न्यूजीलैंड के पूर्व ऑलराउंडर ब्रूस टेलर का निधन, भारत के खिलाफ डेब्यू में बनाया था रिकॉर्ड
न्यूजीलैंड के पूर्व ऑलराउंडर ब्रूस टेलर का 77 वर्ष की आयु में अस्पताल में निधन हो गया। 30 टेस्ट में न्यूजीलैंड की टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके ब्रूस लम्बे समय से बीमार चल रहे थे। बता दें कि ब्रूस टेलर ने डेब्यू टेस्ट में शतक लगाया और गेंदबाजी में पांच विकेट लेने का कारनामा किया है और ऐसा कारनामा करने वाले अब भी इकलौते खिलाड़ी हैं। आइए एक नजर डालते हैं पूरी खबर पर।
न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड ने दुख जाहिर किया
न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड (NZC) ने ब्रूस के निधन पर अपना दुख जाहिर किया है। बोर्ड ने ट्वीट किया, 'NZC को 77 साल के ऑलराउंडर ब्रूस के निधन से दुःख पंहुचा है। टेस्ट करियर में 30 मैच खेलने वाले ब्रूस एकमात्र ऐसे खिलाड़ी रहे, जिन्होंने अपने डेब्यू मैच में शतक के साथ-साथ पांच विकेट (फाइव विकेट हाल) का कारनामा किया है। हमारे सांत्वना उनके परिवार और करीबी साथियों के साथ है।'
ब्रूस ने डेब्यू टेस्ट में किया था कारनामा
ब्रूस ने भारत के खिलाफ 1965 में कोलकाता में अपना डेब्यू किया था। उन्होंने अपनी पहली पारी में 14 चौके और तीन छक्के की मदद से 105 रन बनाए थे। उनके शतक के बाद मेहमान टीम ने नौ विकेट खोकर 462 के बड़े स्कोर पर पारी घोषित की थी। दूसरी तरफ उन्होंने गेंदबाजी में भारत की पहली पारी में 86 रन देकर पांच विकेट झटके थे। ईडन गार्डन में खेला गया यह टेस्ट ड्रा रहा था।
ऐसा रहा है ब्रूस का अंतरराष्ट्रीय करियर
साल 1965 में ब्रूस ने अपना टेस्ट डेब्यू किया और 30 टेस्ट में 20.40 की औसत से 898 रन बनाए हैं। बाएं हाथ के बल्लेबाज ब्रूस ने दो शतक और दो अर्धशतक भी लगाए। दूसरी तरफ गेंदबाजी में ब्रूस ने पारी में 7/74 की बेस्ट प्रदर्शन के साथ 111 विकेट लिए हैं। वहीं उन्होंने दो वनडे खेले, जिसमें बल्ले से 22 रन और गेंदबाजी में चार विकेट हासिल किए हैं।
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व गेंदबाज सैम गैनन का भी निधन
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज सैम गैनन भी 73 साल की उम्र में निधन हो गया। 1977 में भारत के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू करने वाले सैम का अंतरराष्ट्रीय करियर सीमित रहा है। उन्होंने तीन टेस्ट में 3.97 की औसत से 11 विकेट लिए हैं। संन्यास लेने के बाद गैनन एक दशक से अधिक समय तक पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष और अध्यक्ष बने। गैनन को 2017 में ऑर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया का पदक दिया गया था।