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ऐसा रहा लता मंगेशकर की गायिकी का सफर, संघर्ष के बाद मिली मंजिल
ऐसा रहा लता मंगेशकर की गायिकी का सफर

ऐसा रहा लता मंगेशकर की गायिकी का सफर, संघर्ष के बाद मिली मंजिल

Feb 06, 2022
05:46 pm

क्या है खबर?

गायिका लता मंगेशकर का आज (6 फरवरी) सुबह निधन हो गया है। कोरोना वायरस की जटिलताओं के कारण उनका देहांत हुआ। उनके अंतिम दर्शन के लिए फैंस की भीड़ उमड़ी। अपने लंबे करियर में लता ने कई कीर्तिमान बनाए। उनका सफर बिल्कुल भी आसान नहीं रहा और उन्हें काफी संघर्ष के बाद मंजिल मिली है। आइए, लता के सफर पर नजर डालते हैं।

पिता

13 साल की उम्र में लता ने खोया था अपना पिता

महाराष्ट्र में एक थिएटर कंपनी चलाने वाले कलाकार दीनानाथ मंगेशकर के घर लता का जन्म हुआ था। उनका जन्म 28 सितंबर, 1929 को इंदौर में हुआ था। उनके पिता दीनानाथ भी एक कुशल रंगमंचीय गायक थे। उन्होंने पांच साल की लता को ही संगीत सीखाना शुरू कर दिया था। उनके लिए संगीत का यह सफर आसान नहीं रहा। जब वह मात्र 13 साल की थीं, तो उनके पिता गुजर गए थे।

जानकारी

चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी थीं लता

चार भाई-बहनों में लता सबसे बड़ी थीं। लता के बाद मीना खड़ीकर का जन्म हुआ और उसके बाद आशा भोसले पैदा हुईं। आशा के बाद उषा मंगेशकर का जन्म हुआ। हृदयनाथ मंगेशकर लता के छोटे भाई थे। सभी भाई-बहनों का जुड़ाव संगीत से रहा।

अवसर

पतली आवाज के कारण लता को गंवाने पड़े कई मौके

पिता दीनानाथ के गुजर जाने के बाद बड़ी बहन होने के नाते उनके कंधों पर पूरे परिवार का खर्च चलाने का जिम्मा आ गया। शुरुआत में उन्हें रोजी-रोटी के लिए दर-दर भटकना भी पड़ा। उन्होंने 1942 में एक मराठी फिल्म 'किती हासिल' में गाना गाकर अपने करियर की शुरुआत की थी, लेकिन बाद में यह गाना फिल्म से हटा दिया गया था। उन्हें उनकी पतली आवाज के कारण कई मौके गंवाने पड़े थे।

बॉलीवुड में एंट्री

'आपकी सेवा में' के जरिए लता की हिन्दी फिल्मों में हुई एंट्री

हिन्दी फिल्मों में लता की एंट्री तब हुई, जब उन्हें फिल्म 'आपकी सेवा में' गाने का मौका मिला। लता का सितारा पहली बार 1949 में चमका और इसी वर्ष उनकी चार फिल्में रिलीज हुईं जिनमें 'बरसात', 'दुलारी', 'महल' और 'अंदाज' शामिल है। 'महल' में उनका गाया गाना 'आएगा आने वाला' के बाद उनकी फैन फॉलोइंग में जबरदस्त इजाफा हुआ। 'दो बीघा जमीन', 'मदर इंडिया', और 'मुगल-ए-आजम' में गाए उनके गाने आज भी प्रशंसकों के जुबां पर हैं।

सम्मान

कई पुरस्कारों से सम्मानित हैं लता

लता के करियर की बात करें तो उनकी गायिकी का दुनिया दीवाना रहा। अपने सात दशक लंबे करियर में लता ने विभिन्न भाषाओं में 30,000 से ज्यादा गानें गाए हैं। 2001 में उन्हें भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' दिया गया था। 1989 में लता को दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी शामिल है। वह ना सिर्फ देश, बल्कि विदेशों में भी बेहद लोकप्रिय हैं।

जानकारी

न्यूजबाइट्स प्लस (फैक्ट)

लता ने लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, राहुल देव बर्मन, सदाबहार गायक किशोर कुमार, मन्ना डे, मुकेश और मोहम्मद रफी जैसे कलाकारों के साथ भी काम किया है। इसके अलावा उन्होंने अपनी बहनों आशा और उषा के साथ भी काम किया है।