसे बहाए हैं। दीपिका पादुकोण और ऋतिक रोशन की फिल्म 'फाइटर' में भी VFX पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। शाहरुख खान की फिल्म 'पठान' में VFX का पूरा ध्यान रखा गया है।
न्यूजबाइट्स प्लस
विक्रम भट्ट की फिल्म 'जुदा होके भी' वर्चुअल वर्ल्ड में शूट हुई भारत की पहली फिल्म है, जो दो कंप्यूटर के भीतर शूट हुई है। कोई भी लोकेशन असल में नहीं है। कलाकारों के साथ सीन को वर्चुअल दुनिया के अंदर शूट किया गया है।